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Sole Proprietorship business : एकल स्वामित्व क्या होता है, इसका रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं?

आपने कई सारे छोटे-छोटे बिजनेस के पोस्टर पर प्रोप्राइटर शब्द लिखा देखा होगा और उसके आगे किसी व्यक्ति का नाम लिखा देखा होगा. तब आपके मन में ये सवाल आया होगा की ये प्रोप्राइटर (Proprietorship) क्या होता है? किसी बिजनेस के पोस्टर पर इसे क्यों लिखा जाता है? इसे समझने के लिए आपको ये समझना होगा की प्रोपराइटरशिप (Sole Proprietorship business) क्या होती है? इसका रजिस्ट्रेशन कैसे होता है?

एकल स्वामित्व क्या होता है? (What is sole proprietorship business?)

प्रोपराइटरशिप (proprietorship) का मतलब होता है एकल स्वामित्व. यानि ऐसा बिजनेस जिस पर सिर्फ एक व्यक्ति का अधिकार है. उस बिजनेस का मालिक सिर्फ एक व्यक्ति है. उस बिजनेस में नुकसान हो या फायदा उस व्यक्ति को ही सब झेलना है. उस बिजनेस का सारा नियंत्रण, व्यापार से संबन्धित सभी काम उस व्यक्ति के हाथ में होते हैं जो उसका मालिक होता है.

एकल स्वामित्व के फायदे (Benefit of sole proprietorship business?)

– एकल स्वामित्व में व्यक्ति के ऊपर किसी का दबाव नहीं होता. वो अपनी मर्जी से अपने बिजनेस के लिए फैसले ले सकता है.
– एकल स्वामित्व वाले बिजनेस में जो फायदा होता है वो पूरा उसी व्यक्ति का होता है जो उसका मालिक होता है.
– एकल स्वामित्व में बिजनेस पर पूरा नियंत्रण मालिक का होता है.
– एकल स्वामित्व वाले बिजनेस को शुरू करना आसान होता है क्योंकि इसमें मालिक एक व्यक्ति होता है जिसके कारण कानूनी औपचारिकताएं भी कम करना पड़ती है.

एकल स्वामित्व से नुकसान (Disadvantage of sole proprietorship business?)

– एकल स्वामित्व में प्रबंधन का अभाव हो सकता है क्योंकि इसमें एक व्यक्ति ही कई सारे काम करता है जिसके कारण कुशल प्रबंधन नहीं हो पाता है. वहीं ज्यादा पार्टनर होने पर प्रबंधन कुशल हो सकता है.
– एकल स्वामित्व वाला व्यवसाय ज्यादा बढ़ नहीं पता है क्योंकि इससे लाभ अधिक नहीं मिल पाता है. एकल स्वामित्व के दम पर व्यवसाय का विस्तार करना काफी मुश्किल होता है.

एकल स्वामित्व रजिस्ट्रेशन प्रोसैस (Sole proprietorship business registration process)

बिजनेस छोटा हो या बड़ा. उसे कानूनी तौर पर रजिस्टर्ड करवाना जरूरी होता है ताकि आगे चलकर कोई दिक्कत न आए. अगर आप एकल स्वामित्व वाला व्यवसाय शुरू कर रहे हैं तो उसके लिए भी आपको कुछ जरूरी रजिस्ट्रेशन करवाने पड़ते हैं. वैसे तो भारत में एकल स्वामित्व के पंजीकरण की कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं है. लेकिन फिर भी आपको इस तरह के कुछ रजिस्ट्रेशन अपने बिजनेस के लिए जरूर करवा लेने चाहिए.

– सबसे पहले अपने व्यवसाय के लिए एक नाम और जगह का चुनाव करें.
– अपने व्यवसाय के लिए भुगतान पाना चाहते हैं तो उसके नाम से बैंक में चालू खाता खुलवाएं.
– एकल स्वामित्व में आपको कंपनी के नाम से पैन कार्ड बनवाने की जरूरत नहीं होती है इसमें आपका पैन कार्ड भी मान्य होता है.
– एकल स्वामित्व के लिए आपने जो जगह ली है उसका लाइसेन्स शहर के नगर-निगम से अवश्य लें ताकि भविष्य में आपको शहरी निगम द्वारा हटाया न जाए.
– अगर आप लेन-देन से संबन्धित कोई व्यवसाय कर रहे हैं तो आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी करवाना होता है.
– अगर आप मैन्यूफैक्चरिंग से संबन्धित कोई काम कर रहे हैं तो आपको एमएसएमई में भी रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होता है.
– इन सभी के साथ आपको अपने आईटीआर को भी फ़ाइल करना होता है.
– इसके अलावा आपके पास सीए सर्टिफिकेशन होना भी जरूरी है.

इस तरह आप एकल स्वामित्व वाले व्यवसाय के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं और अपने बिजनेस को कानूनी रूप से चला सकते हैं. एकल स्वामित्व वाले बिजनेस लाभ के लिए अच्छे होते हैं लेकिन ध्यान रहे की छोटे बिजनेस को एकल स्वामित्व पर करना अच्छा माना जाता है क्योंकि बड़े बिजनेस में एक व्यक्ति के ऊपर काफी सारा भार आ जाता है और फिर उसका व्यवसाय डगमगाने लगता है.

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