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Pearl Farming : मोती की खेती कैसे करें, मोती की खेती से कमाई?

खेती एक जोखिम वाला काम है इसमें फसल सही हुई तो आपका फायदा और फसल खराब हुई तो आपका नुकसान लेकिन कई सारी फसले ऐसी भी हैं जिनमें जोखिम नाम की चीज नहीं है और इनसे फायदा भी अच्छा होता है. मोती की खेती (Pearl Farming) भी ऐसी ही फसलों में गिनी जाती है जिसमें जोखिम कम है. मोती की खेती करने के लिए आपको पता होना चाहिए कि मोती की खेती कैसे की जाती है.

मोती की खेती कैसे शुरू करें? (How to make pearl from oyster?)

मोती की खेती करने के कुछ स्टेप्स हैं जिन्हें ध्यान रखना चाहिए.Silk Farming : रेशम की खेती कैसे की जाती है, रेशम की खेती से कमाई?

मोती की खेती का प्रशिक्षण (Training for pearl farming?)

मोती की खेती करने के लिए इसका प्रशिक्षण लेना काफी जरूरी है. बिना प्रशिक्षण के मोती की खेती नहीं की जा सकती. इसके लिए आपको सपसे पहले ऐसे लोगों की तलाश करना होगी जो पहले से मोती की खेती कर रहे हैं. अगर ऐसे व्यक्ति नहीं है तो फिर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से संपर्क करें. ये मोती की खेती पर प्रशिक्षण आयोजित करवाते हैं.

मोती की खेती के लिए जगह (best place for pearl farming?)

मोती की खेती करने के लिए ऐसी जगह चाहिए होती है जहां पर पानी पर्याप्त मात्र में हो. इसके अलावा आप जिस जगह का चुनाव कर रहे हैं वो स्थायी होना चाहिए. आप एक बार वहां फॉर्म बना लेंगे तो आपको उसे हटाने की जरूरत नहीं है. अगर आपका खुद का तालाब है तो आप मोती की खेती काफी अच्छे से कर सकते हैं. इस जगह पर आपको एक फार्म स्थापित करना होता है इसके लिए छप्पर बनाने की आवश्यकता हो सकती है. इसे इस तरह बनाए की आप उसे चोरों और जानवरों से सुरक्षित कर पाएं.

सीप का संग्रह (Oysters collection)

मोती की खेती के लिए आपको स्वस्थ्य सीप की जरूरत होती है. आप चाहे तो मौजूदा फार्म मालिकों से इसे खरीद सकते हैं. इसके अलावा आप चाहे तो इन्हें ताजे पानी के स्त्रोत जैसे नदियों, झीलों, तालाबों आदि से एकत्र कर सकते हैं. इन्हें मैनुअली पकड़ा जाता है.

मोती की खेती कैसे करें? (How to do pearl farming?)

मोती की खेती करने के लिए सबसे पहले तो आपको सीपों को पकड़ना या खरीदना पड़ेगा. इसके बाद इन्हें खुले पानी में दो दिन के लिए छोड़ा जाता है. इससे इनके ऊपर का कवच और मांसपेशियाँ ढीली हो जाती है. सीपों को खरीदने के बाद ज्यादा देर तक पानी से बाहर नहीं रखना चाहिए.

इनकी मांसपेशियाँ ढीली हो जाने के बाद इनकी सतह पर 2 से 3 एमएम का छेद किया जाता है और इनमें एक छोटा रेत का कण डाला जाता है. ये रेत का कण जब सीप को चुभता है तो वह उस पर अपने अंदर से निकालने वाला पदार्थ छोड़ना शुरू कर देता है.

इसके बाद सीपों को नायलॉन के बैग में भरकर तालाब के बांस में या पीवीसी के पाइप के सहारे तालाब में छोड़ दिया जाता है. 15 से 20 महीने में सीप तैयार हो जाता है. इतने समय के बाद आप उनका कवच तोड़कर मोती निकाल सकते हैं.

मोती की खेती से कमाई (Pearl farming income and benefit)

मोती की खेती एक फायदे वाली खेती है. हालांकि इसकी खेती करने के लिए ज्यादा निवेश भी नहीं करना पड़ता है. जानकारों के अनुसार आप इसे 20 हजार रुपये के इनवेस्टमेंट से शुरू कर सकते हैं. 20 हजार रुपये में आप 100 सीप पालकर उनसे मोती प्राप्त कर सकते हैं. एक सीप की कीमत आपको बाजार में 300 रुपये से 1500 रुपये तक मिल जाती है. अगर आप अच्छी क्वालिटी का मोती प्राप्त करते हैं तो उसकी एक मोती की कीमत 10 हजार रुपये तक मिलती है.

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