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प्रधानमंत्री कैसे चुना जाता है, प्रधानमंत्री के कार्य एवं शक्तियां?

भारत में प्रधानमंत्री (Prime Minister of India) पद एक महत्वपूर्ण पद है. इन्हें हम पीएम भी बोलते हैं जिसका पूरा नाम प्राइम मिनिस्टर होता है. प्रधानमंत्री देश में सरकार का प्रमुख होता है. इनके पास वास्तविक कार्यकारी शक्तियां होती हैं. प्रधानमंत्री अपने मंत्रियों के साथ मिलकर सरकार और देश को चलाते हैं. देश में कौन सा कानून लागू होगा? कौन सा नियम लागू होगा? ये सभी बाते प्रधानमंत्री और उनके अन्य मंत्रियों द्वारा ही तय की जाती हैं. बाद में राष्ट्रपति अपनी सहमति देकर इसे कानून बना देते हैं.

प्रधानमंत्री का चुनाव कैसे होता है? (Election Process of Prime Minister in India?)

अधिकतर लोगों को लगता है कि लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के जरिये ही प्रधानमंत्री का चुनाव होता है. ये बात सिर्फ कुछ हद तक ही सही है. वास्तव में प्रधानमंत्री का चुनाव आम जनता वोटिंग के जरिये नहीं करती है. जब लोकसभा चुनाव होते हैं तो देशभर से सांसद चुने जाते हैं. इनमे से जिस पार्टी के सांसद ज्यादा चुने जाते हैं वो पार्टी बहुमत के आधार पर अपनी सरकार केंद्र में बनाती है. इसके बाद उस पार्टी के सांसद बहुमत के आधार पर अपना एक खास नेता चुनते हैं जो पूरी पार्टी का प्रतिनिधित्व कर सके. इस व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाया जाता है. इसका मतलब हुआ कि जनता ने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री को नहीं चुना.

प्रधानमंत्री कि नियुक्ति कौन करता है? (Who Appointed Prime Minister of India?)

संविधान का अनुच्छेद 75 (Article 75) कहता है कि राष्ट्रपति प्रधानमंत्री कि नियुक्ति करेगा. मतलब लोकसभा में जिस दल को बहुमत मिला है वो अपना नेता चुनकर राष्ट्रपति को बताएंगे और राष्ट्रपति उस व्यक्ति कि नियुक्ति प्रधानमंत्री के तौर पर करेंगे. राष्ट्रपति ऐसी स्थिति में अपनी मर्जी से किसी भी व्यक्ति को प्रधानमंत्री नहीं चुन सकते हैं.

अगर लोकसभा में कोई भी दल स्पष्ट बहुमत में न हो तो राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति अपनी वैयक्तिक विवेक स्वतन्त्रता का उपयोग करके कर सकता है. इस स्थिति में राष्ट्रपति सबसे बड़े दल या गठबंधन के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है. उस नेता को 1 महीने के भीतर विश्वास मत हासिल करने के लिए कहा जाता है.

अगर प्रधानमंत्री की अचानक मृत्यु हो जाए और प्रधानमंत्री पद रिक्त हो जाए तो सत्ताधारी दल एक नया नेता चुनकर उसे प्रधानमंत्री बना सकता है.

साल 1997 में सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि एक व्यक्ति जो किसी भी सदन का सदस्य न हो प्रधानमंत्री बन सकता है लेकिन उसे 6 माह के भीतर लोकसभा या राज्यसभा में से किसी एक सदन की सदस्यता लेना जरूरी है. अन्यथा वह प्रधानमंत्री पद पर नहीं रहेगा. अतः स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री बनने के लिए या तो आप राज्यसभा के सदस्य हो या लोकसभा के.

प्रधानमंत्री को शपथ कौन दिलाता है? (Oath of Prime Minister of India)

प्रधानमंत्री को पद ग्रहण करते समय राष्ट्रपति गोपनियता की शपथ दिलाते हैं. शपथ लेते हुए प्रधानमंत्री कहते हैं कि
– मैं भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा.
– मैं भारत की प्रभुता एवं अखंडता अक्षुण्ण रखूंगा.
– मैं श्रद्धापूर्वक एवं शुद्ध अंतरण से अपने पद के दायित्वों का निर्वहन करूंगा.
– मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना सभी प्रकार के लोगों के प्रति संविधान और विधि के अनुसार न्याय करूंगा.

