दिवाली आ गई है और लोग शॉपिंग करने में भी जुट गए हैं. अधिकतर लोग डिस्काउंट पाने के साथ ही भीड़-भाड़ से बचने के लिए ऑनलाइन शॉपिंग करना पसंद करते हैं. अक्सर लोग जानकारी की कमी के चलते ऑनलाइन शॉपिंग में ठगी का शिकार होते हैं.
ऑनलाइन शॉपिंग करते वक़्त किन बातों का रखें ध्यान?
कस्टमर ऑनलाइन शॉपिंग करते वक़्त वेबसाइट से प्रोडक्ट आर्डर करने के पहले जांच लें कि वेबसाइट ऑफिसियल है या नही. कई बड़ी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों के नाम पर साइबर अपराधियों ने फर्जी वेबसाइट व मोबाइल ऐप्स बनाए हुए हैं. इसीलिए गूगल पर वेबसाइट सर्च करते समय ऑफिशल वेबसाइट वर्ड लिखकर ही सर्च करें.
आईपी एड्रेस दिखने पर न डालें निजी जानकारी
वेबसाइट की लिंक की जगह आईपी एड्रेस जैसे 192.168.0.4 दिखने पर अपनी निजी जानकारी न डालें. साइबर अपराधी इन आईपी एड्रेस पर आपकी निजी जानकारी आने पर उसे चुरा लेते हैं. हैकर्स इसका इस्तेमाल करके फिशिंग के ज़रिए फेक वेबसाइट बना कर आपका डेटा हैक करते हैं.
जब भी आप किसी वेबसाइट पर रजिस्टर करें तो किसी ऐसे बैंक अकाउंट की डीटेल डालें, जिसमें आप सिर्फ उतना ही पैसा रखते हों जितनी आपको शॉपिंग करनी है. अपने मुख्य बचत खाते से कभी भी ऑनलाइन शॉपिंग न करें.
बनाएं स्ट्रांग पासवर्ड
जब भी आप किसी शॉपिंग वेबसाइट पर अपना अकाउंट बनाएं तो उसका पासवर्ड स्ट्रांग ही रखें. पासवर्ड में कम से कम इस तरह के %$&*9?gCZk@30 कैरेक्टर्स रखें. पासवर्ड और पेमेंट कार्ड की डिटेल कभी भी अपने फोन में सेव करके न रखें. साथ ही कोई भी प्रोडक्ट आर्डर करने से पहले उस प्रोडक्ट से जुड़े कस्टमर रिव्यू ज़रूर पढ़ें.
कैश ऑन डिलीवरी का चुने ऑप्शन
ऑनलाइन शॉपिंग करते समय पेमेंट के लिए कैश ऑन डिलीवरी का ही ऑप्शन सेलेक्ट करने का प्रयास करें. कई बार फर्जी वेबसाइट्स आपसे रकम ऐंठ कर सर्विसनहीं देती हैं. ऑनलाइन पेमेंट करें तो ट्रांजेक्शन, वेबसाइट की लिंक, पेमेंट इन्फॉर्मेशन व प्रोडक्ट डिलीवरी मैसेज का स्क्रीनशॉट लें और प्रोडक्ट मिलने तक संभाल कर रखें.
इन बातों का भी रखें ख्याल
प्रोडक्ट खरीदी के पहले टर्म्स एंड कंडीशंस को ध्यान से पढ़ें और सोच-समझकर ही ऑर्डर करें. कभी भी प्रोडक्ट आर्डर करने से पहले दूसरी वेबसाइट्स से उसे कम्पेयर कर लें. जिस प्रोडक्ट की तस्वीरें ज्यादातर धुंधली दिखें उसे आर्डर न करें. कस्टमर रेटिंग देखें और कस्टमर केयर ऑफिसर से सभी बातें कन्फर्म करने के बाद ही आर्डर प्लेस करें.
कस्टमर केयर ऑफिसर से बात करते वक्त उसे फ़ोन पर ऑटोमेटिक कॉल रिकॉर्डिंग ऐप के ज़रिए रिकॉर्ड कर लें. अगर कोई आपको कॉल करके ओटीपी यानी कि वन टाइम पासवर्ड की डिमांड करे तो साझा न करें. किसी भी तरह की लॉटरी के विजेता बनने वाले फर्जी कॉल्स पर भी भरोसा न करें.
वेबसाइट पर बताए गए अनुसार प्रोडक्ट न मिलने पर कंपनी के कस्टमर केयर नंबर पर सारे सबूतों के साथ शिकायत दर्ज करें. उचित समाधान न मिलने पर थाने में साइबर अपराध के तहत ठगी और धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज कराने के साथ ही उपभोक्ता फोरम में भी शिकायत करें.
(नोट: यह लेख आपकी जागरूकता, सतर्कता व समझ बढ़ाने के लिए रायपुर की साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा से बातचीत के आधार पर साझा किया गया है. मोनाली छत्तीसगढ़ सरकार के विभिन्न विभागों की साइबर एक्सपर्ट के तौर पर भी मदद करती हैं.)