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Navaratri Maha ashtami 2020: महा अष्टमी, महानवमी, दशहरा शुभ मुहूर्त और पूजन विधि, दुर्गा पूजा विधि और महत्व

(शारदीय नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी और दुर्गा पूजा का विशेष महत्व है. फोटो: सोशल मीडिया)(शारदीय नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी और दुर्गा पूजा का विशेष महत्व है. फोटो: सोशल मीडिया)

शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2020)  का शुभारंभ 17 अक्टूबर से होने जा रहा है. इस बार पुरुषोत्तम मास (Purushottam maas 2020) के चलते नवरात्रि देर से प्रारंभ हुई है. नवरात्रि के साथ ही सबसे ज्यादा जिस पूजा का महत्व रहता है वह है महाष्टमी (Mahaashtami 2020) की पूजा.

पूर्वी भारत में महाष्टमी और दुर्गा पूजा का विशेष महत्व है. झारखंड, बंगाल और बिहार में दुर्गा पूजा  (Durga puja kab hai) महापर्व है. कोरोना संकट (Durga Puja during the coronavirus pandemic) के बीच इस साल बड़ी संख्या में जनसमुदाय दिल्ली-मुंबई छोड़कर अपने घरों की ओर लौटे हैं, ऐसे में देश में दुर्गा पूजा और दुर्गाष्टमी की विशेष धूम रहेगी.

शारदीय नवरात्रि 2020 में इस बार दुर्गाष्टमी (Ashtami and navami in october 2020) 24 अक्टूबर को पड़ रही है. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस साल अष्टमी और नवमी की तिथि एक ही होने के चलते अष्टमी और नवमी की (Mahaashtami 2020 sandhi puja time) पूजा एक ही दिन होगी.

बता दें कि 24 अक्टूबर को सुबह 6:58 बजे तक अष्टमी होगी जबकि उसके बाद नवमी शुरू हो जाएगी, यानी की अष्टमी 23 अक्टूबर को 6 बजकर 55 मिनट से अष्टमी लगेगी और 24 अक्टूबर सुबह 6:58 बजे तक रहेगी और बाद में नवमी लग जाएगी.

इस तरह अष्टमी और नवमी तिथि एक ही हो जाने के चलते नवमी को ही विजय दशमी का पर्व मनाया जाएगा, यानी की 25 अक्टूबर को ही दशहरा (Dussehra 2020) होगा. बता दें कि दशहरा पूजन का समय दोपहर 1 बजकर 52 मिनट से लेकर 2 बजकर 38 मिनट तक रहेगा.

दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत (What is durga puja)

दुर्गा पूजा के तीन दिन महत्व के होते हैं. (3 Days of Durga puja in Navratri) 

1-महासप्तमी (Maha saptami Navratri 2020)
2-महाष्टमी  (Navratri Maha Ashtami) 
3-महानवमी (Mahanavmi 2020) 

दुर्गा पूजा में महालय क्या होता है? (Durga puja mahalaya 2020 date)
दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत महालय से होती है. सामान्य भाषा में (what is mahalaya in durga puja in hindi) आप नवरात्रि के छठवे दिन को महालय कह सकते हैं. महालय के दिन पितरों के तर्पण का महत्व होता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार महालय के दिन ही देवासुर यानी की देव और असुरों के बीच संग्राम शुरू हुआ था. इस संग्राम में जो भी देव और असुर मारे गए थे उनका तर्पण किया जाता है.

षष्ठी पूजा  (Shashti puja 2020)
षष्ठी यानी की नवरात्रि के छठे दिन से प्रारंभ होती है. यह कल्परम्भ- की शुरुआत मानी जाती है. कल्परम्भ 21 अक्टूबर 2020 यानी की बुधवार को होगा. इसी दिन दिन घट-स्थापना के साथ ही महासप्तमी, महाअष्टमी और महानवमी की पूजा का विधान और संकल्प किया जाता है.

क्या होगा कल्परम्भ का मुहूर्त (kalparambha shubh muhurat)
कल्परम्भ का मुहूर्त 21 अक्टूबर 2020 को 09:09:26 से होगा और षष्ठी का आरम्भ माना जाएगा.
22 अक्टूबर 2020 को 07:41:23 पर षष्ठी समाप्त हो जाएगी और महासप्तमी की शुरुआत मानी जाएगी.

नवपत्रिका पूजन- 22 अक्टूबर गुरुवार (Nabapatrika durga puja)
दुर्गा पूजा का दूसरा दिन सप्तमी यानी की नवपत्रिका पूजन- 22 अक्टूबर गुरुवार से शुरू होगा. दुर्गा पूजा महोत्सव में महासप्तमी का पहला दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. देश के कई हिस्सों में इसे (What is Kola Bou puja) कलाबाऊ पूजन (kola bou durga puja) के नाम से भी जाना जाता है.

महासप्तमी के इस दिन नौ अलग-अलग तरह की पत्तियों जैसे (nine leaves used in durga puja) केला, कच्वी, हल्दी, अनार, अशोक, मनका, धान, बिल्वा और जौ को मिला लिया जाता है और उससे मां जगदम्बा की पूजा की जाती है. बता दें कि इन नौ पत्तियों को ही देवी के अलग-अलग नौ रूपों के तौर पर पूजा जाता है.

जानिए नवपत्रिका पूजन मुहूर्त
नवपत्रिका पूजन की शुरुआत 22 अक्टूबर 2020 को 07:41:23 से मानी जाएगी. इस दिन सप्तमी आरम्भ होगी
वहीं अक्टूबर 23, 2020 को 06:58:53 पर सप्तमी समाप्त मानी जाएगी.

महाष्टमी शुभ मुहूर्त और पूजाविधि (Durga Ashtami ka shubh Muhurat)
23 अक्टूबर सुबह 6:55 मिनट से अष्टमी
24 अक्टूबर सुबह 6:58 तक

महाष्टमी में दिन मां की विशेष आराधना पूजा होती है. अष्टमी के दिन मां के नौ रूपों का ध्यान किया जाता है. इस दिन नहा-धोकर साफ वस्त्रों को धारण कर (Durga ashtami shubh muhurat) धूप-दीप और अगरबत्ती जलाएं. इसके बाद मिट्टी के नौ कलश रखे जाते हैं और देर रात मां का हवन-पूजन किया जाता है.

महानवमी (Mahanavami 2020) शुभ मुहूर्त और पूजाविधि
दुर्गा पूजा के नौवे दिन षोडशोपचार पूजन किया जाता है. यह दिन महानौवमी (shubh maha navami) का होता है. इस दिन महास्नान होता है और षोडशोपचार पूजन किया जाता है. महानवमी का शुभ मुहूर्त इस बार-

24 अक्टूबर से 07:01:02 से नवमी का आरम्भ होगा
25, अक्टूबर को 07:44:04 पर नवमी का समापन होगा और उसके बाद दशहरा लग जाएगा.

दुर्गा पूजा चौथा दिन दशहरा (Dussehra 2020)
दशहरा पर्व की शुरुआत अश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को अपराह्न काल से ही मानी जाती है. पौराणिक कथानुसार इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था. इस दिन को (Vijay dhami shubh muhurat 2020) विजया दशमी के रूप में भी जाना जाता है.

दशहरा पूजन का शुभ मुहूर्त (Dussehra shubh muhurat)

विजय मुहूर्त 13:57:06 से शुरू होकर 14:41:57 तक चलेगा.
इसकी अवधि :0 घंटे 44 मिनट अपराह्न से होगी
इस दिन मुहूर्त :13:12:15 से 15:26:48 तक रहेगा.

By विजय काशिव

ज्योतिषी

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