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गर्मियों के मौसम में आमतौर पर आँख आने (कंजंक्टिवाइटिस) जैसी समस्या होती है. हालांकि ये कहना गलत होगा की कंजंक्टिवाइटिस (conjunctivitis) की समस्या सिर्फ गर्मी में ही होती है ये किसी भी मौसम में हो सकती है. आँख आने पर आमतौर पर हमारी आँखों में सूजन होती है और आंखे लाल हो जाती है. किसी के लिए भी आँख आने की समस्या काफी दुखद होती है क्योंकि इसके सही नहीं होने तक आपको दिखने में समस्या रहती है और आँखों में लगातार सूजन रहती है.

आँख आना (कंजंक्टिवाइटिस) क्या होता है? (What is conjunctivitis?)

कंजंक्टिवाइटिस जिसे हम अपनी सामान्य भाषा में ‘आँख आना’ भी कहते हैं. इसे हम ‘गुलाबी आँख’ (Pink eye treatment) भी कहते हैं. ये आँखों के अंदर ट्रांसपेरेंट मुकौस मेम्ब्रेन (पारदर्शी श्लेष्म झिल्ली) पर सूजन के कारण होता है. ये झिल्ली हमारी आँखों के सफ़ेद हिस्से को कवर करती है. इसे एक तरह का वायरस भी कहते हैं जो आँखों के अंदर फैलता है.

कंजक्टिवाइटिस का कारण क्या है? आँख क्यों आती है? (Reasons of conjunctivitis)

कंजक्टिवाइटिस यानि आँख आने के कई कारण है जो कंजक्टिवाइटिस के प्रकार पर निर्भर करते हैं.

वायरल कंजक्टिवाइटिस (Viral conjunctivitis)

वाइरल कंजक्टिवाइटिस वाइरस के कारण होता है. ये काफी ज्यादा संक्रामक होता है, जैसे की आपने देखा होगा की यदि किसी व्यक्ति को कंजक्टिवाइटिस है और किसी दूसरे व्यक्ति ने उसकी आँख में देख लिया या उस व्यक्ति के संपर्क में आया तो उसे भी कंजक्टिवाइटिस हो जाता है, ये वही है. हालांकि वाइरल कंजक्टिवाइटिस चिकित्सा उपचार के बिना कुछ दिनों में ठीक हो जाता है. फिर भी आँखों का मामला है इसलिए डॉक्टर से जरूर सलाह लें.

बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस (Bacterial conjunctivitis)

इस तरह के कंजक्टिवाइटिस का कारण बैक्टीरिया होते हैं. इस प्रकार के कंजक्टिवाइटिस को यूं ही न छोड़ें क्योंकि इससे आपकी आँखों को गंभीर नुकसान हो सकता है इसलिए इस तरह के कंजक्टिवाइटिस होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएँ.

एलर्जी कंजक्टिवाइटिस (Allergy conjunctivitis)

इस तरह के कंजक्टिवाइटिस का कारण एलर्जी होता है. जैसे पराग, धूल और जानवरों की रूसी के इस कंजक्टिवाइटिस के प्रमुख कारण होते हैं. ये इन चीजों से एलर्जी होने के कारण और ज्यादा बढ़ता जाता है.

कंजक्टिवाइटिस के लक्षण (conjunctivitis symptoms)

कंजक्टिवाइटिस के लक्षण भी इसके प्रकार की तरह अलग-अलग होते हैं :

वायरल कंजक्टिवाइटिस के लक्षणों में पानीदार, खुजली वाली आँखें या प्रकाश की संवेदनशीलता शामिल है. वाइरल कंजक्टिवाइटिस आपकी एक या दोनों आँखों को भी प्रभावित कर सकता है. ये अत्यधिक संक्रामक नेत्र रोग है और खाँसने और छींकने से फैल सकता है.

बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस के लक्षणों की बात करें तो इसमें में आंख के कोने में एक चिपचिपा, पीला या हरा-पीला पदार्थ आँखों से बहने लगता है. कुछ मामलों में, यह संक्रमण नेत्रों के पानी का डिस्चार्ज काफी गंभीर हो सकता है, जिससे पलकें झपकने पर आपस में चिपक जाती हैं.

एलर्जी संबंधी कंजक्टिवाइटिस में पानी, जलन, खुजली वाली आँखें शामिल हैं और अक्सर उनींदापन, बहती नाक और प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता होती है. ये कंजक्टिवाइटिस दोनों आंखों को प्रभावित करती है लेकिन इस प्रकार का कंजक्टिवाइटिस संक्रामक नहीं होता है.

कंजक्टिवाइटिस से कैसे बचें? (How to prevent conjunctivitis?)

कंजक्टिवाइटिस से बचने के लिए आप निम्न उपाय अपना सकते हैं.

कंजक्टिवाइटिस से बचने के लिए अपनी पर्सनल चीजें जैसे वाश क्लॉथ, हैंड टॉवल या टिशू पेपर को शेयर ना करें.

खांसते या छींकते समय अपनी नाक और मुंह को ढक लें और अपनी आंखों को रगड़ने या छूने से सावधानी बरतें.

अपने हाथों को अक्सर धोएं, अपने पास में हैंड सेनिटाइजर रखें.

आप मौसमी एलर्जी से पीड़ित हैं, तो अपने डॉक्टर से पूछें कि आपके लक्षणों को कम करने से पहले क्या किया जा सकता है.

अगर आप अपनी आँखों के लिए कॉन्टेक्ट लेंस पहनते हैं तो तो डॉक्टर द्वारा बताए गए नियमों का पालन करें इसके अलावा कॉन्टैक्ट लेंस सॉल्यूशंस का ठीक से उपयोग करें या दैनिक डिस्पोजेबल कॉन्टेक्ट लेंस पर स्विच करने पर विचार करें.

अगर आप तैराकी के शौकीन हैं तो इसके कारण भी आपको कंजक्टिवाइटिस हो सकता है. इससे बचने के लिए स्विम गॉगल्स पहने.

कंजक्टिवाइटिस किसी को भी हो सकता है और ये काफी सामान्य बीमारी है लेकिन अगर इस पर सही समय पर गौर किया जाए तो इससे जल्दी निदान पाया जा सकता है अगर आप लापरवाही करते हैं तो फिर आपकी आँखों को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है.

नोट: यह लेख आपकी जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. यदि आप संबंधित बीमारी से ग्रस्त हैं अथवा बीमारी के लक्षण महसूस होते हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें. बिना चिकित्सकीय सलाह के किसी भी तरह के उपाय ना करें और बीमारी को लेकर धारणा ना बनाएं. ऐसा करना सेहत के लिए नुकसानदायक है.

By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

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