प्रधानमंत्री का कार्यकाल (Tenure of Prime Minister of India)

प्रधानमंत्री का कार्यकाल आमतौर पर लोग पांच साल का मानते हैं लेकिन प्रधानमंत्री का कार्यकाल निश्चित नहीं है. कोई भी व्यक्ति तभी तक प्रधानमंत्री है जब तक उसे लोकसभा में बहुमत हासिल हैं. अगर वह लोकसभा में अपना बहुमत खो देता है तो उसे अपने पद से त्यागपत्र देना होता है. त्यागपत्र न देने कि स्थिति में राष्ट्रपति उसे बर्खास्त भी कर कर सकते हैं.

प्रधानमंत्री का वेतन (Salary of Indian Prime Minister)

प्रधानमंत्री के वेतन एवं भत्ते समय-समय पर निर्धारित किए जाते हैं. साल 2012 में किए गए संशोधन के बाद प्रधानमंत्री का मासिक वेतन 1.6 लाख रुपये है. इसमें सभी तरह के भत्ते और बेसिक सैलरी शामिल है. इससे पहले प्रधानमंत्री को 1,35,000 रुपये सैलरी मिलती थी.

प्रधानमंत्री के कार्य एवं शक्तियां (Powers of Prime Minister of India)

मंत्रिपरिषद के संबंध में

– मंत्रियों को मंत्रालय आवंटित करते हैं तथा उसमें फेरबदल करते हैं.
– प्रधानमंत्री संघ में मंत्री नियुक्त करने के लिए राष्ट्रपति से सिफ़ारिश करते हैं तथा प्रधानमंत्री की सिफ़ारिश पर राष्ट्रपति उन मंत्रियों कि नियुक्ति करते हैं.
– किसी मंत्री को त्यागपत्र देने अथवा राष्ट्रपति को उसे बर्खास्त करने की सलाह दे सकते हैं.
– राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हैं तथा उनके निर्णय को प्रभावित करते हैं.
– वह सभी मंत्रियों की गतिविधियों को नियंत्रित, निर्देशित करते हैं.

राष्ट्रपति के संबंध में प्रधानमंत्री की शक्तियां

– प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद और राष्ट्रपति के बीच संवाद कि मुख्य कड़ी है. उनका दायित्व है कि वह संघ के कार्यकलाप के प्रशासन संबंधी सभी बातों के बारे में राष्ट्रपति को सूचित करे.
– राष्ट्रपति यदि प्रधानमंत्री से संघ के कार्यकलाप संबंधी कोई जानकारी मांगते हैं तो वह दें.
– प्रधानमंत्री किसी ऐसे विषय को राष्ट्रपति के समक्ष रख सकते हैं जिन पर किसी मंत्री ने विनिश्चय कर लिया है लेकिन मंत्रिपरिषद ने नहीं किया है.
– प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को विभिन्न अधिकारियों जैसे भारत के महान्यायवादी, भारत के महानियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य, चुनाव आयुक्त, वित्त आयोग के सदस्य एवं अध्यक्ष एवं अन्य अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में परामर्श देते हैं.

संसद के संबंध में प्रधानमंत्री की शक्तियां

– संसद में प्रधानमंत्री निचले सदन का नेता होता है.
– वह राष्ट्रपति को संसद का सत्र आहूत करने एवं सत्रावसान करने संबंधी परामर्श देता है.
– प्रधानमंत्री किसी भी समय लोकसभा को विघटित करने कि सिफ़ारिश राष्ट्रपति से कर सकते हैं.
– प्रधानमंत्री सभापटल पर सरकार की नीतियों कि घोषणा करते हैं.

प्रधानमंत्री की अन्य शक्तियां

– प्रधानमंत्री केंद्र सरकार का मुख्य प्रवक्ता होता है.
– वह राष्ट्र कि विदेश नीति को मूर्त रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
– वह नीति आयोग, राष्ट्रीय विकास परिषद, राष्ट्रीय एकता परिषद, अंतरराज्यीय परिषद और राष्ट्रीय जल संसाधन परिषद का अध्यक्ष होता है.
-प्रधानमंत्री आपातकाल के दौरान राजनीतिक स्तर पर आपदा प्रबंधन का प्रमुख होता है.
– प्रधानमंत्री सेनाओं का राजनैतिक प्रमुख होता है.

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