Sat. Apr 20th, 2024

Digital Payment App का इस्तेमाल हम सभी रोजाना करते हैं. लेकिन कई बार हम ठगी का शिकार हो जाते हैं (Digital Payment App Fraud) और हमें पता ही नहीं चलता कि हमारे अकाउंट से किस तरह पैसे खाली हो गए. Digital Payment App पर आपकी छोटी सी लापरवाही आपको एक बड़ा नुकसान करवा सकती है. अगर आप Digital Payment App जैसे Google Pay, PhonePe, Paytm आदि का इस्तेमाल करते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि इन ऐप्स के जरिये किस तरह ठगी होती है और आप इनसे किस तरह बच सकते हैं.

स्क्रीन ट्रांसफर

आप भले ही अपने मोबाइल में किसी डिजिटल पेमेंट एप (Digital Payment App) को चला रहे हैं लेकिन उस एप को कोई आसानी से दूसरे मोबाइल पर भी चला सकता है और आपके खाते से पैसे उड़ा सकता है. इसके लिए इन्टरनेट पर कई स्क्रीन मिरर एप हैं जिसे दो स्मार्टफोन में इन्स्टाल करने के बाद और अनुमति देने के बाद एक स्मार्टफोन की स्क्रीन को दूसरे स्मार्टफोन की स्क्रीन पर एक्सेस किया जा सकता है. ऐसा करके दूसरा व्यक्ति आपको बातों में लगाकर आपके स्मार्टफोन पर ही आपके एप को उपयोग करेगा और कहेगा कि वो खुद के खाते से आपके खाते में पैसे ट्रांसफर कर रहा है और आपको उसके लिए अपना यूपीआई पिन देना है. जब आप यूपीआई पिन एंटर करेंगे तो आपके खाते से पैसा कट जाएगा और इस तरह आप ठगी के शिकार हो जाएंगे.

इससे बचने के लिए कोई भी व्यक्ति यदि आपको पैसे ट्रांसफर करने के लिए स्क्रीन मिरर एप जैसे एनीडेस्क आदि अपने स्मार्टफोन या कम्प्युटर में इन्स्टाल करने के लिए कहे तो साफ मना कर दें. क्योंकि यदि आपने ऐसा करने दिया तो फिर वो आपका पूरा स्मार्टफोन एक्सेस कर सकता है.

फर्जी लिंक से सावधान रहे

आपने कई बार सुना होगा कि ‘डाटा बिकता है.’ ये बात सही है. किसी फ्रॉड या हैकर को डाटा के नाम पर आपका नंबर ही मिल जाए तो वो काफी कुछ कर सकता है. आपने भी देखा होगा कि आए दिन आपके फोन पर मैसेज में कोई न कोई लिंक आती रहती है. जिसमें आपको किस पॉलिसी को बेचने की जानकारी दी जाती है या फिर कोई लॉटरी जीतने की जानकारी दी जाती है. अगर आप इन लिंक को ओपन करते हैं तो ये एक फॉर्म पर आपको ले जाती हैं. और आप उसमें सारी डिटेल्स फिल कर देते हैं और पैसे चुका देते हैं. पैसे भी किसी और माध्यम से नहीं बल्कि आपके डिजिटल पेमेंट एप से. थोड़े दिन बाद पता चलता है कि आपने जिस पॉलिसी के लिए पैसे चुकाए हैं उसकी उस कंपनी में कोई डीटेल नहीं है. यानि आपके नाम पर वहाँ कोई पॉलिसी रजिस्टर ही नहीं हुई है. मतलब आपके साथ ठगी हो गई है.

ऐसा कई लोगों के साथ हो चुका है लेकिन इस ठगी से बहुत आसानी से बचा जा सकता है. अगर आप कोई पॉलिसी खरीद रहे हैं तो सबसे पहले उस पॉलिसी पेज का यूआरएल चेक करें? क्या उस पर HTTPS सबसे शुरू में लिखा है? इसके अलावा उस कंपनी के यूआरएल के आखिरी में जिस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है जैसे .com, .in आदि वो है या नहीं है. तीसरी बात ये है कि कोई भी कंपनी आपको सीधे तौर पर पॉलिसी खरीदने के लिए मैसेज में लिंक नहीं भेजती है. अगर भेजी भी है और आपको वो पॉलिसी अच्छी लग रही है तो आप उस पॉलिसी को उस कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर खरीदें न कि उस लिंक के जरिये जो मैसेज में आई है.

