रीकरिंग डिपॉजिट यानी कि आवर्ती जमा बचत का एक ऐसा तरीका जिसमें ब्याज भी अधिक मिलता है और ठीक उसी समय पर आपके पास एक मुश्त रकम भी आती है. रेकरिंग डिपॉजिट (RD) इन्वेस्टमेंट अधिकांश निवेशकों का प्रिय निवेश माध्यम है. RD में इन्वेस्ट करने से शॉर्ट-टर्म गोल्स को पूरा करने में मदद मिलती है.
What is Recurring deposits
रेकरिंग डिपॉजिट मासिक निवेश योजना है. जो निवेशक अनुशासन के साथ रिस्क-फ्री तरीके से लिक्विडिटी मेन्टेन करना चाहते हैं, उनके लिए आरडी अकाउंट बेहतर माध्यम है. इसके तहत आप बैंक और पोस्ट ऑफिस दोनों ही जगह महीने में एक निश्चित अमाउंट जमा करवा सकते हैं.
योजना के तहत कुछ बैंक 10 साल तक आवर्ती जमा करने का विकल्प देते हैं. यदि आप नौकरी पेशा हैं तो अपने सैलरी अकाउंट के साथ आरडी खाता खोल सकते हैं. सेविंग अकाउंट के साथ आरडी खोलने पर आपको हर महीने पैसा जमा करने की जरूरत नहीं होती, अकाउंट से ही पैसा कट जाता है.
क्या है आरडी पर ब्याज दरें
आरडी खाते में रकम जमा करने के लिए आपको न तो बैंक और न ही पोस्ट ऑफिस ही जाने की ज़रूरत है. यदि आपका सैलरी अकाउंट है तो एक तय राशि अपने आप ही कट जाएगी. इस प्रकार के खाते में तिमाही आधार पर चक्रवृद्धि ब्याज दर मिलती है.
आरडी अकाउंट का इंट्रेस्ट रेट उतना ही होता है, जितना कि उस मैच्योरिटी पीरियड के लिए एक टर्म डिपॉजिट का होता है. आरडी की ब्याज दरें इसके सम्पूर्ण कार्यकाल तक फिक्स्ड रहती हैं और इन्वेस्टर आसानी से जान सकता है कि टर्म पूरा होने पर वह कुल कितनी रकम पाएगा.
जाने आरडी में निवेश और उसकी समयावधि
रीकरिंग डिपॉजिट में आप कम से कम 1 साल और अधिक से अधिक 10 साल तक के लिए खाता खोल सकते हैं. अगर आपको 1 साल के अंदर ही पैसे की जरूरत है तो आपको 1 साल का ही खाता खुलवाना होगा. क्योंकि ज़रूरत पड़ने पर आप बीच में पैसे नहीं निकाल सकते हैं.
कुछ बैंक निवेशको के लिए 6 माह से लेकर साल भर तक की अवधि के लिए भी खाता खोलने की सुविधा देते हैं. आरडी अकाउंट में माह में कम-से-कम 100 रु. तक जमा किए जा सकते हैं. हालांकि यह कुछ ही मामलों में लागू होता है. इसका कार्यकाल आमतौर पर छः माह से 1 साल तक का होता है.
क्या आरडी अकाउंट पर मिल सकता है लोन
आरडी अकाउंट के बदले आपको बैंक से लोन भी मिल सकता है. आप अपने इन्वेस्टमेंट अमाउंट के साथ कोई छेड़छाड़ किए बिना इमर्जेंसी में आरडी के बदले लोन ले सकते हैं. यदि आपने ऐसे RD में निवेश करते हैं जिसका इंट्रेस्ट रेट बहुत अधिक है, तो आपको तब भी उतना ही इंट्रेस्ट रेट मिलता रहेगा, जब बैंक, RBI के प्रचलित रीपो रेट के आधार पर अपने डिपॉजिट रेट कम कर देगा.
(नोट : यह लेख आपकी जागरूकता, सतर्कता और समझ बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. किसी भी बैंकिंग संबंधी जानकारी के लिए बैंकर से सलाह जरूर लें.)