दूसरों की जिंदगी में झांकना अनादि काल से मनुष्य का शगल रहा है. ढंके हुए को देखने की उत्सुकता मनुष्य के स्वाभाव के आधारभूत अवगुणों में नैसर्गिक रूप से शामिल रही है. ताकझांक की भूमिका पर सस्पेंस के बादशाह अल्फ्रेड हिचकॉक (Sir Alfred Joseph Hitchcock) ने वर्ष 1954 में एक दिलचस्प फिल्म ‘रियर विंडो बनाई थी. पांच दशक में फैले इस प्रतिभाशाली फ़िल्मकार का करियर सिने जगत को रहस्य, रोमांच और मनोवैज्ञानिक भय से रूबरू कराते हुए अपना आकर्षण बनाए हुए है.
ब्रिटेन से अमेरिका तक फैला हिचकॉक का फ़िल्मी सफर
हिचकॉक का फ़िल्मी सफर ब्रिटेन से लेकर अमेरिका तक फैला हुआ है. कैमरे का एंगल, फिल्म की एडिटिंग और चौकाने वाला एंड दुनिया भर के फिल्मकारों ने हिचकॉक के इन नायाब नुस्खों को बखूबी अपनाया. दुनिया भर के कई डायरेक्टर खुद को हिचकॉक स्कूल का स्टूडेंट मानने में गर्व महसूस करते हैं.
Hitchcock The Master of Suspens
मामूली सब्जी विक्रेता के बेटे हिचकॉक ने साइलेंट फिल्मों के दौर से अपना करियर शुरू किया. उस समय की उनकी बनाई 20 से अधिक फ़िल्में ब्रिटिश फिल्म इंस्टिट्यूट की धरोहर हैं. हिचकॉक हमेशा ही अपने पसंदीदा सब्जेक्ट हॉरर और सस्पेंस से जुड़े रहे.
उनकी कॉमेडी और रोमांटिक फिल्मों में भी सस्पेंस का तड़का होता था. यही वजह है कि उनके नाम के साथ The Master of Suspense की उपाधि जुड़ी हुई है. हिचकॉक ने करीबन 60 से अधिक फिल्मों को प्रोड्यूस और डायरेक्ट किया और सभी फिल्मों में उनका ‘कैमियो अपीयरेंस’ होता ही था. उनके इस सिग्नेचर स्टाइल को आज भी कॉपी किया जाता है.
One of the top 10 films from Hitchcock’s “Rear Window”
हिचकॉक को अपनी 10 श्रेष्ठ फिल्मों में से टॉप पर रही सस्पेंस मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म ‘रियर विंडो’ का आइडिया साल 1942 में एक जासूसी लघु कथा से मिला था. हिचकॉक ने जासूसी कथा के लेखक से 15 हजार डॉलर में कहानी के अधिकार ख़रीदे थे. एक हादसे में पैर फ्रैक्चर होने के कारण फिल्म का नायक जेफ (james stewart) जो कि एक फोटोग्राफर है, कुछ दिनों के लिए व्हील चेयर पर है.
स्क्रिप्ट में जोड़े गए नर्स और नायिका के किरदार
स्क्रिप्ट लिखते समय जेफ की नर्स स्टेला और नायिका लिसा (Grace kelly) का किरदार जोड़ा गया था, रियल कहानी में यह दोनों किरदार नहीं थे. फिल्म में जेफ समय बिताने के लिए अपने अपार्टमेंट के पीछे बने पांच मंजिला अपार्टमेंट के फ्लैटों में अपने कैमरे से ताक-झांक करता है.
ताक-झांक के दौरान जेफ को समझ में आता है कि सामने वाले फ्लैट में कोई बड़ा अपराध हुआ है. सस्पेंस और नाटकीय घटनाओं के बाद लिसा और जेफ अपराधी को कानून के शिकंजे में पहुंचा देते हैं.
45 मिनट में तैयार हो जाता था सेट
हिचकॉक की यह फिल्म एक ही अपार्टमेंट में ख़त्म होती है, लेकिन घटनाओं और दृश्य की तीव्रता दर्शकों को बांधे रखती है. इस फिल्म की पूरी सूटिंग पेरामाउंट स्टूडियो में एक हजार आर्क लाइट्स लगाकर की गई थी. जिनकी मदद से सुबह, दोपहर, शाम और रात का माहौल बनाने में महज 45 मिनट का समय लगता था.
