बॉलीवुड में हिंदी फिल्मों के नामकरण की प्रक्रिया बहुत ही अनोखी है. कुछ फिल्म निर्माता अपनी फिल्म के नए-निराले टाइटल के लिए अपने दिमागी घोड़े दौड़ाते हैं तो कुछ ज्योतिषियों की राय पर उसमें फेरबदल करते रहते हैं या फिर और कुछ नहीं तो उसके अंग्रेजी अनुवाद में बेवजह अक्षर जोड़ते-घटाते रहते हैं.
कुछ निर्माता ऐसे भी हैं जो किसी भी पुरानी फिल्म का नाम ही अपनी नई फिल्म के लिए रजिस्ट्रेट करवा लेते हैं. ऐसे फिल्म निर्माताओं की बदौलत हिंदी की बोलती फिल्मों के कोई सात दशक लंबे इतिहास में ऐसा कई बार हुआ है कि एक ही नाम से कई-कई बार फिल्में बनीं. इनमें अब तक सबसे ज्यादा यानी सात बार फिल्में बनी हैं ‘इंसाफ‘ नाम से.
इंसाफ नाम से मूवी बनाने का सिलसिला वर्ष 1937 से शुरू हुआ जब दरयानी प्रोडक्शंस ने जे.पी.अडवानी के निर्देशन में लीला चिटनिस, आशा, लता, अमीरबाई कर्नाटकी, यूसुफ आफंदी, गोप आदि कलाकारों को ले कर पहली ‘इंसाफ‘ बनाई.
इसके ठीक 10 साल बाद रोहिणी पिक्चर्स ने फणी मजूमदार के निर्देशन में दूसरी ‘इंसाफ‘ बनाई, जिसका एक अन्य नाम ‘न्याय‘ से भी प्रमोशन किया गया. साल 1946 में रिलीज हुए इस फिल्म में नवीन याज्ञिक, स्वर्णलता, चार्ली, डेविड आदि कलाकारों ने एक्टिंग की.
इसके बाद ठीक दस-दस साल के अंतराल में दो फिल्में और बन कर रिलीज हुई. साल 1956 में भाग्योदय पिक्चर्स ने केदार कपूर के निर्देशन में अजीत और नलिनी जयवंत की जोड़ी को ले कर एक वेशभूषा प्रधान फिल्म के रूप में ‘इंसाफ‘ बनाई.
इसके बाद 1966 में सरगम फिल्म ने चौथी ‘इंसाफ‘ बनाई. राधाकांत निर्देशित इस स्टंट फिल्म के चुनिंदा स्टार पृथ्वीराज कपूर, दारा सिंह, परवीन चौधरी, हेलन, ललिता पवार, आजाद आदि थे.
साल 1973 में निर्माता एस.कृष्णमूर्ति और निर्देशक सुब्बाराव ने मिल कर पांचवीं ‘इंसाफ‘ बनाई जिसमें प्राण, वहीदा रहमान, तनूजा और विजय अरोड़ा ने लीड रोल निभाया.
इसके बाद अगली ‘इंसाफ‘ के लिए दर्शकों को पूरे 14 साल का इंतजार करना पड़ा. 1987 में विनोद खन्ना और डिंपल कपाडि़या को मुख्य भूमिकाओं में ले कर निर्माता नितिन मनमोहन ने छठी ‘इंसाफ‘ बनाई.
इस तरह एक ही नाम से छह बार बन चुकी ‘भक्त प्रहलाद‘ फिल्म (वर्ष 1932, 1934, 1946, 1959, 1965 और 1967) के रिकार्ड की ‘इंसाफ‘ ने बराबरी कर ली. मुकुल आनंद निर्देशित यह ‘इंसाफ‘ सुपर हिट रही और फिल्मों से संन्यास ले चुके विनोद खन्ना एक बार फिर हिंदी सिनेजगत का लोकप्रिय सितारा बन गए.
‘इंसाफ‘ नाम से फिल्म बनने का रिकॉर्ड उस समय बना जब साल 1997 में, निर्माता जिम्मी नरूला ने दयाल निहलानी के निर्देशन में अक्षय कुमार और शिल्पा शेट्टी की कामयाब जोड़ी को ले कर सातवीं ‘इंसाफ‘ बनाई. एक ही नाम से सबसे ज्यादा बनने वाली फिल्म का यह कीर्तिमान अभी भी ‘इंसाफ‘ के ही नाम है.