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भारत निर्वाचन आयोग (Nirvachan Aayog) देश का एक स्वतंत्र स्थायी निकाय है. ये एक संवैधानिक संस्था है जिसका जिक्र संविधान के भाग 15 व अनुच्छेद 324 (Article 324) में किया गया है. इसका प्रमुख कार्य देश में चुनाव संबंधी गतिविधियों का है. इसे कई लोग चुनाव आयोग (Election Commission) भी कहते हैं. निर्वाचन आयोग से संबन्धित कई प्रश्न हैं जैसे निर्वाचन आयोग में कितने सदस्य होते हैं, निर्वाचन आयुक्त की सैलरी क्या होती है? निर्वाचन आयुक्त को कैसे हटाया जा सकता है? इनके जवाब आपको पता होना चाहिए.

निर्वाचन आयोग कैसे बना? (How made election commission?)

निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक निकाय है. देश में चुनाव कराने की सारी ज़िम्मेदारी निर्वाचन आयोग की ही होती है. संविधान के भाग 15 में इसे विशेष रूप से उल्लिखित किया गया है. भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को की गई थी. भारत निर्वाचन आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में है.

निर्वाचन आयोग की संरचना (Election Commission Structure)

अनुच्छेद 324 के अनुसार

– निर्वाचन आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्त (Chief election commissioner) व अन्य आयुक्त (Election Commissioner) होते हैं.
– मुख्य निर्वचन आयुक्त व अन्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति (Chief Election Commissioner appointed by) राष्ट्रपति द्वारा की जाती है.
– निर्वाचन आयुक्त व अन्य आयुक्तों के की सेवा की शर्तें, पद की अवधि राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित की जाती है.
– निर्वाचन आयोग में मुख्य रूप से एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त होता है और दो अन्य आयुक्त होते हैं.
– मुख्य चुनाव आयुक्त एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी होता है जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं.

निर्वाचन आयोग के कार्य (Work of Election Commission)

निर्वाचन आयोग का कार्य मुख्य रूप से देश में चुनाव कराना होता है लेकिन ये देश के सभी चुनाव नहीं करवाते हैं. इसलिए इनके कार्यों को बारीकी से जानना बेहद जरूरी है.

– निर्वाचन आयोग भारत में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव व उपराष्ट्रपति चुनाव, राज्य सभा चुनाव, लोक सभा चुनाव व विधान मण्डल चुनाव करवाते हैं.
– निर्वाचन आयोग का कार्य देश के राजनैतिक दलों को मान्यता प्रदान करना एवं उन्हें निर्वाचन चिन्ह आवंटित करना होता है.
– निर्वाचन व्यवस्था से संबन्धित विवाद की जांच के लिए अधिकारी नियुक्त करना.
– चुनाव के समय दलों व उम्मीद्वार के लिए आचार संहिता निर्मित तथा लागू करना.
– निर्वाचन कराने के लिए जरूरी अधिकारियों की नियुक्ति करने के संबंध में राष्ट्रपति व राज्यपाल से आग्रह करना.
– निर्वाचन की तिथि और समय सारणी निर्धारित करना.
– मतदान केंद्र लूटने और अन्य अनिमित्ताओं के होने पर चुनाव रद्द करना.
– संसद सदस्यों की निरहर्ता के मामले में राष्ट्रपति को सलाह देना.
– समय-समय पर निर्वाचन नामावली तैयार करना और सभी योग्य मतदाताओं को रजिस्टर करना.
– राजनैतिक दलों को प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय दल का दर्जा देना.

निर्वाचन आयोग से संबन्धित प्रमुख अनुच्छेद (Important constitution article for election commission of India)

भारतीय संविधान के भाग 15 में निर्वाचन आयोग से संबन्धित कुछ प्रमुख अनुच्छेद हैं जिनमें निर्वाचन आयोग के बारे में बताया गया है.

अनुच्छेद 324 (Article 324) : इसमें चुनाव आयोग में चुनावों के लिए निहित दायित्व, अधीक्षक, निर्देशन और नियंत्रण के बारे में बताया गया है.

अनुच्छेद 325 (Article 325) : इसमें कहा गया है कि धर्म, जाति या लिंग के आधार पर किसी भी व्यक्ति को मतदाता सूची में शामिल न करने और इनके आधार पर मतदान के लिए आयोग्य नहीं ठहराया जाएगा.

अनुच्छेद 326 (Article 326) : इसमें कहा गया है कि लोकसभा एवं प्रत्येक राज्य की विधानसभा के लिए निर्वाचन वयस्क मताधिकार के आधार पर होगा.

अनुच्छेद 327 (Article 327) : इसमें कहा गया है कि विधायिका द्वारा चुनाव के संबंध में संसद में कानून बनाने की शक्ति होगी.

अनुच्छेद 328 (Article 328) : इसमें कहा गया है कि किसी राज्य की विधानमंडल को इसके चुनाव के लिए कानून बनाने की शक्ति होगी.

अनुच्छेद 329 (Article 329) : इसमें कहा गया है कि चुनावी मामलों में अदालतों द्वारा हस्तक्षेप करने के लिए बाध्यकारी होगी.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त के बारे में (Important facts for Chief Election Commissioner of India)

भारत निर्वाचन आयोग का अधीक्षक या प्रमुख मुख्य चुनाव आयुक्त ही होता है.

– मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति (Chief Election Commissioner appointed by) राष्ट्रपति करते हैं.
– मुख्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल (Chief election Commissioner tenure) कितना रहेगा इस बात का निर्धारण भी राष्ट्रपति ही करते हैं. हालांकि इनका कार्यकाल 6 साल या 65 वर्ष की उम्र होती है.
– मुख्य निर्वाचन आयुक्त एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी होता है.
– देश के पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुकुमार सेन (First Chief election commissioner of India) थे जो 21 मार्च 1950 को चुनाव आयुक्त बने थे.
– वर्तमान में भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोरा (Present Chief election commissioner of India) हैं तथा अन्य दो आयुक्त सुशील चन्द्र और राजीव कुमार हैं.
– मुख्य चुनाव आयुक्त को हटाने की प्रक्रिया (Chief Election Commissioner removal process) संसद द्वारा सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को हटाने के समान ही है. अन्य आयुक्तों को मुख्य चुनाव आयुक्त की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है.
– मुख्य चुनाव आयुक्त की सैलरी (Chief Election Commissioner salary) सुप्रीम कोर्ट के जज के समान ही होती है. इन्हें वर्तमान में वेतन के रूप में 2.5 लाख रुपये सैलरी तथा अन्य भत्ते मिलते हैं.

भारत निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक निकाय है जो देश में राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति चुनाव, लोक सभा एवं राज्य सभा चुनाव, राज्य विधानसभा एवं विधान परिषद चुनाव करवाते हैं.

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