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मेडजेनोम ने एफएसएचडी1 जेनेटिक स्क्रीनिंग टेस्ट के लॉन्च के साथ दुर्लभ बीमारी के निदान में बड़ी प्रगति की

भारत में जेनेटिक टेस्टिंग सर्विसेज़ के अग्रणी प्रदाता, मेडजेनोम लैब्स ने भारत में पहली बार अत्याधुनिक तरीके से फेसियोस्केपुलोह्यूमरल मस्कुलर डिस्ट्रॉफी टाईप 1 (एफएसएचडी1) टेस्ट के लॉन्च की घोषणा की है। मेडजेनोम पहला कमर्शियल लैब है, जो इस नए जेनेटिक टेस्ट की सुविधा दे रहा है। इससे एफएसएचडी1 से पीड़ित लोगों को जल्द और समय पर निदान प्राप्त होगा, जिससे बीमारी का प्रबंधन करने के विकल्पों में सुधार होगा।

एफएसएचडी1 ऑप्टिकल जेनोम मैपिंग टेस्ट (ओजीएम) एक अत्यधिक उन्नत डायग्नोस्टिक टूल है, जो अत्याधुनिक टेक्नॉलॉजी की मदद से एफएसएचडी1 के मरीजों में होने वाले जेनेटिक परिवर्तनों का विस्तृत और सटीक आकलन करता है। इस टेस्ट में एफएचएसडी11 करने वाले बड़े स्तर के इंसर्शन और डुप्लिकेशंस तथा डीएनए में होने वाले सूक्ष्म परिवर्तनों की पहचान हो सकती है।

फेसियोस्केपुलोह्यूमरल मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (एफएसएचडी) एक आम मस्कुलर डिस्ट्रॉफी है, जिसमें अत्यधिक जटिल जेनोटाईप होता है। भारत में होने वाले मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के 2 से 3 प्रतिशत मामले प्रगतिशील मायोपैथी के होते हैं2। एफएसएचडी1 एक दुर्लभ अनुवांशिक विकृति है जो चेहरे की पेशियों, कंधों के ब्लेड्स, और बाँहों के ऊपरी हिस्सों को प्रभावित करती है। यह बीमारी क्रोमोसोम 4 पर डी4जैड4 रिपीट रीज़ंस से जेनेटिक सामग्री विलुप्त हो जाने के कारण होती है, जिससे पेशियों के टिश्यू खत्म हो जाते हैं और प्रभावित हिस्सों में कमजोरी आ जाती है2। एफएसएचडी1 से पूरी दुनिया में हर 20,000 लोगों में से एक व्यक्ति प्रभावित है, और इसके लक्षण व्यस्क बनने के शुरुआती चरणों में प्रकट होते हैं।

एफएसएचडी1 का जीवन की गुणवत्ता पर काफी गहरा प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि इसकी वजह से दैनिक गतिविधियाँ प्रभावित होती हैं, और किसी वस्तु को उठाने या बाँह उठाने जैसे दैनिक काम करना मुश्किल हो जाता है। यह बीमारी प्रगतिशील होती है, इसलिए कभी-कभी गंभीर रूप से विकलांगता भी उत्पन्न कर सकती है। वर्तमान समय में एफएसएचडी1 के लिए कोई भी ज्ञात इलाज उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए इलाज के विकल्प बहुत सीमित हैं। लेकिन इसके लिए अनेक क्लिनिकल ट्रायल बहुत तेज गति से किए जा रहे हैं।

वेदम रामप्रसाद, पीएचडी, सीईओ (भारत), मेडजेनोम लैब्स लिमिटेड ने लॉन्च के बारे में कहा, ‘‘जेनेटिक्स द्वारा मरीज की केयर में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध होने के नाते हम भारत में पहली कंपनी बनकर बहुत उत्साहित हैं, जो एफएसएचडी1 के लिए ऑप्टिकल जेनोम मैपिंग टेस्ट प्रदान कर रही है। यह देश में क्लिनिशियंस और हैल्थकेयर प्रदाताओं को सर्वोच्च गुणवत्ता की जेनेटिक टेस्टिंग सेवाएं प्रदान करने के हमारे मिशन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। इस नए टेस्ट का लॉन्च भारत में एफएसएचडी1 के निदान और प्रबंधन में एक बड़ी उपलब्धि है।’’

सक्थिवल मुरुगन एसएम, वाईस प्रेसिडेंट – लैब ऑपरेशंस, मेडजेनोम लैब्स लिमिटेड ने कहा, ‘‘एक फिज़िशियन के रूप में हम फेसियोस्केपुलोह्यूमरल मस्कुलर डिस्ट्रॉफी टाईप 1 (एफएसएचडी1) के मरीजों की चिंताओं और चुनौतियों को समझता हूँ। भारत में एफएसएचडी1 के लॉन्च के साथ हमें मरीजों को एक भरोसेमंद और सटीक डायग्नोस्टिक टूल पेश करने पर गर्व है, जो समय पर पहचान और पर्सनलाईज़्ड ट्रीटमेंट प्लान प्रदान करेगा। यह टेस्ट भारत में प्रेसिज़न मेडिसीन की उन्नति की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। मेडजेनोम लैब्स में हम इनोवेटिव समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो मरीजों और मेडिकल समुदायों की महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा कर सकें।’’

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