क्या है नीले और लाल रंग के ट्रेन के डिब्बों का राज

ट्रेन के कोच अलग-अलग रंग के देखे होंगे लेकिन कभी आपने सोच ऐसा क्यों होता है.

भारत में अलग-अलग रंग की ट्रेन हमें देखने को मिलती है. जैसे नीले, लाल, पीले, हरे रंग की ट्रेन.

इन ट्रेनों की रंग के अनुसार अलग-अलग खासियत होती है जिसे आपको जरूर जानना चाहिए.

नीले रंग की ट्रेन मेल या सुपरफास्ट होती हैं. इनकी स्पीड ७० से १४० किमी प्रति घंटा के बीच होती है. ये एकीकृत कोच होते हैं.

लाल रंग की ट्रेन को लिंक हाफमैन बुश भी कहा जाता है. इनकी स्पीड २०० किमी प्रतिघण्टे तक हो सकती है. ये एल्यूमिनियम के बने होते हैं और इनका वजन भी कम होता है.

ग्रे और आसमानी रंग के ट्रेन के कोच भी आपने देखे होंगे. ये आमतौर पर शताब्दी ट्रेन के कोच होते हैं. इनकी स्पीड भी १५० किमी प्रति घंटे के आसपास होती है.

आपने पीले और लाल रंग के कोच भी देखे होंगे. इन्हें डबल डेकर ट्रेन में उपयोग किया जाता है.

आपने पीले और हरे रंग के टेक्स्चर में भी ट्रेन के कोच देखे होंगे. ये कोच दुरंतो एक्सप्रेस के होते हैं.

आसमानी रंग के टेक्स्चर वाले कोच हमसफ़र ट्रेन में उपयोग किए जाते हैं.

पीले रंग के टेक्स्चर वाले कोच तेजस ट्रेन में उपयोग किए जाते हैं.