पथरी (kidney stone) एक ऐसी समस्या है जो किसी को भी हो सकती है. भारत में 12 % लोग पथरी के रोग से ग्रस्त हैं. पथरी जिसे हम किडनी स्टोन भी कहते हैं मिनरल्स और नमक की बनी एक ठोस बनावट होती है. ये रेत के दाने से लेकर एक गेंद के आकार तक की हो सकती है. पथरी जितनी बड़ी होगी वो उतनी ज्यादा खतरनाक और गंभीर होगी.
पथरी के लक्षण
किसी व्यक्ति को पथरी है या नहीं इसके लिए उसके लक्षणों (kidney stone symptoms) के बारे में पता होना जरूरी है. पथरी के लक्षण पथरी के स्थान और उसके आकार पर निर्भर करते हैं.
– पथरी होने पर मूत्र मार्ग में दर्द (kidney stone pain) होता है.
– पीठ की तरफ या पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है.
– पथरी का दर्द आमतौर पर सुबह शुरू होता है. ये ज्यादा या कम किसी भी तरह का हो सकता है.
– पेशाब करते समय दर्द
– मूत्र में समान्य गंध
– मूत्र में खून आना या धुंधलापन होना.
– सामान्य से ज्यादा बार पेशाब जाना.
पथरी के प्रकार
पथरी कई तरह (types of kidney stone) की होती है. इसी के आधार पर इसके लक्षण सामने आते हैं. पथरी के लक्षण तो आपने जान लिए लेकिन ये जानना भी जरूरी ही की किसी व्यक्ति को कौन से प्रकार की पथरी है.
कैल्शियम स्टोन : ये सबसे आम पथरी का प्रकार है और अधिकतर लोगों में ये होता है. ये पथरी कैल्शियम ऑक्सलेट, फॉस्फेट या मेलिएट के बने होते हैं. इससे बचने के लिए कम ऑक्सलेट वाले खाद्य पदार्थ (food that cause kidney stone) खाने चाहिए. आलू के चिप्स, मूंगफली, चॉकलेट, चुकंदर और पालक में ज्यादा ऑक्सलेट पाया जाता है.
यूरिक एसिड स्टोन : ये पथरी आमतौर पर पुरुषों में ज्यादा होती है. ये गाउट तथा किमोथेरेपी से गुजर रहे लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है. ये ऐसे खाद्य पदार्थों के कारण होता है जिनमें प्यूरिन पाया जाता है जैसे मछ्ली, सेलफिश और मांस.
स्ट्रूवाइट स्टोन : इस तरह की पथरी उन महिलाओं में पाई जाती है जिनके मूत्र मार्ग में संक्रमण होता है. ये पथरी आकार में बड़ी हो सकती है और मूत्र मार्ग में बाधा पैदा कर सकती है.
सिस्टीन स्टोन : इस तरह की पथरी के मामले काफी कम होते हैं. ये उन लोगों में होता है जो आनुवंशिक विकार सिस्टीनुरिया से ग्रसित होते हैं. इस तरह की पथरी में सिस्टीन का रिसाव किडनी से मूत्र में होता है.
पथरी से बचाव
पथरी से बचाव (kidney stone prevention tips) के कई रास्ते हैं. आप चाहे तो खान-पान में बदलाव लाकर पथरी से बच सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे ये जरूरी नहीं की सिर्फ खान-पान से पथरी न हो. ये शरीर में मौजूद कुछ तत्वों के कारण या फिर आनुवंशिक बीमारी होने के कारण भी हो सकती है. आप सिर्फ इससे बचाव कर सकते हैं. इसे पूरी तरह होने से नहीं रोक सकते.
– पथरी न हो इसके लिए सबसे अच्छी चीज है पानी. दिनभर में ज्यादा से ज्यादा पानी पिये जिससे आपको ज्यादा से ज्यादा पेशाब आए. पानी के कारण शरीर की गंदगी पेशाब के रास्ते बाहर निकाल जाएगी जिससे पथरी होने की संभावना कम हो जाएगी.
– ऐसे खाद्य पदार्थ कम लें जिनमें कैल्सियम ज्यादा हो. कैल्शियम लेने से ऑक्सलेट की मात्र बढ़ जाती है जिससे पथरी होने का खतरा ज्यादा रहता है.
– ऐसे खाद्य पदार्थ कम लें जिनमें सोडियम ज्यादा हो. सोडियम भी पथरी होने का कारण बनता है. सोडियम आपके मूत्र में कैल्शियम की मात्र को बढ़ता है जिस वजह से पथरी हो सकती है.
– कई लोग बड़े ही शौक से मीट, मुर्गी, अंडे और समुद्री भोजन खाते हैं. इन्हें खाना भी चाहिए लेकिन ज्यादा नहीं. अगर आप जरूरत से ज्यादा इनका सेवन करते हैं तो ये गुर्दे की पथरी का कारण बनते हैं.
पथरी का इलाज
पथरी के लक्षण नजर आने पर इन्हें अनदेखा न करें तुरंत डॉक्टर की सलाह लें. मेडिकल में इसका इलाज (kidney stone treatment) दवाइयों और सर्जरी के जरिये संभव है. ध्यान रहें की अगर आप शुरुवात में ही इसके लक्षण को पहचान जाते हैं तो डॉक्टर पथरी को दवाई के जरिये गलाकर इससे छुटकारा दिला सकते हैं लेकिन अगर आप इसके होने वाले दर्द को अनदेखा करते हैं तो इसका आकार बढ़ता जाता है और बात सर्जरी तक पहुंच जाती है. पथरी का इलाज लिथोट्रिप्सी, परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी और यूरेटेरोस्कोपी के जरिये किया जाता है.
पथरी के घरेलू इलाज
आप चाहे तो पथरी को कुछ घरेलू उपाय (kidney stone home remedy) के जरिये कम या नियंत्रित कर सकते हैं या इससे पूरी तरह बच सकते हैं. पथरी के घरेलू इलाज निम्न हैं.
– चार चम्मच नींबू को चार चम्मच जैतून के तेल में मिलकर मिश्रण बना लें और इसे 1.5-2 लीटर पानी में मिला लें. इस मिश्रण का सेवन दिन में कम से कम दो बार करे. अगर आपकी पथरी चली जाती है तो इसके बाद सेवन न करें.
– रोजाना अनार का जूस पीएं, अनार के बीज का पेस्ट तैयार करके उसका भी सेवन कर सकते हैं.
– पथरी होंने पर या पथरी से बचने के लिए आप तरबूज का सेवन कर सकते हैं. ये पथरी में आपको काफी ज्यादा फायदा पहुचाता है.
– राजमा को उबालकर आप उसका सेवन कर सकते हैं. उबले हुए राजमें को 24 घंटे तक न रखें.
नोट: यह लेख आपकी जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. यदि आप संबंधित बीमारी से ग्रस्त हैं अथवा बीमारी के लक्षण महसूस होते हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें. बिना चिकित्सकीय सलाह के किसी भी तरह के उपाय ना करें और बीमारी को लेकर धारणा ना बनाएं. ऐसा करना सेहत के लिए नुकसानदायक है.
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