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NidhiVan Rahasya : अद्भुत हैं निधिवन के रहस्य, तुलसी के पेड़ बन जाते हैं गोपियां

भगवान श्री कृष्ण से जुड़े कई रहस्य है जिन्हें लोग जानना चाहते हैं. इन्हीं में एक रहस्य है निधिवन (Nidhi Van) का. निधिवन वृंदावन (nidhi van of vrindavan) में है और कहा जाता है की ये एक रहस्यमयी वन है जहां श्री कृष्ण आज भी गोपियों के संग रास रचाते हैं. इस जगह के बारे में कई तरह की बाते (Nidhi van ka rahasya) कही जाती है जिनके बारे में आप यहाँ जान सकते हैं.

निधिवन क्या है? (What is Nidhi van?)

निधिवन एक तरह का वन है जहां श्री कृष्ण जब वृंदावन में थे तो गोपियों और राधा के साथ रास रचाते थे. निधिवन में कई सारे पेड़ हैं जो अपने आप में रहस्यमयी हैं. इसके अलावा यहाँ कुछ मंदिर और कुछ लोगों की समाधियाँ हैं. अगर आप वृंदावन जाने के बारे में सोच रहे हैं तो निधिवन आपको जरूर घूमना चाहिए. यहाँ देखने के लिए बहुत कुछ है.

निधिवन के रहस्य (Nidhivan Secrets in hindi)

निधिवन के रहस्य के बारे में कोई नहीं जानता. कहा जाता है की यहां रात में भगवान श्री कृष्ण आते हैं और गोपियों संग रास रचाते हैं. रात के 8 बजे के बाद इस पूरे निधिवन को खाली करके ताला लगा दिया जाता है. कहा जाता है की अगर कोई व्यक्ति अंदर रह जाता है और श्री कृष्ण की रासलीला को देख लेता है तो वो अगले दिन उन्मादी या पागल हो जाता है और किसी को कुछ बता नहीं पाता.

 

निधिवन का रंग महल (Nidhivan rang mahal)

निधिवन के अंदर ही रंग महल स्थित है. मान्यता है की यहां रोज श्री कृष्ण और राधा रानी आते हैं. उनके लिए रोजाना रंग महल को सजाया जाता है. सुबह जब रंग महल को खोला जाता है तो वहाँ लोगों को सब कुछ अस्त व्यस्त दिखता है. रंग महल में भक्तों को केवल श्रंगार प्रसाद के रूप में मिलता है.

निधिवन के पेड़ का रहस्य (Nidhivan tree secret)

निधिवन में बहुत सारे पेड़ हैं. यहां के पुजारियों और पंडितों की माने तो यहां 16 हजार पेड़ बताए जाते हैं जो बहुत रहस्यमयी हैं. यहां के पेड़ आम पेड़ की तरह सीधे नहीं है बल्कि ये पेड़ आपस में गूँथे हुए और झुके हुए हैं जिसके कारण निधिवन काफी घना दिखता है.

निधिवन के तुलसी के पेड़ (Nidhivan and tulsi tree secret)

निधिवन में कई सारे तुलसी के पेड़ हैं और हर तुलसी का पेड़ एक जोड़े में है. कहा जाता है की ये सभी तुलसी के पेड़ श्री कृष्ण की गोपियाँ हैं. रात के समय जब श्री कृष्ण रास रचाते हैं तो ये तुलसी के पेड़ गोपियों में परिवर्तित हो जाते हैं और सुबह के समय फिर से तुलसी के पेड़ बन जाता है. इन पेड़ों के बारे में ये भी कहा जाता है की आप यहां से एक पत्ता तोड़कर नहीं ले जा सकते और न ही पूरा पेड़. जो व्यक्ति ऐसा करता है वो कोई न कोई आपदा का शिकार जरूर होता है.

निधिवन में राधारानी का मंदिर (Nidhivan radha rani mandir)

निधिवन में देखने लायक राधारानी का मंदिर भी है. इस मंदिर को बंशीचोर राधारानी मंदिर कहते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार श्री कृष्ण हमेशा अपनी बंशी को बजाने में खोये रहते थे इसलिए राधा रानी ने उनकी बंशी चुरा ली थी. उसी कथा के अनुसार यहां बंशीचोर राधारानी का मंदिर है.

निधिवन में विशाखा कुंड (Vishakha kund in nidhivan)

निधिवन में एक विशाखा कुंड भी है जिसे कहा जाता है की ये श्री कृष्ण ने ही बनाया है. कथा के अनुसार जब कृष्ण गोपियो के संग रास रचा रहे थे तब विशाखा नाम की एक गोपी को प्यास लगी. विशाखा की व्यथा को देखकर श्रीकृष्ण ने अपनी बंशी से जमीन खोदना शुरू की. जिससे वहाँ पानी निकल आया. विशाखा ने अपनी प्यास बुझाई और इस कुंड का नाम विशाखा कुंड पड़ गया.

निधिवन में इसके अलावा भी कई रमणीय स्थल है जो आपका मन मोह सकते हैं. यहां संगीत सम्राट धुपद के जनक श्री स्वामी हरिदास जी की जीवित समाधि है. बांके बिहारी जी का प्राकट्य स्थल आदि हैं. अगर आप वृंदावन जा रहे हैं तो निधिवन जरूर जाए. आप यहां पूरे साल में कभी भी जा सकते हैं. बस आपको रात्री के समय यहां नहीं जाने दिया जाता है.

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By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

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