हिन्दू धर्म में कई लोग भैरव बाबा को मानते हैं. अगर आप वैष्णो देवी की यात्रा करते हैं तो भैरव बाबा के दर्शन किए बिना इस यात्रा को पूरा नहीं माना जाता. भगवान भैरव की महिमा अनेक शास्त्रों में मिलती है. भैरव को शिव के गण के रूप में जाना जाता है तथा वे माँ दुर्गा के अनुचारी भी माने जाते हैं. उनकी सवारी कुत्ता है. भैरव बाबा की उपासना करके आप बड़े से बड़े संकट से उबर सकते हैं. यदि आप भैरव बाबा को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आपको भैरव चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए.
भैरव चालीसा के नियम | Bhairav Chalisa Rules
भैरव बाबा को यदि आप प्रसन्न करना चाहते हैं तो आपको उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ उनकी पूजा करनी चाहिए. इसके बाद भैरव चालीसा का पाठ करना चाहिए.
– सबसे पहले प्रातःकाल स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
– इन्हें चमेली के फूल अर्पित करें.
– इन्हें काली उड़द तथा उड़द से बनी मिठाई जैसे इमारती, दही बड़े दूध और मेवा का भोग लगाएँ.
– इनकी पूजा का समय मध्यरात्रि में 12 से 3 बजे का माना जाता है.
– इनकी पूजा का शुभ दिन शनिवार और रविवार होता है.
भैरव चालीसा के फायदे | Bhairav Chalisa Benefits
आपके जीवन की बड़ी से बड़ी समस्या से छुटकारा आपको भैरव बाबा की भक्ति दिला सकती है. यदि आप भैरव बाबा को प्रसन्न कर लेते हैं तो वे आपकी हर इच्छा पूरी कर सकते हैं.
– इनकी साधना करने से मनुष्य को लंबी उम्र प्राप्त होती है.
– मंगलवार को घर में भैरव पाठ करने से समस्त कष्टों और परेशानियों से मुक्ति मिलती है.
– यदि किसी की कुंडली में मंगल दोष हो तो उसका निवारण भैरव पूजा करके किया जाता है.
– भैरव घर में सुख-शांति रखते हैं और परिवार के लोगों का स्वस्थ ठीक रकते हैं.
– इनके दर्शन मात्र से आपको अशुभ कर्मों से मुक्ति मिलती है.
भैरव चालीसा | Bhairav Chalisa Hindi PDF
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