जून 2022 की शुरुआत बुधवार के दिन से होने जा रही है. हिन्दी पांचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि से इस माह की शुरुआत होने वाली है. इस माह में कई सारे महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आने वाले हैं. इस माह की शुरुआत में रंभा तीज पड़ने वाली है तो माह की समाप्ति गुप्त नवरात्रि के आरंभ से होने वाली है. चलिये जानते हैं इस माह के प्रमुख व्रत और त्योहार के बारे में.
2 जून | रंभा तृतीय |
9 जून | गंगा दशहरा |
11 जून | निर्जला एकादशी, गायत्री जयंती |
12 जून | प्रदोष व्रत |
14 जून | संत कबीर जयंती, वट सावित्री व्रत |
17 जून | संकष्टी चतुर्थी व्रत |
24 जून | योगिनी एकादशी |
27 जून | मासिक शिवरात्रि व्रत |
28 जून | दर्श अमावस्या |
30 जून | आषाढ़ नवरात्रि प्रारंभ |
रंभा तृतीया
रंभा तृतीय 2 जून को है. इसे ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की तृतीय को मनाया जाता है. ये एक व्रत है जिसे सुहागिन स्त्रियाँ अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं.
गंगा दशहरा
हर वर्ष ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा दशहरा या गंगा दशमी के रूप में मनाया जाता है. माना जाता है कि इस दिन माँ गंगा ने धरती पर अवतार लिया था. इस वर्ष 9 जून को गंगा दशहरा है.
निर्जला एकादशी एवं गायत्री जयंती
11 जून को निर्जला एकादशी और गायत्री जयंती दोनों पड़ रही है. इसे ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं बिना जल ग्रहण किए भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करती हैं.
प्रदोष व्रत
12 जून को प्रदोश व्रत है. हर वर्ष हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है. इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान की जाती है.
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संत कबीर जयंती
14 जून को संत कबीर की जयंती है. हर वर्ष हिन्दू पंचांग के अनुसार इसे ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि मनाया जाता है. इसके साथ ही इस दिन वट सावित्री व्रत पूर्णिमा भी है. इस दिन सुहागिन महिलाएं शृंगार कर बरगद के पेड़ के पूजा करती हैं.

संकष्टी चतुर्थी व्रत
17 जून को संकष्टी चतुर्थी व्रत है. हिन्दू पंचांग के अनुसार इसे हर माह की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन गणेश जी का व्रत रखा जाता है और उनकी विधिवत पूजा की जाती है.
योगिनी एकादशी व्रत
24 जून, शुक्रवार को योगिनी एकादशी व्रत के रूप में मनाया जाएगा. हिन्दू पंचांग के अनुसार इसे हर वर्ष के आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि मनाया जाता है. यह व्रत इस पृथ्वी लोक पर भोग और परलोक में मुक्ति देने वाला माना गया है.
मासिक शिवरात्रि
27 जून को मासिक शिवरात्रि है. हर महीने हिन्दू पंचांग के हिसाब से कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा के जाती है एवं उपवास किया जाता है.
दर्श अमावस्या
28 जून को दर्श अमावस्या है जिसे हिन्दू शास्त्रों में बेहद महत्वपूर्ण अमावस्या माना गया है. इस दिन नदी में स्नान करके पितरों की पूजा करके दान देना चाहिए. इससे आपके पितृ आपके ऊपर कृपा बनाए रखते हैं.
गुप्त नवरात्रि
30 जून के दिन से ही गुप्त नवरात्रि प्रारम्भ हो रहे हैं. ये आने वाले 9 दिनों तक रहेंगे. इन नवरात्रि में 9 दिनों तक माँ दुर्गा की पूजा की जाती है.
ये सभी व्रत एवं त्योहार जून माह में आने वाले हैं. आप इन सभी की तैयारी पहले से कर सकते हैं.
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