दीपावली पर स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने अपने ग्राहकों के लिए एक विशेष योजना शुरू की है. इस योजना के तहत अब बैंक से पर्सनल लोन लेने पर कस्टमर को प्रोसेसिंग फीस नहीं लगेगी. इसका मतलब अब ग्राहकों को लोन लेने के लिए कोई चार्ज नहीं देना होगा. हालांकि बैंक ने यह योजना केवल 30 नवंबर तक के लिए ही लागू की है.
लोन लेने पर लगते हैं यह चार्ज
कस्टमर द्वारा बैंक से लोन लेने की प्रकिया में ब्याज का भुगतान, प्रोसेसिंग फीस, एडमिनिस्ट्रिटेटिव चार्जेस और प्रीपेमेंट पेनल्टी आदि चार्जस लगाए जाते हैं. एसबीआई ने अपने ग्राहकों को सुविधा देने के लिए लोन प्रक्रिया में लगने वाली फ़ीस को समाप्त कर दिया है.
30 नवंबर तक ही है योजना
बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि 30 नवंबर तक पर्सनल लोन लेने वालों के लिए किसी भी प्रकार के चार्ज लागू नहीं होंगे. इस छूट के अतिरिक्त भी लोन लेते वक्त आपको प्रयास कर लेना चाहिए कि प्रीपेमेंट चार्जेस न लग पाएं. यदि आप लोन लेते समय चार्जेस को लेकर सारी जानकारी पहले ले लेते हैं तो कोई भी हिडन चार्ज नहीं लग पाएगा.
इनकम प्रोफ़ाइल पर तय होता है इंटरेस्ट रेट
पर्सनल लोन का ब्याज लोन लेने वाली की इनकम प्रोफ़ाइल पर डिपेंड करता है. पर्सनल लोन का इंटरेस्ट रेट आपकी इनकम प्रोफाइल के आधार पर तय होता है. बैंक आपको लोन देने के पहले आपके बारे में कुछ बातों का पता लगाते हैं. जैसे आप किस कंपनी में जॉब करते हैं और आपका सैलरी पैकेज कितना है.
यदि आप उसी बैंक से लोन लेना चाहते हैं, जिसमें की आपका सैलरी अकाउंट है तो पर्सनल लोन लेते वक्त आपको बैंक कम इंटरेस्ट रेट पर लोन दे सकता है. आमतौर पर एसबीआई सालाना 10 से 18 फीसदी तक इंटरेस्ट रेट पर पर्सनल लोन मुहैया करवाता है.
एसबीआई पर्सनल लोन का ब्याज डेली और मंथली रिडयूशिंग बैंलेंस मेथेडेलॉजी से कैलकुलेट करते हैं. यानी पर्सनल लोन पर इंटरेस्ट बचे हुए लोन की कुल राशि पर जोड़ा जाता है. इससे ग्राहक को यह फायदा होता है कि हर ईएमआई या रिपेमेंट के साथ ब्याज कम होता जाता है.
(नोट: यह लेख आपकी जागरूकता, सतर्कता व समझ बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. बैंक से लोन लेते वक्त किसी बैंकर से सलाह जरूर लें.)