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property transfer kaise kare

प्रॉपर्टी को खरीदते तथा ट्रांसफर करते समय काफी सावधानी रखने की जरूरत होती है. प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने के 4 तरीके (Property transfer types) हैं जिनमें सेल डीड, गिफ्ट डीड, Relinquishment Deed और विल होती है. इन 4 विकल्प में से आप किसी एक को अपनी जरूरत के हिसाब से चुन सकते हैं. इनमें हर एक का रोल अलग-अलग होता है.

#1. सेल डीड या बिक्रीनामा (Sell Deed in Hindi)

जब आप अपनी प्रॉपर्टी को किसी दूसरे व्यक्ति को पैसों के बदले बेचते हैं तो उसे सेल डीड या बिक्रीनामा (What is Sell Deed?) कहते हैं. ये एक एग्रीमेंट होता है जिसमें प्रॉपर्टी ट्रांसफर की शर्ते लिखी होती हैं. इसमें संपत्ति के विक्रय के लिए दो पक्षों के बीच तय हुई शर्तों का कांट्रैक्ट होता है.

सावधानी

– बिक्रीनामा लिखित और कानूनी होना चाहिए.
– बिक्रीनामा बनवाते वक़्त दो गवाह जिनके पास आधार कार्ड हो उनके साइन होने चाहिए.
– प्रॉपर्टी का साइज और उसकी कीमत बिक्रीनामा में लिखी होना चाहिए.
– प्रॉपर्टी किस जगह पर किस दिशा में है, उसकी कितनी कीमत किस तरह से चुकाई है ये सारी जानकारी बिक्रीनामा में लिखी होती है.

स्टांप ड्यूटी (Stamp Duty on Registry)

हर राज्य के हिसाब से स्टम्प ड्यूटी अलग-अलग होती है. अगर दिल्ली की बात करें तो यहाँ महिला के नाम से बिक्रीनामा बनाए जाने पर स्टम्प ड्यूटी सम्पूर्ण प्रॉपर्टी की 4% कीमत होती है. इसके साथ ही आपको 4% का एक प्रतिशत और भी देना होता है. अगर पुरुष के नाम पर बिक्रीनामा बनाया जाता है तो उस पर 5 प्रतिशत स्टम्प ड्यूटी और 1 प्रतिशत अन्य ड्यूटी लगती है.

#2. गिफ्ट डीड (Gift Deed of Property)

कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छा अनुसार अपनी प्रॉपर्टी को किसी व्यक्ति को दान या गिफ्ट के रूप में देता है तो उस तरह के प्रॉपर्टी ट्रांसफर को गिफ्ट डीड (What is Gift Deed?) कहा जाता है. इस तरह के प्रॉपर्टी ट्रांसफर में प्रॉपर्टी के बदले में कुछ भी नहीं लिया जाता है. अगर सामने वाला व्यक्ति उस प्रॉपर्टी के बदले कोई कीमत लेता है तो गिफ्ट का अर्थ समपट हो जाता है.

सावधानी

– गिफ्ट डीड में भी सेल डीड की तरह ही लिखित और कानूनी बिक्रीनामा बनाया आता है.
– बिक्रीनामा में प्रॉपर्टी का विवरण स्पष्ट रूप से किया जाना चाहिए.
– गिफ्ट डीड बनाने के लिए भी दो गवाह की जरूरत पड़ती है जिनके पास आधार कार्ड हो.

स्टांप ड्यूटी (Stamp duty on gift deed)

गिफ्ट डीड के माध्यम से ट्रांसफर की गई प्रॉपर्टी पर भी स्टांप ड्यूटी आपको देनी होती है. इस पर उतनी ही स्टांप ड्यूटी लगती है जितनी कि सेल डीड बनाते वक़्त ली गई थी.

#3. Relinquish Deed या त्याग नामा (Relinquish deed of property)

जब किसी प्रॉपर्टी का मालिक अपनी इच्छा से अपने हिस्से की प्रॉपर्टी का त्याग करके उसे दूसरे हिस्सेदार को देता है तो उसे Relinquish Deed कहते हैं. हिन्दू प्रॉपर्टी एक्ट के तहत आप अपने भाई या ब्लड रिलेशन में किसी रिश्तेदार के नाम पर अपनी प्रॉपर्टी दे सकते हैं. जैसे आप घर में 2 भाई है और दोनों के हिस्से में बराबर जमीन है. ऐसे में आप चाहते हैं कि आप अपनी प्रॉपर्टी भी अपने भाई को दे दें तो वो प्रॉपर्टी ट्रांसफर Relinquish Deed यानी त्याग नामा के तहत होगी. इसमें आपको अपनी पूरी प्रॉपर्टी को ट्रांसफर करना होगा.

स्टांप ड्यूटी (Stamp duty on relinquish deed)

इस तरह के प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने पर राज्य के अनुसार नाममात्र की फीस लगती है. इसमें काफी कम स्टांप ड्यूटी के साथ आप प्रॉपर्टी ट्रांसफर कर सकते हैं.

#4. विल या वसीयत (Will of property)

वसीयत एक ऐसा दस्तावेज़ होता है जिसमें ये लिखा होता है कि प्रॉपर्टी के मालिक की मृत्यु के बाद उस प्रॉपर्टी पर किसका अधिकार होगा. वसीयत प्रॉपर्टी और बिजनेस दोनों के लिए बनाई जाती है. इसके जरिये एक व्यक्ति अपनी इच्छा से अपनी मृत्यु के बाद अपनी चल या अचल संपत्ति का अधिकार दूसरे व्यक्ति को सौंपता है.

वसीयत लिखने की शर्तें (Conditions for Will)

– वसीयत बनवाने वाले की उम्र 18 साल से अधिक होना चाहिए.
– वसीयत लिखित में होनी चाहिए और इसकी एक कॉपी रजिस्ट्रार तथा दूसरी कॉपी आपके पास होनी चाहिए.
– वसीयत में दो गवाहों के सिग्नेचर होना चाहिए.

प्रॉपर्टी ट्रांसफर के ये 4 मुख्य तरीके थे जिनका सबसे ज्यादा उपयोग वर्तमान में किया जाता है. अगर आप प्रॉपर्टी ट्रांसफर करवा रहे हैं तो उसे नोटरी के माध्यम से न करवाए, इसकी मान्यता होती तो है लेकिन थोड़ी कम होती है. प्रॉपर्टी का काम आपको रजिस्ट्रार ऑफिस से स्टम्प ड्यूटी देकर ही करवाना चाहिए.

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