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जो लोग शहर में रहते हैं तो आप अपने इलाके के पार्षद को भी जानते होंगे. पार्षद आपके इलाके के कई कामों को करता है. उसका पूरे इलाके में दबदबा और सम्मान रहता है. उन्हें देखकर आपके दिमाग में भी सवाल आया होगा की पार्षद कैसे बनें? पार्षद का चुनाव कैसे होता है? पार्षद की सैलरी कितनी होती है? पार्षद क्या-क्या काम करता है?

पार्षद क्या होता है? (What is Parshad?)

हर शहर कुछ कॉलोनी कुछ मोहल्लों से मिलकर बना होता है. हर मोहल्ले में अच्छा विकास हो इसलिए सबसे छोटे लेवल पर पार्षद उस एरिया का जन प्रतिनिधि होता है. खास तौर पर इन्हें एक पूरा वार्ड दिया जाता है जो किसी शहर की एक सबसे छोटी ईकाई निर्वाचन के हिसाब से मानी जाती है. पार्षद का काम अपने वार्ड की तरक्की को करना और वहाँ मौजूद समस्याओं को दूर करना होता है.

पार्षद कैसे बनते हैं? (How to become ward parshad?)

पार्षद बनने के लिए हर पाँच साल में चुनाव आयोजित किए जाते हैं. इन चुनाव में अगर आप किसी पार्टी के लिए चुनाव लड़ना चाहते हैं तो उससे टिकट लेना पड़ता है. अगर पार्टी आपको टिकट नहीं दे रही है तो आप प्रत्यक्ष रूप से खुद भी चुनाव लड़ सकते हैं. चुनाव लड़ने के लिए आपको पार्षद की योग्यतों को पूरा करना होता है.

पार्षद की योग्यता (Eligibility for ward parshad) 

– उम्मीदवार की उम्र कम से कम 21 साल होना चाहिए.
– उम्मीदवार कम से कम दसवी पास होना चाहिए. राज्यों के मुताबिक यह योग्यता अलग-अलग हो सकती है.
– उम्मीदवार की दो से अधिक संतान नहीं होना चाहिए.
– उम्मीदवार जिस वार्ड के लिए चुनाव लड़ना चाह रहा है वह उस वार्ड से संबन्धित होना चाहिए.
– उम्मीदवार पर आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं होना चाहिए.

पार्षद की सैलरी (Parshad Salary)

एक वार्ड पार्षद की सैलरी उसके राज्य और उसके जिले पर निर्भर करती है. न्यूज़ वेबसाइट पत्रिका पर छपी एक रिपोर्ट के अनुसार नगर परिषद के पार्षदों को 2600 रुपये प्रतिमाह, नगर पालिका पार्षदों को 1850 रुपये प्रतिमाह, नगर निगम पार्षदों को 3750 रुपये प्रतिमाह वेतन के रूप में दिया जाता है. इन्हीं में भत्ते भी शामिल होते हैं.

पार्षद के कार्य (Ward Parshad Work)

सभी पार्षदों को अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्य करने का अधिकार होता है जिसके लिए उन्हें हर साल कुछ राशि मिलती है. इससे वे दिये गए कार्य करवा सकते हैं.

– सड़कों पर लाइट लगवाना
– सड़क निर्माण कार्य
– पानी की समस्या को दूर करना
– पेंशन फार्म पर मुहर लगाना
– जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र पर मुहर लगाना
– वार्ड में राजनैतिक कार्य करना.
– वार्ड की बड़ी समस्याओं को नगर-निगम एवं महापौर तक पहुंचाना.

अपने वार्ड में पार्षद काफी पावरफुल व्यक्ति होता है. उसके हाथ में कई प्रशासनिक कार्य होते हैं जिन्हें वो करते हैं. अपने वार्ड के लोगों की समस्या को हल करना इनका प्रमुख कार्य होता है. अगर आप पार्षद बनना चाहते हैं तो लोगों के बीच आपको छवि अच्छी होनी चाहिए. लोग आप पर विश्वास करते हों, आपका मान-सम्मान करते हो तभी जाकर वो आपको वोट देंगे और पार्षद के रूप में चुनेंगे.

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By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

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