जीवन में सक्सेस होने का मूल मंत्र है शिक्षा, यदि आप मन लगाकर पढ़ाई-लिखाई करते हैं तो किसी भी एग्जाम में सफलता निश्चित है. यदि आपका मन पढ़ाई में नहीं लगता है तो इसका उपाय हमारे धार्मिक ग्रंथों में मिलता है. पढ़ाई-लिखाई के कुछ ऐसे ही मूल मंत्र और नियम हैं, जिनको अपनाकर आप सफलता की सीढ़ी चढ़ सकते हैं.
सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है पूर्व दिशा
पूर्व दिशा को पॉजिटिव एनर्जी का स्रोत माना जाता है. इसलिए अपने स्टडी रूम में पढ़ाई करते वक्त आपका मुंह पूर्व दिशा की ओर रहना चाहिए. स्टडी करते वक्त कमरे में भरपूर उजाला होना भी आवश्यक है. जिससे आंखों को तकलीफ न होने पाए.
हमेशा बैठकर करें पढ़ाई
अक्सर स्टूडेंट्स आलस्य या आराम के साथ पढ़ाई करने के लिए मेज-कुर्सी को छोड़कर बिस्तर पर लेटकर पढ़ाई करते हैं. यह काफी गलत तरीका है. मानव शरीर लम्बवत् स्थिति में रहने पर दिमाग सामान्य की तुलना में अधिक एक्टिव रहता है. साथ ही याददाश्त भी बेहतर रहती है. इसलिए मेज-कुर्सी पर बैठकर ही पढ़ाई करें.
फॉलो करें स्टडी प्लान
पढ़ाई का सबसे अच्छा तरीका होता है स्टडी प्लान बनाकर उसे फॉलो करना. पहले यह समझ लें की आपको क्या और कैसे पढ़ना है और किस विषय को कितना वक्त देना चाहिए. इसके लिए एक स्टडी प्लान तैयार कर लें. फिर इसी के हिसाब से अपनी पढ़ाई करें.
पढ़ाई के लिए चुनें शांत वातावरण
आपकी स्टडी पर स्थन और वहां के वातावरण का बहुत असर पढ़ता है. आप जिस जगह पर पढ़ते हैं, उस पर आपके स्टडी सेशन का इफेक्ट निर्भर होता है. पढ़ाई के लिए आप अपनी लाइब्रेरी का चयन कर सकते हैं या फिर कोई ऐसा स्थान चुन लें जहां बहुत कम लोगोँ का आना-जाना हो. साथ ही आपके लिए सुविधा जनक भी हो.
Brake between studies
लगातार स्टडी करने से आप कई बातों को भूल जाते हैं. इसलिए ज़रूरी है कि आप काफी लंबे समय तक बिना ब्रेक के स्टडी न करें. पढ़ाई के बीच में छोटे-छोटे ब्रेक काफी अहम हैं. इससे आपको पढ़ी हुई बातें याद भी रहेंगी. 1 से 2 घंटे के स्टडी सेशन के बीच आपको 5-10 मिनट का ब्रेक ले लें चाहिए.
(नोट: यह लेख आपकी जागरूकता और समझ बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. अधिक जानकारी के लिए किसी करियर काउंसलर की सलाह ज़रूर लें.)