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Budget : केन्द्रीय बजट और अंतरिम बजट क्या होता है, कैसे बनाया जाता है?

हर साल भारत में संसद में बजट (Budget) पेश किया जाता है. जिसमें कई सारी नई योजनाओं, नई ट्रेन आदि को लॉंच किया जाता है साथ ही इनकम टैक्स में बढ़ोतरी और कमी होती है. बजट पेश करने से पहले सरकार के अधिकारी और मंत्री इस बजट को बनाने में काफी मेहनत करते हैं. जनता और सरकार की सुविधा को देखते हुए इसमें काफी सारी चीजे लाई जाती है जो देशहित में होती है.

बजट क्या होता है? (What is Budget?)

बात देश की हो या अपनी निजी जिंदगी की ‘बजट’ की जरूरत हम सभी को होती है. हम जितना कमाते हैं उसे सही तरीके से खर्च करने के लिए बजट बनाया जाता है ताकि जितना कमाया हो वो सही जगह पर सही तरीके से खर्च हो. सरकार भी ऐसा ही करती है. सरकार विभिन्न तरह से हमसे जो टैक्स लेती है तथा अन्य तरीकों से जो कमाई करती है उस पैसे को जनता के लिए कैसे खर्च करना है. इन सभी बातों का लेखा-जोखा बजट कहलाता है जिसे हर साल संसद में केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किया जाता है.

भारतीय संविधान (Budget article in constitution) के अनुच्छेद 112 के अनुसार, केन्द्रीय बजट किसी सरकार की अनुमानित आमदनी और खर्च का लेखा-जोखा होता है.

बजट कैसे बनाया जाता है? (How to make government budget?)

केन्द्रीय बजट (Union budget) बनाने में कई लोगों का योगदान होता है. इनमें वित्त मंत्रालय, नीति आयोग और सरकार के अन्य मंत्रालय शामिल होते हैं. वित्त मंत्रालय हर साल खर्च के आधार पर गाइडलाइन जारी करता है. इसके बाद मंत्रालय को अपनी-अपनी मांग को बताना होता है. इसे बनाने की मुख्य ज़िम्मेदारी वित्त मंत्रालय के बजट डिवीजन की होती है. बजट डिवीजन सभी मंत्रालयों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, स्वायत्त निकायों, विभागों और रक्षा बलों को सर्कुलर जारी करके उन्हें अगले साल के अनुमानों को बताने के लिए कहता है. इनसे मांग प्राप्त होने के बाद अध्ययन करके बजट बनाया जाता है.

बजट दस्तावेज़ कैसे तैयार होता है? (How to make union budget documents?)

बजट के सभी दस्तावेज़ को चुनिन्दा अधिकारी ही तैयार करते हैं. बजट बनाने में इस्तेमाल होने वाले सभी कम्प्युटर को दूसरे नेटवर्क से हटा दिया जाता है. बजट पर काम करने वाले लगभग 100 लोगों का स्टाफ 2 से 3 हफ्ते तक नॉर्थ ब्लॉक ऑफिस में ही रहता है. कुछ दिनों तक सभी को बाहर आने की अनुमति नहीं मिलती है. इसमें जब प्रिंटिंग का काम होता है तो बजट से जुड़े अधिकारी और कर्मचारियों को एक तरह से लॉक कर दिया जाता है यानि उन्हें वहां से बाहर नहीं आने दिया जाता है. बजट बनाने के दौरान वे अपने परिजनों से भी बातचीत नहीं कर पाते हैं. इसके तैयार होने के बाद इसे पेश किया जाता है.

पहला बजट कब पेश किया गया था? (First budget of India)

भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था. ये आजाद भारत का पहला बजट था. देश का पहला बजट आर. के. शंमुखम द्वारा पेश किया गया था. बजट के बारे में संविधान के अनुच्छेद 112 में विवरण दिया गया है.

बजट कैसे प्रस्तुत होता है? (How to present union budget in India?)

बजट प्रस्तुत करने के लिए सरकार को राष्ट्रपति से मंजूरी लेना होती है. इसे सबसे पहले यूनियन केबिनेट के सामने रखा जाता है. इसके बाद इसे संसद में लोक सभा तथा राज्य सभा दोनों के समक्ष रखा जाता है. इस बजट के दो भाग होते हैं. पहले बजट में सामान्य आर्थिक सर्वे और नीतियों का ब्योरा होता है और दूसरे भाग में आगामी वित्त वर्ष के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के प्रस्ताव रखे जाते हैं. इसके बाद इस बजट पर बहस की जाती है और वोटिंग की जाती है. संसद में इसे मंजूरी मिल जाने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है. राष्ट्रपति के विधयेक की मंजूरी के साथ ही बजट प्रक्रिया पूरी हो जाती है.

अंतरिम बजट क्या होता है? (What is interim budget?)

अंतरिम बजट का मतलब एक सीमित अवधि के लिए बजट होता है. इस बजट को मिनी बजट भी कहते हैं. अंतरिम बजट तब लाया जाता है जब लोकसभा चुनाव होते हैं और देश में सरकार बदलने की स्थिति होती है. यानि लोकसभा चुनाव के बाद कौन प्रधानमंत्री होगा ये तय किया जाता है. भारत में लोक सभा चुनाव के नतीजे मई में आ जाते हैं और बजट को फरवरी में ही पेश किया जाता है. ऐसे में फरवरी से लेकर मई तक या जब तक प्रधानमंत्री तय न हो तब तक के खर्च के लिए जो बजट लाया जाता है उसे अंतरिम बजट कहते हैं.

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