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बुखार (fever) तो हम सभी को आता है लेकिन कभी-कभी ऐसा बुखार भी आता है जो दवाई खाने पर दवाई के असर तक नहीं रहता और फिर से आ जाता है. ये बुखार लंबे समय तक बना रहता है. इसे टायफाइड (Typhoid fever), मियादी बुखार, मोतीझिरा (motibaba bukhar) या मोती बाबा भी कहते हैं. इस तरह का बुखार सही होने में समय लेता है लेकिन इसे ठीक करने के लिए आपको डॉक्टर के परामर्श की जरूरत होती है. बिना डॉक्टर के परामर्श के ये आपको गंभीर परिणाम दे सकता है.

टाइफाइड क्यों होता है? (Typhoid fever causes)

टाइफाइड (मोतीझिरा) होने का कारण (typhoid fever causes) एक तरह का संक्रमण है. जो कि ‘साल्मोनेला टाइफी’ (salmonella typhi) नामक बैक्टीरिया के कारण होता है. यह बैक्टीरिया मनुष्य के संपर्क में आते ही सीधे उसकी आंतों और रक्त प्रवाह पर हमला करता है. 

यह संक्रमण इंसान से इंसान को फैलता है. टायफाइड (typhoid fever) फैलने का एक कारण कारण दूसरे व्यक्ति के संक्रमित मल के संपर्क में आना भी है. टाइफाइड का बैक्टीरिया (typhoid bacteria) मुंह से प्रवेश करता है और 1 से 3 हफ्तों तक आंतों में रहता है. इसके बाद यह खून में चला जाता है और फिर ऊतकों और अंगों में फैल जाता है.

टाइफाइड के लक्षण (typhoid fever symptoms)

टाइफाइड के मरीज़ में निम्न लक्षण आमतौर पर होते हैं –

– भूख न लगना.
– हमेशा सिरदर्द रहना.
– शरीर में दर्द बना रहना.
– 104 F से ज्यादा बुखार रहना.
– दस्त लगना.
– शरीर थका हुआ महसूस होना.

टाइफाइड से कैसे बचें (typhoid fever prevention)

टाइफाइड से बचने के लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे कि ये सिर्फ उपाय करने से जाने वाली बीमारी नहीं है. अगर कोई व्यक्ति इसका शिकार हो गया है तो उसे डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए. अन्यथा इसके परिणाम काफी गंभीर और घातक होते हैं. टाइफाइड से बचाव के निम्न उपाय हैं.

– टाइफाइड से बचने के लिए आपको सफाई का ध्यान रखना चहिए.
– टाइफाइड ग्रसित व्यक्ति के मल-मूत्र के संपर्क में ना आएं. पीड़ित व्यक्ति को मलत्याग के बाद हाथ धोने को कहें.      यदि आप उसके संपर्क में आते हैं तो साफ हाथों से ही आएं. संपर्क में आने के बाद भी हाथ साफ करें.
– दूषित या बिना साफ किए पानी का सेवन न करें.
– कच्चे फलों या सब्जियों को छिलके सहित बिना धोए ना खाएं.
– गरम और ताजा बना हुआ भोजन खाएं. ध्यान रहे कि भोजन किसी ऐसे व्यक्ति ने न बनाया हो जो टाइफाइड से  पीड़ित हो.

टाइफाइड का इलाज (typhoid fever treatment)

यदि आपका बुखार सामान्य दवाइयां खाने से नहीं उतार रहा है तो डॉक्टर के पास जाएं और ब्लड टेस्ट करवाएं. ब्लड टेस्ट रिपोर्ट में टाइफाइड निकलने पर डॉक्टर से इलाज कराएं व उसके परामर्श का पालन करेँ.

टाइफाइड बुखार का इलाज आमतौर पर दवाइयों से ही किया जाता है. आप सिर्फ कुछ दवाइयों और इंजेक्शन की मदद से ठीक हो सकते हैं लेकिन अगर आप लापरवाही बरतते हैं तो आपकी आंतों में छेद भी हो सकते हैं. जिसे ठीक करने के लिए आपको सर्जरी की जरूरत पड़ेगी.

टाइफाइड बुखार में क्या खाएं? (typhoid fever treatment)

– टाइफाइड बुखार में ज्यादा मात्रा में जूस, नारियल पानी और सूप का सेवन करें.
– दूध और दूध से बने अन्य पेय पदार्थों लेते रहें.
– मैदा, रवा जैसे कम फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें.
– धुली हुई दाल का प्यूरी के साथ सेवन करें.
– अंडे, पनीर, मछली, चिकन जैसे प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ खाएं.

टाइफाइड बुखार में परहेज (typhoid food restrictions)

– साबुत दाल या साबुत अनाज का सेवन ना करें.
– केला और पपीता के अलावा अन्य सब्जियों और फल का कच्चे रूप में सेवन ना करें.
– तेल वाली चीजें और तले हुए भोजन का सेवन न करें.
– ज्यादा तीखा, खट्टा, मसालेदार भोजन न करें.

(नोट: यह लेख आपकी जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. यदि आप संबंधित बीमारी से ग्रस्त हैं अथवा बीमारी के लक्षण महसूस होते हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें. बिना चिकित्सकीय सलाह के किसी भी तरह के उपाय ना करें और बीमारी को लेकर धारणा ना बनाएं. ऐसा करना सेहत के लिए नुकसानदायक है.)

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