जुलाई का महीना इस बार काफी सारे त्योहार (July Month Festival) लेकर आ रहा है. एक तरफ इस बार सावन का महीना जुलाई में है तो वही दूसरी ओर ईद भी जुलाई में ही है. जुलाई माह की शुरुआत ही जगन्नाथ यात्रा के साथ हो रही है. इसके साथ ही कई गृह राशि परिवर्तन करने वाले हैं जिनका सीधा असर आपके जीवन पर पड़ने वाला है. तो चलिये जानते हैं जुलाई महीने के प्रमुख त्योहार के बारे में.
जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra)
इस महीने की शुरुआत यानी 1 जुलाई, शुक्रवार को ओड़ीशा के पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा निकलेगी. इसका धार्मिक महत्व है. बताया जाता है कि आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को भगवान जगन्नाथ आपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं.
इसी वजह से रथ यात्रा आयोजित की जाती है. कहा जाता है कि हिन्दू धर्म में रथ यात्रा का विशेष महत्व होता है. जो व्यक्ति रथ यात्रा में शामिल होता है और रथ को खींचने में सहायता करता है उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.
हरीशयनी एकादशी (Harishayani Ekadashi)
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा में चले जाते हैं. इसे हरीशायनी एकादशी या देवशयनी एकादशी कहते है. ये इस बार 10 जुलाई, रविवार को रहेगी. इस तिथि के साथ ही चतुर्मास लग जाते हैं और इनमें कोई मांगलिक कार्य नहीं होता है.
शिव शयनोत्स्व (Shiv Shayanotsav)
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव भी योग मुद्रा में चले जाते हैं. इस घटना को शिव शयनोत्सव कहा जाता है. भगवान शिव शयन काल में जाने से पहले अपने रुद्र अवतार को सृष्टि का कार्यभार सौंप देते हैं.
कोकिला व्रत (Kokila Vrat)
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को कोकिला व्रत रहता है. इस व्रत में माँ पार्वती के कोयल रूप को पूजा जाता है. ये व्रत इस बार 13 जुलाई, बुधवार को है. इस व्रत को करने वाली महिला सौभाग्य और सम्पदा की प्राप्ति करती है.
गुरु पुर्णिमा (Guru Purnima)
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पुर्णिमा तिथि को गुरु पुर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. ये इस बार 13 जुलाई, बुधवार को ही है. हिन्दू धर्म के अनुसार इस दिन गुरुओं की पूजा का विधान है. ये वो दिन है जब महाभारत के रचियता ने जन्म लिया था. इस दिन विशेष तौर पर गुरुओं का सम्मान किया जाता है.
सावन सोमवार व्रत (Sawan Somvar Vrat)
सावन का पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस महीने की शुरुआत हो रही है 14 जुलाई, गुरुवार से हो रही है. वहीं पहला सावन सोमवार 18 जुलाई को रहेगा. सावन सोमवार कब -कब है आप यहाँ क्लिक करके पढ़ सकते हैं.
काल अष्टमी (Kaal Ashtami)
हर माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को काल अष्टमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन काल भैरव की पूजा अर्चना की जाती है. इनका व्रत करने से सभी नकारात्मक शक्तियों का अंत हो जाता है. ये इस माह में 20 जुलाई, बुधवार को है.
कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi)
हर माह में दो एकादशी होती है. सावन माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को कामिका एकादशी कहते हैं. ये इस वर्ष 24 जुलाई, रविवार को है. इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए. उन्हें घी या तेल का दीपक लगाकर सच्चे मन से उनकी आराधना करनी चाहिए.
सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri)
सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को सावन शिवरात्रि कहा जाता है. इस दिन भी भगवान शिव की विशेष पूजा होती है. महिलाएं शिव के लिए उपवास रखती है. ये इस बार 26 जुलाई मंगलवार को है.
हरियाली अमावस (Hariyali Amavasya)
सावन माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है. ये इस वर्ष 28 जुलाई, गुरुवार को है. हरियाली अमावस्या का संबंध प्रकृति, पितृ देव और शिव से है. इस दिन पितृ की आत्मा की शांति के लिए हवन, तर्पण आदि किए जाते हैं.
हरियाली तीज (Hariyali Teej)
सावन माह की शुक्ल पक्ष की तीज को हरियाली तीज कहा जाता है. ये इस वर्ष 31 जुलाई, रविवार को है. सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए हरियाली तीज का उपवास रखती है. बिहार के क्षेत्र में इसे मधुश्रावणी के रूप में मनाया जाता है.
ये जुलाई माह के प्रमुख व्रत और त्योहार थे. इन त्योहारों की लिस्ट के आधार पर आप इनकी तैयारी कर सकते हैं. वैसे जुलाई का आधा महीना सावन का महीना है तो इस महीने के अंत में लोग भगवान शिव की विशेष आराधना करेंगे.
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