गणपती जी को बुद्धि का देवता कहा जाता है. किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले उनका आह्वान किया जाता है.
गणेश जी का शरीर विशाल है और उनके शरीर में हमारे जीवन के लिए कई रहस्यमई बाते छुपी हुई हैं. गणपती जी हमें अपने माध्यम से जीवन के कुछ महत्वपूर्ण बाते बताते हैं.
गणपती जी का सिर बड़ा है. वो उनकी कमजोरी नहीं बल्कि ताकत है. उनका सिर हमें सीख देता है कि हमें अपने जीवन में हमेशा बड़ा सोचना चाहिए.
गणेशजी के कान भी बड़े हैं. गणेशजी के कान हमें ये सीख देते हैं कि हमें सुनना ज्यादा चाहिए. हम सभी आजकल कम सुनते हैं और अधूरी जानकारी प्राप्त करते हैं.
गणपती जी का मुंह उनके कान से भी छोटा है जो हमें ये सिखाता है कि कम बोलो. उनके कान और मुंह का मतलब हुआ कि कम बोलो और ज्यादा सुनो.
गणपती जी को एकदंत कहा जाता है क्योंकि उनका एक ही दांत है, जबकि एक दांत टूटा हुआ है. उनका एकदंत हमें ये सिखाता है कि हमें अच्छी चीजों को हमेशा रखना चाहिए और बुरी चीजों को फेंक देना चाहिए.
गणपती जी की आंखे छोटी हैं जो हमें ये संदेश देती है कि जीवन में हमेशा एकाग्र रहना चाहिए. यदि आप किसी काम को कर रहे हैं तो पूरी एकाग्रता के साथ करें.
गणपती जी के बड़ी सूंड हमें ये सिखाती है कि हमें हमेशा सक्षम होना चाहिए. दूसरों पर अधिक निर्भर नहीं होना चाहिए.
गणेशजी का बड़ा पेट हमें ये सिखाता है कि हमें जीवन में शांतिपूर्ण तरीके से अच्छी और बुरी चीजों को पचा लेना चाहिए.
गणेशजी का वाहन चूहा हमें ये संदेश देता है कि हमें अपने जीवन में अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए. इच्छाओं को कभी खुद पर हावी न होने दें.
गणपती जी का प्रिय भोग मोदक है. मोदक हमें ये संदेश देता है कि हमेशा साधना का फल मिलता है जो मीठा होता है.
गणपती जी का प्रिय भोग मोदक है. मोदक हमें ये संदेश देता है कि हमेशा साधना का फल मिलता है जो मीठा होता है.