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ट्रेन में तो हम सभी यात्रा करने के लिए हमे टिकट तो खरीदना पड़ता है. लेकिन क्या आप जानते हैं की कोई ऐसा व्यक्ति जो गंभीर बीमारी से पीड़ित है जैसे कैंसर तो उसे टिकट पर छूट (railway ticket concession) मिलती है. बहुत ही कम लोग जानते हैं की भारतीय रेल्वे द्वारा कुछ बीमारियों से पीड़ित रोगियों को यात्रा के दौरान टिकट पर छूट मिलती है.

कैंसर के मरीज के लिए रेल्वे टिकट में छूट (railway ticket concession for cancer patient)

अगर कोई व्यक्ति कैंसर से पीड़ित है और इलाज के लिए एक शहर से दूसरे शहर जा रहा है तो उसे रेल्वे के टिकट में 50 से 100 प्रतिशत तक की छूट मिलती है. इसी के साथ उसके साथ जाने वाले सहायक को भी रेल्वे टिकट पर छूट दी जाती है. ये छूट ट्रेन के अलग-अलग कोच की बुकिंग के हिसाब से दी जाती है.

थैलेसिमिया, दिल और किडनी के मरीज के लिए रेल्वे टिकट पर छूट (railway ticket concession for thalassemia patient)

थैलेसिमिया एक ऐसी बीमारी है जिसमे मरीज को बार-बार खून चड़ाया जाता है. जिसके लिए उसे बार-बार एक जगह से दूसरी जगह जाना ही पड़ता है. ऐसे मरीजों को भी रेल्वे टिकट में छूट मिलती है. जानकारी के मुताबिक इन्हें 50 से 75 फीसदी की छूट मिलती है जो अलग-अलग कोच पर निर्भर करती है.

हीमोफीलिया मरीज को रेल्वे टिकट में छूट (railway ticket concession for hemophilia patient)

हीमोफीलिया से पीड़ित मरीज भी अगर चेक अप के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं तो उन्हें भी रेल्वे टिकट में छूट मिलती है. हीमोफीलिया से पीड़ित रोगियों को 75 प्रतिशत तक की छूट रेल्वे टिकट में दी जाती है ताकि वे कम पैसों में यात्रा कर सकें.

टीबी और कुष्ट रोगियों एवं एड्स रोगियों के लिए रेल्वे टिकट में छूट (railway ticket concession for TB, aids, laprosy patient)

अगर कोई व्यक्ति टीबी या कुष्ट रोग से पीड़ित है और वो अपना इलाज करवाने के लिए कहीं ट्रेन से जाना चाहता है तो उसे और उसके सहायक को रेल्वे टिकट पर 75 प्रतिशत तक की छूट मिलती है. वही एड्स के पीड़ितों को ट्रेन में आने जाने के टिकट पर 50 प्रतिशत तक की छूट मिलती है.

अगर आपको किसी भी बीमारी में आने जाने में टिकट में छूट चाहिए तो इसके लिए आपको पहले इंडियन रेल्वे को सूचित करना होगा. आपको रेल्वे मेडिकल इमरजेंसी के अंतर्गत एक फॉर्म भरना होता है. इस फॉर्म में आपको अपनी बीमारी की जानकारी और अपने इलाज का विवरण बताना होता है. इसके बाद आपको सीट दी जाती है और टिकट में छूट दी जाती है.

By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

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