केवाईसी अपडेट

बैंक खाता हो या फिर डिजिटल पेमेंट एप दोनों के लिए ही केवाईसी होती ही रहती है. कुछ-कुछ महीनों में आपके पास इसके लिए मैसेज भी आते रहते होंगे. आपमे से कई लोग उन मैसेज में दी गई लिंक पर जाकर सारी डिटेल्स फिल कर देते हैं और फिर उनके अकाउंट से पैसे कट जाते हैं. अब इसमें पैसे कैसे कटते है ये समझिए. आपके पास मैसेज में एक लिंक आती है. आप उस लिंक पर क्लिक करते हैं. इसके बाद आप पहले लेवल पर उसमें अपनी पर्सनल डिटेल्स फिल करते हैं. इसके बाद आपकी बैंकिंग डिटेल्स भी मांगी जाती है जिसमें आपका अकाउंट नंबर, आईएफ़एससी कोड, ब्रांच का नाम आदि मांगा जाता है. यहाँ तक कई लोगों को ये विश्वास हो जाता है कि ये केवाईसी सही जगह पर हो रही है. अब अगले ही स्टेप में आपसे आपका डेबिट कार्ड नंबर और उस पर लिखी डिटेल्स जैसे सीवीवी नंबर, एक्स्पायरी डेट आदि मांग लिए जाते हैं. इसके बाद पिन और ओटीपी की मांग की जाती है. बस अगर आप इन दोनों को फिल कर देते हैं तो आपके बैंक अकाउंट से पैसा कट जाता है.

इससे बचने के लिए केवाईसी को किसी के द्वारा भेजी गई लिंक के जरिये करने से बचें. अगर आपको अपने अकाउंट के लिए केवाईसी करवानी है तो आप बैंक जाकर करवाईए. अगर पेमेंट एप के लिए केवाईसी करवानी है तो वो एप के अंदर होगी न कि किसी बाहरी लिंक के जरिये. और अगर आप केवाईसी करवा रहे हैं तो उसमें एटीएम या आपकी यूपीआई आईडी का क्या काम है. इसलिए सोच-समझकर किसी के द्वारा भेजी गई लिंक का उपयोग करें.

QR Code के जरिये ठगी

पेमेंट करने के लिए आप सभी क्यूआर कोड को स्कैन करते हैं लेकिन आजकल सबसे ज्यादा ठगी का जरिया भी यही बन रहा है. इस तरह के फ्रॉड के शिकार काफी लोग हो चुके हैं. इस तरह के फ्रॉड में आपको एक लिंक भेजी जाती है जिसमें ये कहा जाता है कि आपको लॉटरी खुली है या इनाम खुला है. इस लिंक पर क्लिक करके आप वो पैसे ले सकते हैं. आप जब लिंक पर क्लिक करते हैं तो ये लिंक सीधे आपके पेमेंट एप पर खुलती है, जिसमें ये मैसेज होता है कि पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रोसैस करें. आप प्रोसैस करते हैं तो आप अपने ही खाते से वो राशि उस व्यक्ति के अकाउंट में ट्रांसफर कर बैठते हैं. इस तरह आप ठगी के शिकार हो जाते हैं.

ऑनलाइन माध्यम में ठगी किसी भी तरह होती है. इससे बचने के लिए आपको ही ध्यान रखना चाहिए कि आप अपनी बैंकिंग डिटेल्स और यूपीआई पिन को किसी के साथ शेयर न करें. इसके अलावा बैंकिंग कार्यों के लिए किसी के द्वारा भेजी गई लिंक पर भरोसा न करें. अगर आप थोड़ी सावधानी रखेंगे तो आप इस तरह की ठगी से बच सकेंगे.

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