विलेन को दिया प्रोड्यूसर का गेटअप
फिल्म निर्माण के पूर्व हिचकॉक का अपने एक प्रोड्यूसर से किसी बात पर विवाद हो गया था. हिचकॉक को लगता था कि वह प्रोडूसर (डेविड ओ स्लेज़निक ) उनकी फिल्म मेकिंग में जान-बूझकर अड़ंगा लगाते हैं. लिहाजा प्रोड्यूसर से बदला लेने के लिए उन्होंने ‘रियर विंडो’ के खलनायक को बिलकुल उस प्रोड्यूसर के ही गेटअप में प्रस्तुत किया. उसका पहनावा, बालों की सफेदी, चश्मे की रिम, फोन पटकने का अंदाज सब कुछ स्लेजनिक की ही तरह था.
“रियर विंडो” के लिए छोड़ी ‘ऑन द वाटरफ्रंट’
किसी फिल्म में हिचकॉक का नाम क्या मायने रखता है, इसकी बानगी यह है कि नायिका ग्रेस केली हिचकॉक के साथ काम करने को लेकर इतनी लालायित थीं कि उन्होंने मर्लिन ब्रांडों को लेकर बन रही फिल्म ‘ऑन द वाटरफ्रंट’ में नायिका की भूमिका नकार दी थी.
ग्रेस केली को फिल्मों में सिगरेट पीना पसंद नहीं था. वह कभी भी फिल्मों सिगरेट नहीं पीती थीं, लेकिन हिचकॉक के लिए उन्होंने इस फिल्म में ऑनस्क्रीन सिगरेट सुलगाई थी. यह उनकी इकलौती फिल्म थी जिसमें उके हाथ में सिगरेट देखी गई थी.
रियल लाइफ से कनेक्ट थे सभी किरदार
“रियर विंडो” में वास्तविकता का पुट देने के लिए हिचकॉक ने अपार्टमेंट ब्लॉक के निवासियों को वास्तविक जीवन से ही लिया था. हमेशा बेले डांस की प्रैक्टिस करने वाली लड़की उस समय बेले डांसर बनने की ही तैयारी कर रही थी.
जेफ़ की बगल में रहने वाला पियानो वादक गीतकार ही था. वहीं नायक, नायिका के रोमांस की प्रेरणा वॉर फोटोग्राफर रोबर्ट कैपा और हॉलीवुड अभिनेत्री इंग्रिड बर्गमन की प्रेम कहानी से ली गई थी.
लोकेशन के लिए गए हजारों फोटो
लोकेशन की खोज में हिचकॉक ने अमेरिका के कई कस्बे देखे थे. उनके तीन फोटो ग्राफरों ने कई कस्बों की पांच मंजिला बिल्डिंग के हजारों फोटोग्राफ लिए थे, लेकिन हिचकॉक को एक भी इमारत पसंद नहीं आई थी. थक-हारकर पैरामाउंट स्टूडियो में ही लकड़ी से पांच मंजिला बिल्डिंग का सेट तैयार किया गया और सेट सभी फ्लैट्स में पानी बिजली की सुविधा थी.
ऑस्कर के लिए हुई चयनित
अनूठा विषय, कसा हुआ निर्देशन, टाइट स्क्रिप्ट, बारीक से बारीक डिटेल पर नजर ‘रियर विंडो’ को कालजयी श्रेणी में ला खड़ा करती है. कोई ताज्जुब नहीं कि यह फिल्म आज छह दशक बाद भी ताजगी से भरपूर और दर्शनीय है. ‘रियर विंडो’ को साल 1954 में “ऑस्कर” के लिए चार श्रेणियों में नामांकित किया गया था.
बाद में इसे अमेरिकन फिल्म इंस्टिट्यूट ने सौ फिल्मों की सूची में 42वें स्थान पर रखा. साल 1997 में रियर विंडो को सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्त्व का सम्मान देने के लिए यूनाइटेड स्टेट की लाइब्रेरी ऑफ़ कांग्रेस में संरक्षित किया गया.