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INS Vikrant : नौसेना का शक्तिशाली जहाज आईएनएस विक्रांत की विशेषता और इतिहास

भारत में तीन तरह की सेना है आर्मी, वायु सेना और नौसेना. ये तीनों अपने-अपने क्षेत्रों में देश की रक्षा करती है. देश की सेना के पास कई तरह के हथियार तथा वाहन है जो युद्ध के समय काम में आते हैं. भारत की नौसेना में आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) को शामिल करने की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है की ये अब तक का सबसे शक्तिशाली जहाज होगा जिसे भारत द्वारा निर्मित किया जा रहा है.

आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant)

आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) एक स्वदेशी जहाज है जिसका निर्माण कार्य 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा. इसे कोच्चि के कोचिन शिपयार्ड (Cochin shipyard) में बनाया जा रहा है. ये एयरक्राफ्ट कैरियर 20, मिग-29 फाइटर जेट्स को ले जाने में सक्षम होगा. ये काफी शक्तिशाली जहाज होगा जो दुनिया में काफी कम देशों के पास मौजूद है. विक्रांत का वजन 40 हजार टन है. दुनिया में केवल अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस के पास ही 40 हजार या इससे ज्यादा टन क्षमता वाले विमान वाहक जहाज के निर्माण करने की क्षमता है.

आईएनएस विक्रांत का इतिहास (History of INS Vikrant)

आईएनएस विक्रांत को बनाने का फैसला 2003 में लिया गया था और इसके काम की शुरुवात 2009 में हुई थी. जहाज का निर्माण 2013 में पूरा होने के साथ शुरू किया गया था. बाद में इसके लिए 2018 के अंत का समय तय किया गया लेकिन इसका निर्माण पूरा नहीं हो पाया. अब उम्मीद की जा रही है की जल्द ही इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा और टेस्टिंग करके 2021 में इसे नौसेना में सम्मिलित कर लिया जाएगा.

नौसेना में जहाज (Best Ship in Indian NAVY)

वर्तमान में दो विमानवाहक पोत शामिल है. एक आईएनएस विराट है जिसे इंगलैंड से खरीदा था और दूसरा आईएनएस विक्रमादित्य है जिसे रूस से खरीदा था. ऐसी संभावना जताई जा रही है की आईएनएस विराट को भविष्य में हटाया जा सकता है.

आईएनएस विक्रांत की संरचना (Infrastructure of INS Vikrant)

आईएनएस विक्रांत भारत का अब तक का सबसे शक्तिशाली, वजनी और बड़ा विमानवाहक पोत होगा. ये पूरी तरह स्वदेशी है और इसे भारत में ही बनाया जा रहा है.

– आईएनएस विक्रांत की लंबाई 260 मीटर और चौड़ाई 60 मीटर के लगभग है.

– आईएनएस विक्रांत अपने आप में ऊर्जा उत्पन्न करने में सक्षम होगा. इसमें दो LM 2500 गैस टर्बाइन है जो 80 मेगावाट की कुल शक्ति उत्पन्न करते हैं. इनके अलावा इसमें 24 मेगावॉट उत्पन्न करने में सक्षम डीजल अल्टरनेटर एमडबल्यू और मुख्य गियर बॉक्स फिट किया गया है.

– आईएनएस विक्रांत पूरी तरह स्वदेशी है इसमें निजी और सार्वजनिक उद्यमों की सक्रिय भागीदारी है. इसमें लगने वाला इस्पात उड़ीसा के राऊरकेला, झारखंड के बोकारो और छत्तीसगढ़ के भिलाई सेल से आ रहा है.

– इसमें लगने वाले मेन स्विच बोर्ड, स्टियरिंग गियर और वॉटर टाइट हाइच का निर्माण मुंबई और तलेगांव में लार्सन और टर्बो कंपनी द्वारा किया जा रहा है.

– इसमें लगने वाली एयर कंडीशनर और प्रशीतन प्रणाली का निर्माण पुणे में किर्लोसकर कंपनी द्वारा किया जा रहा है.

– इसमें लगने वाले पंपों की आपूर्ति क्रॉम्पटन कंपनी के द्वारा की जा रही है.

– आईएनएस विक्रांत में एकीकरत प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम की आपूर्ति BHEL द्वारा की जा रही है.

– गियर बॉक्स की आपूर्ति गुजरात की Elecon Engineering Company द्वारा की जा रही है.

आईएनएस विक्रांत की विशेषता (INS Vikrant Feature)

– आईएनएस विक्रांत रूसी MIG 29 K और नौसेना के लड़ाकू विमानों का संचालन करने में सक्षम होंगे.

– आईएनएस विक्रांत पर हेलीकाप्टर सेक्शन भी होगा जिसमें कामोव 31 और स्वदेशी रूप से विकसित ALH हेलीकाप्टर सम्मिलित होंगे.

– जहाज के चारों ओर एक बड़े वायु स्थान को नियंत्रित करने के लिए C/D बैंड द्वारा आरंभिक एयर वार्निंग रेडार, V/UHF टैक्टिकल एयर नेविगेशनल और डायरेक्शन फाइंडिंग सिस्टम द्वारा सक्षम की जाएगी, जो कि इलेक्ट्रो मैग्नेटिक (EM) वातावरण और क्षमता पर जैमिंग क्षमताओं को सक्षम करेगा

– इसमें एयर कंट्रोल की सहायता के लिए कैरियर कंट्रोल एप्रोच रडार भी होगा.

– वाहन पर सभी तरह के हथियार प्रणालियों को एक स्वदेशी कॉमबैट मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से एकीकृत किया जाएगा.

आईएनएस विक्रांत एक शक्तिशाली जहाज होगा जो समुद्र में दुश्मन को जवाब देने के लिए हमेशा तैयार रहेगा. इसके मौजूद हथियार और सुरक्षा प्रणाली दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम होगी.

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By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

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