प्रथम पूज्य शिव-पार्वती नंदन भगवान गणेश (Ganesh Festival) का पर्व गणेशोत्सव शुरू हो चुका है और यह 19 सितंबर तक चलेगा. यह उत्सव भाद्रपद की शुक्ल चतुर्थी से आरंभ होकर भाद्रपद की चतुर्दशी यानि कि अनंत चतुर्दशी तक चलेगा. इस दौरान गणेश भक्त अपने आराघ्य देव को प्रसन्न करने विशेष आराधना करते हैं. शुक्ल चतुर्थी 10 सितंबर को भगवान गजानन की स्थापना तो हो चुक है लेकिन आप कुछ विशेष पूजा से बुधवार के दिन भगवान गणेश को प्रसन्न कर सकते हैं.
ऐसे करें लंबोदर को प्रसन्न (ganesh puja vidhi on wednesday)
पार्वती नंदन गणेश काफी सौम्य और सरल देवता माने जाते हैं और इसीलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालुओं को कठोर तपस्या नहीं करनी होती है. विनायक काफी सामान्य सी वस्तुओं से प्रसन्न हो जाते हैं. विघ्न विनाशक को दुर्वा बेहद प्रिय है, तो जब भी आप मंगलमूर्ति की स्तुति करें उन्हें दुर्वा जरूर चढ़ाएं. गणपति को दुर्वांकुर इतने प्रिय हैं कि इसके बगैर उनका पूजन अधूरा ही माना जाता है.
लगाएं मोदक का भोग
’मोदक प्रिय’ यानि कि शिवनंदन को मोदक बेहद प्रिय हैं. ऐसे में भक्तों को गणेश पूजन में प्रसाद के रूप में मोदक रखना चाहिए. गणेश जी का प्रिय आहार है. इसके साथ ही गणराय को घी भी पसंद है. पूजन की थाली में घी को मुख्य रूप से स्थान दें और लंबोदर की कृपा प्राप्त करें.
जाने पूजन विधि (ganesh ji ke vishesh mantra aur puja)
सनातन धर्म ग्रंथों में आवाहन, आसन, पाद्य, अर्घ, आचमन, स्नान, वस्त्र, गंध, पुष्प, अक्षत, धूप, दीप, नैवेद्य, तांबूल, द्रव्य-दक्षिणा, आरती और परिक्रमा भगवान गणेश के सोलह प्रकार के पूजन बताए गए हैं. पूजन के शुरू में अपने दाएं हाथ में चावल, फूल व जल लेकर भगवान का ध्यान कर संकल्प करें. संकल्प के बाद गणपति को अपने घर बुलाने के लिए उनका आवाहन करना चाहिए.