क्या आपने किसी से सुना है कि कद्दू उसकी फेवरेट सब्जी है. शायद नहीं, हमारे घरों में आमतौर पर कद्दू की सब्जी बनती तो है, पर यह काफी कम लोगों की ही पसंदीदा होती. बेहद स्वास्थ्य वर्धक कद्दू की देश भर में कई प्रजातियां पाई जाती हैं. कद्दू की इन प्रजातियों को उनके आकार-प्रकार और गूदे के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है. देश में मुख्य रूप से सीताफल, चपन कद्दू और विलायती कद्दू तीन प्रजातियां हैं.
Pumpkin is the source of beta-carotene
कद्दू मुख्य रूप से विटामिन “ए” देने वाले बीटा केरोटीन का स्रोत है. दूसरे कद्दुओं की तुलना में पीले और संतरी कलर के कद्दू में केरोटीन की मात्रा अधिक होती है. बीटा केरोटीन एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण शरीर में फ्री रैडिकल से निपटने में मदद करता है.
गर्मी को दूर करे कद्दू
कद्दू की तासीर ठंडी होती है, कद्दू को डंठल की तरफ से काटकर तलवों पर मलने से शरीर की गर्मी खत्म हो जाती है. यदि आप लंबे समय से बुखार से पीड़ित हैं, तो कद्दू का सेवन आपको राहत देगा. कद्दू आपके शरीर को हरारत से भी मुक्ति दिलाने में सहायक है.
पेट के रोगों से निजात दिलाए कद्दू का रस
कद्दू के साथ ही इसका रस भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. कद्दू का रस मूत्रवर्धक होने के साथ ही साथ पेट संबंधी गड़बड़ियों में भी लाभकारी है. डॉक्टर डाइबिटीज के पेशेंट को कद्दू खाने की सलाह देते हैं, क्यों कि यह खून में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है. बलवर्धक कद्दू रक्त व पेट साफ करने के अलावा पित्त व वायु विकार भी दूर करता है. इसका सेवन मस्तिष्क के लिए भी फायदेमंद है.
कद्दू के बीज और छिलका भी हैं गुणकारी
कद्दू के साथ ही इसका रस और बीज भी औषधीय गुणों की खान होते हैं. कद्दू व इसके बीज में विटामिन सी और ई, आयरन, कैलशियम मैग्नीशियम, फॉसफोरस, पोटैशियम, जिंक, प्रोटीन और फाइबर आदि के भी अच्छे स्रोत हैं. कद्दू के छिलके में एंटी बैक्टीरिया तत्व होते हैं, जो संक्रमण फैलाने वाले जीवाणुओं से रक्षा करते हैं.
Review Points
कद्दू के औषधीय गुण जानने के कारण ही हमारे पूर्वजों ने इसे हमारे मांगलिक कार्यक्रमों में आहार का मुख्य हिस्सा बनाया. उत्तर भारत के खान-पान में कद्दू को विशेष महत्व दिया जाता है. कद्दू के अन्य नामों में सीताफल, कुम्हड़ा, काशीफल, मीठा कद्दू, चपन कद्दू भी शामिल हैं. उपवास के दिनों में फलाहार के रूप में भी इससे बने विशेष पकवानों का सेवन किया जाता है.
(नोट : यह लेख आपकी जागरूकता, सतर्कता और समझ बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. यदि किसी बीमारी के पेशेंट हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.)