15 अगस्त पर तिरंगा फहराने से पहले जान लें तिरंगा फहराने के नियम

भारत का राष्ट्र ध्वज तिरंगा भारत की शान और पहचान है. 15 अगस्त के दिन हर सरकारी कार्यालय पर तिरंगा फहराया जाता है. इसके अलावा स्कूलों, कॉलेज और सभी संस्थाओं में भी तिरंगा फहराया जाता है.

15 अगस्त के दिन काफी लोग अपने घरों पर, गली-मुहल्ले या चौराहों पर भी तिरंगा फहराते हैं. हाल ही में केंद्र सरकार ने फ्लैग कोड में कई तरह के बदलाव किए हैं. भारत में तिरंगे को फहराने के कुछ नियम हैं जिन्हें आपको ध्यान रखना चाहिए.

पहले पोलिस्टर के कपड़े से बने तिरंगे को फहराने की अनुमति नहीं थी लेकिन नए नियमों के साथ ही आप मशीन से तैयार हुए कपास, पोलिस्टर, उनी और रेशमी राष्ट्रीय ध्वज को फहराया सकते हैं.

पहले आप सूर्योदय के बाद तिरंगा नहीं फहराया सकते थे लेकिन नए नियमों के मुताबिक झण्डा फहराने के लिए समय की पाबंदी नहीं है.

झण्डा हर कोई फहरा सकता है लेकिन झंडे पर कुछ भी लिखा हुआ नहीं होना चाहिए. ऐसा करना गैर कानूनी है.  किसी भी गाड़ी के पीछे, प्लेन में या हवाई जहाज में अपनी मर्जी से तिरंगा नहीं लगाया जा सकता है.

तिरंगे को फहराते समय एक बात का और ध्यान रखना चाहिए कि तिरंगा जब भी फहराया जाए वो ऊंचाई पर फहराया जाए. तिरंगा कभी भी जमीन को छूना नहीं चाहिए.

तिरंगे का इस्तेमाल राष्ट्रीय सम्मान के लिए किया जाता है. इसका इस्तेमाल सजावट के तौर पर बिल्कुल नहीं किया जा सकता है.

तिरंगे का आकार हमेशा आयताकार होना चाहिए. इसका अनुपात 3:2 में होना चाहिए. तिरंगा वर्गाकार या किसी और आकार में नहीं होना चाहिए.

तिरंगे को यदि किसी अधिकारी की गाड़ी पर लगाया जा रहा है तो उसे सामने की ओर बीचोंबीच या फिर दाहिने तरफ लगाया जाता है.

तिरंगा जब फहराया जाए तो वो फटा हुआ या मैला नहीं होना चाहिए. यदि तिरंगा फट जाता है या मैला हो जाता है तो उसे एकांत में नष्ट कर देना चाहिए.

भारत में तिरंगे को यदि अन्य राष्ट्रीय ध्वज के साथ फहराया जा रहा है तो हमेशा उसमें भारतीय तिरंगे को सबसे ऊपर रखना चाहिए. इसे अन्य देशों के राष्ट्रीय ध्वज के बराबर या नीचे नहीं रखना चाहिए.