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डायबिटीज को साइलेंट किलर माना जाता है. (Image source: Pixabay)डायबिटीज को साइलेंट किलर माना जाता है. (Image source: Pixabay)

दुनियाभर में तकरीबन 433 मिलियन यानी की 46.3 करोड़ लोग डायबिटीज के रोगी हैं, जबकि भारत की बात करें तो देश में तकरीबन 7 करोड़ लोग शुगर जैसी बीमारी से जाने-अंजाने तौर पर जूझ रहे हैं. शुगर एक जानलेवा और कई तरह की बीमारियों के उद्गम के रूप में पहचाने जाने वाला रोग है.

शुगर को साइलेंट किलर कहा जाता है और यह एक ऐसी बीमारी है जो कई तरह से शरीर के अंदरुनी और नाजुक अंगों को खराब करती है. कई बार लोग बहुत देर में से जान पाते हैं कि उन्हें डायबिटीज हैं.

टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज क्या है? (what is diabetes)

शुगर को समझने के लिए जरूरी है कि आप लक्षण दिखाई देते ही डॉक्टर से संपर्क करें. लक्षणों के आधार पर ना केवल शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है बल्कि कई बार तो रोगी इस बीमारी से पूरी तरह से मुक्त हो जाता है. बदलती लाइफ स्टाइल, खान-पान और शारारिक सक्रियता के अभाव के चलते इस बीमारी ने पूरी दुनिया के वयस्कों और एक बड़ी आबादी को चपेट में लिया है. ऐसे में हमारे लिए यह जानना जरूरी है कि डायबिटीज क्या है और डायबिटीज के दोनों प्रकार टाइप-1 और टाइप-2 आखिर हैं क्या? 

टाइप-1 डायबिटीज (Type 1 diabetes in Hindi)

टाइप-1 डायबिटीज वह होती है जिसका शिकार रोगी अनुवांशिक होने के चलते होता है. इसका अर्थ है यदि आपके परिवार में किसी को यानी दादा-दादी, नाना-नानी, मम्मी-पापा यदि किसी को मधुमेह का यह रोग है तो फिर आपको अलर्ट हो जाने की आवश्यकता है.

घर में मां अथवा पिता के किसी भी परिवार या वंश में यह रोग रहा है तो फिर व्यक्ति डायबिटीज का शिकार हो जाता है. अनुवांशिक तौर पर जो शुगर होती है उसे टाइप-1 डायबिटीज कहा जाता है. इस बात का ध्यान रखें कि डायबिटीज जन्म से भी हो सकती है.

जन्म से होने वाली शुगर का कारण अक्सर टाइप-1 डायबिटीज ही होता है. टाइप-1 में बच्चे में इंसुलिन ही बनना बंद हो जाता है.

बता दें कि टाइप-1 में पेंक्रियाज में इंसुलिन बनने की प्रक्रिया पहले धीमी होती है और बाद में बंद हो जाती है. ध्यान रहे कि यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है.

डॉक्टरों के मुताबिक इस प्रक्रिया में रोगी के शरीर की कोशिकाएं अपनी ही कोशिकाओं की दुश्मन बन जाती है. दरअसल, यह वही कोशिकाएं होती हैं जो पैंक्रियाज यानी की अग्नाशय की कोशिकाओं को नष्ट करती हैं और इंसुलिन के उत्पादन को बाधित कर देती है जिससे रक्त में शुगर की मात्रा तेजी से बढ़ने लगती है. 

टाइप 1 मधुमेह के लक्षण- (Type 2 diabetes symptoms in hindi)

  • बार-बार प्यास लगना और पानी पीने के बाद भी ऐसा लगना कि प्यास बुझ ही नहीं रही है.
  • बार-बार पेशाब आना. यह तब होता है जब किडनी में ग्लूकोज का लैवल बढ़ जाता है तो किडनी उसे कम करती है
  • थकान सी लगना और सुस्ती का लगना
  • पैरों की मांसपेशियों में एठन व टूटन महसूस होना.
  • कोई घाव हो जाए अथवा त्वचा पर कट लग जाए तो धीरे-धीरे ठीक होना,
  • थोड़ी-थोड़ी देर में बार-बार भूख लगना
  • धुंधला दिखना, कई बार यह इतना बढ़ जाता है कि रोगी यदि समय पर इलाज ना ले तो वह अंधा तक हो सकता है. 
    खुजली होना, खुजली होने की समस्या गुप्तांगों में होती है. इस संबंध में डॉक्टर से जानकारी जरूर लें.
  • स्कीन पर किसी भी तरह का संक्रमण होना
  • अचानक से बिना वजह वजन घटने लगना
  • बार-बार मूड बदलने की समस्या शुरू हो जाना.
  • अक्सर रोगी को सिर दर्द भी रहता है और चक्कर भी आते हैं.

टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 diabetes)

टाइप-2 डायबिटीज गलत लाइफ स्टाइल खान-पान के चलते होती है. भारत में अधिकांश स्त्री और पुरुष यहां तक की युवा भी टाइप-2 शुगर से जूझ रहे हैं. टाइप-2 में ज्यादा तला-गला, वसा युक्त खाना, देर से सोना, सुबह जल्दी जागना, नशा करना, लाइफ स्टाइल को निष्क्रिय कर लेना जैसे कारण होते हैं.

भारत में एक बड़ी युवा आबादी टाइप-2 शुगर के प्रकार का शिकार हो रही है. शुगर एक ऐसा रोग है जो बेहद चालाकी और शांति से व्यक्ति को अपना शिकार बनाता है. व्यक्ति महीनों लक्षणों से जूझता रहता है और उसे पता ही नहीं चलता है कि उसे शुगर जैसी गंभीर बीमारी है.

शुगर से बचने के लिए सबसे जरूरी है अपनी लाइफ स्टाइल को सुधारें. जीवन में नियमित रूप से व्यायाम को शामिल करें और कम तेल, मीठा और तला-गला खाना खाएं. शुगर को लेकर अलर्ट रहना ही इसका सबसे बेहतर उपाय है.

एक बार यह बीमारी हो जाए तो फिर यह रोगी को फ्रस्ट्रेट कर देने वाली बीमारी है. यही नहीं समय के साथ्-साथ यह अंदरुनी अंगों को भी नुकसान पहुंचाती है. शुगर के लक्षण जानने के लिए आप नीचे दिए इस आलेख लिंक पर क्लिक कर सकते हैं.  

कहीं आप तो नहीं शुगर पेशेंट, यहां जानें डायबिटीज के लक्षण

टाइप-2 डायबिटीज के लक्षण (Type 2 diabetes in Hindi)

टाइप-2 डायबिटीज के ऐसे कोई लक्षण नहीं होते हैं. अक्सर इस प्रकार की शुगर का पता बीमारी के दौरान चलता है. कई बार त्वचा पर चकत्ते होना जैसी समस्या भी रोगियों में दिखाई देती है. डायबिटीज के लक्षणों और उसेक प्रकारों को जानने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें. 

 

नोट: यह लेख आपकी जानकारी बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. डायबिटीज के किसी भी तरह के लक्षणों को लेकर एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें. किसी भी बीमारी के पेशेंट हैं तो डॉक्टर से सही परामर्श लें. मन से अथवा किसी की सलाह पर लिया गया उपचार आपके शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. 

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