Thu. Apr 25th, 2024

इनकम टैक्स (Income tax) भरते समय जो सबसे बड़ी दिक्कत होती है वो ये होती है की आप अपनी आय की गणना कैसे करेंगे(Income calculate). आपकी किस-किस आय पर और कितनी आय पर इनकम टैक्स लगेगा. कई लोग इसे लेकर असमंजस में होते है और इनकम टैक्स पर मिलने वाली छूट का लाभ नहीं उठा पाते.

किस आय पर लगता है इनकम टैक्स (taxable income)

इनकम टैक्स सिर्फ आपकी सैलरी पर नहीं बल्कि और भी दूसरी आय पर लगता है. जो निम्न है.
– वेतन से आय
– प्रॉपर्टी से आय जैसे मकान का किराया या दुकान का किराया
– किसी बिजनेस से होने वाली आय
– सोना, प्रॉपर्टी शेयर, म्यूचुअल फ़ंड इत्यादि बेचने पर होने वाला लाभ
– आपकी सेविंग, एफ़डी आदि से होने वाले लाभ से आय

कर मुक्त आय क्या होती है? (tax free income)

ये जरूरी नहीं की इनकम टैक्स आपकी पूरी सैलरी पर ही लगे. आपकी सैलरी का कुछ हिस्सा ऐसा भी होता है जो कर मुक्त होता है. आपको इसके बारे में पता होना चाहिए.
– आपकी जो सैलरी होती है उस पर मिलने वाला HRA यानि House rent allowance का कुछ भाग हिस्सा कर मुक्त होता है जो हर साल घटता-बढ़ता रहता है.
– आपकी सैलरी पर मिलने वाले LTA यानि की Leave travel allowance का कुछ हिस्सा कर मुक्त होता है.
– FY18 में आपको आपकी सैलरी पर मिलने वाले Conveyance Allowance और मेडिकल Reimbursement भी कर मुक्त थे लेकिन अब इनकी जगह Standard Deduction ने ले ली है.

टैक्स फ्री इनवेस्टमेंट (Tax free investment)

अगर आप चाहते हैं की आप अपनी सैलरी का कुछ भाग निवेश कर दें जिससे आपको कम इनकम टैक्स देना पड़े तो आप इन्हें कुछ खास जगहों पर निवेश कर सकते हैं.

सेक्शन 80 सी के तहत PPF, EPF, ELSS, NSC, जीवन बीमा प्रीमियम भुगतान, होम लोन principal रीपेमेंट इत्यादि में निवेश कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहें की यहाँ सिर्फ 1.5 लाख तक का इनवेस्टमेंट टेक्स फ्री है.
सेक्शन 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान पर आप टैक्स बेनिफ़िट पा सकते है.
सेक्शन 80 ई के तहत आप Education Loan के ब्याज के भुगतान पर टैक्स में छूट पा सकते है.
सेक्शन 24 के अनुसार आप Home loan के ब्याज भुगतान पर टैक्स बेनिफ़िट पा सकते है.
NPS (National pension scheme) मे इन्वेस्ट करके आप टैक्स बेनिफ़िट पा सकते है.

इनकम टैक्स की गणना करने के लिए आपको कुछ नहीं करना है. सबसे पहले आप अपनी आय की गणना करो और उसके बाद जो आपकी कर मुक्त आय है उसे घाटा दें. इसके बाद अपनी आय को गिने. इसके अलावा जहां भी आपने इन्वेस्ट किया है उसे आपको ITR file करते समय बताना होगा जिससे आपकी आय की गणना कम हो सके.

By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *