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आज की बदलती लाइफ स्टाइल में कब्ज एक गंभीर बीमारी बनकर सामने आई है. कब्जियत का यदि सही समय पर इलाज नहीं कराया जाए तो यह कई दूसरी बीमारियों का कारण बनती है. आमतौर पर कब्ज उन लोगों को होती है जिनके खाने-पीने का कोई हिसाब-किताब नहीं होता. ऐसे लोग जब मन में आया, जैसे मन में आया वैसा खाते रहते हैं. मैदे की बनी चीजें, फास्ट फूड और पैकेट में बंद फूड कब्ज का बड़ा कारण है.

आखिर क्या है कब्ज  (what is constipation)
कब्ज होने पर गैस और पित्त (एसिडिटी) का प्रकोप होता है. कब्ज का अर्थ होता है आंतों के खाली होने व सफाई होने में अधिक समय लगना और सुबह शाम दोनों समय मल विसर्जन न होना. मल विसर्जन ठीक से न हो तो आंतों और मलाशय में पड़ा मल सड़ने लगता है. मल के कुपित होने पर कई रोग पैदा होते हैं.

क्या है कब्ज का रामबाण इलाज (what is constipation treatment at home in hindi)

लंबे समय तक कब्ज की शिकायत बनी रहे तो बवासीर, भगंदर, आंतों में सूजन, पेट में, मलाशय में और  मूत्राशय में गांठ बनने आदि की संभावना बढ़ जाती है. आमवात, आम ज्वर, बदन में दर्द, सिर दर्द, हृदय में पीड़ा, फेफड़ों पर दबाव, सांस लेने में कष्ट आदि कब्ज के कारण पैदा होती हैं.

आखिर क्या है कब्ज के कारण होने वाले रोग (Constipation causes, treatment and remedies)

स्वाद के लोभ में तले हुए, तेज मिर्च मसालेदार, चटपटे, खटाई युक्त और पचने में भारी पदार्थों का सेवन करने से पाचन क्रिया बिगड़ जाती है. नाश्ते में ब्रेड, परांठे, पूड़ी या तले हुए पदार्थ खाने से पाचन पर दबाव पड़ता है.

खाली पेट तरल पदार्थ खाना, खाली पेट दूध पीने से, बिना चबाए भोजन करना, पालिश वाले चावल, मैदा, सूजी और इनसे बनी मिठाइयां, बिस्कुट, ब्रेड. उपवास में कुछ नहीं खाने से, चिंता युक्त अवस्था, नशीले पदार्थो से चाय, काफी, सिगरेट, तंबाकू, गांजा, अफीम, शराब, अधिक सोना. कुछ गलत आदतें जैसे जल्दी-जल्दी भोजन खाना, मांस को अधिक खाना. प्यास लगने पर पानी न पीना, अनियमित नींद, शौच से जल्दी निकलना, शौच करते समय अखबार पढ़ना आदि .

क्यों होती है कब्ज  (constipation reasons in hindi)

आजकल दौड़ धूप और अति व्यस्तता से भरी जीवन शैली जीने को विवश होने के कारण मनुष्य मानसिक तनावों से ग्रस्त रहता है, व्यस्तता और कार्यभार के कारण दिनचर्या का ठीक से पालन नहीं कर पाता, मानसिक तनाव व चिंताओं का प्रभाव उसकी नींद, भूख और पाचन क्रिया को दूषित करता है और इन कारणों से अपच व कब्ज की स्थिति निर्मित होती है.

कब्ज से ऐसे बचें  (constipation remedies at home)

कुछ लोगों की मानसिकता ऐसी बन जाती है कि चाय पिये बिना उन्हें शौच नहीं होता. धूम्रपान करने वाले सोचते हैं कि धूम्रपान किये बिना शौच नहीं होता और ऐसा ही तंबाकू खाने वाले सोचते हैं. ये सब भ्रम की बातें हैं. शौचालय में एकाग्रचित होकर पूरा ध्यान उदर की प्रक्रिया पर केंद्रित रखने से मल विसर्जन ठीक होता है.

शौच में रखें इन बातों का ध्यान
मल को निकालने के लिए जोर नहीं लगाना चाहिए. यदि सुबह जल्दी उठकर निश्चित समय पर शौचालय में बैठने के नियम का पालन करें, तो बिना विलंब के मल विसर्जित हो जाता है. भोजन में खट्टे फल होंगे तो यह भूख बढ़ाते हैं, आंतों को उत्तेजित करते हैं और मल निकालते हैं. ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए.

पेट से जुड़ी है सारी बीमारियां
उदर रोगों के कारण पेट दर्द, कब्ज, पेचिश आदि की शिकायत रहती है. इन रोगों के कारण खाने से पहले सोचना पड़ता है और खाने के बाद रोना पड़ता है क्योंकि मनुष्य कितना भी सोच कर खाये, फिर भी कहीं न कहीं वह अपनी दिनचर्चा में कुछ ऐसा खा लेता है कि उसका अहसास पेट में परेशानी होने पर होता है और इसका पता बाद में चलता है. फिर हम तरह-तरह की दवाइयों या चूर्ण का सहारा लेते हैं. कुछ देर के लिए तो हम इन सबके सेवन से आराम पा जाते हैं परंतु समस्या जड़ से नहीं जाती.

खतरनाक है उदर रोग
कुछ उदर रोग ऐसे हैं जिनको जल्द से जल्द ठीक करना बहुत जरूरी होता है वरना एक छोटी सी लापरवाही से हमारी जान पर बन आती है. उचित आहार-विहार अपना कर उदर रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है. उदर रोगों में सबसे प्रमुख है कब्ज जो कई रोगों को पैदा करने का मुख्य कारण होता है.

(नोट : यह लेख आपकी जागरूकतासतर्कता और समझ बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. यदि किसी बीमारी के पेशेंट हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.)

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