Wed. Apr 24th, 2024

Self Defense क्या होता है, सेल्फ डिफेंस कानून कब लागू होता है?

self defense kya hai

कई फिल्मों और टीवी सीरियल में आपने देखा होगा कि वकील Self Defense के आधार पर अपने क्लाईंट को कोर्ट में बेगुनाह साबित करवा देता है. सेल्फ डिफेंस की दलील कोर्ट में दी जा सकती है लेकिन उसके लिए कुछ परिस्थितियाँ हैं जिनके आधार पर सेल्फ डिफेंस साबित होता है. कोई भी व्यक्ति जो सेल्फ डिफेंस के आधार पर केस दर्ज करवाना चाहता है उसे ये जरूर जानना चाहिए कि वास्तविकता में सेल्फ डिफेंस क्या है? (What is Self Defense?) सेल्फ डिफेंस को लेकर क्या कानून है? (Law for Self Defense?) किन परिस्थितियों में सेल्फ डिफेंस लागू होता है?

सेल्फ डिफेंस क्या होता है? | What is Self Defense?

सेल्फ डिफेंस को हिन्दी (Self Defense in hindi) में आत्म रक्षा या निजी रक्षा कहा जाता है. भारतीय दंड संहिता की धारा 96 से लेकर 106 तक की धाराओं (Section for Self Defense) में सेल्फ डिफेंस का अधिकार दिया गया है. कोई भी व्यक्ति स्वयं की रक्षा किसी हमले से बचने के लिए कर सकता है. तथा व्यक्ति स्वयं की संपत्ति की रक्षा, चोरी, डकैती, शरारत व आपराधिक अतिचार के खिलाफ कर सकता है. मतलब आप खुद की रक्षा करने या अपनी संपत्ति की रक्षा करने के लिए सेल्फ डिफेंस कर सकते हैं.

सेल्फ डिफेंस की सीमाएं | Limitation for self defense

सेल्फ डिफेंस में एक तरफ जहां आपको खुद की तथा अपनी संपत्ति की रक्षा करने का अधिकार है. वहीं इसकी कुछ सीमाएं भी हैं. सेल्फ डिफेंस में आप किसी व्यक्ति को उतनी ही चोट पहुंचा सकते हैं जितनी बचाव के लिए जरूरी हो. मतलब यदि आप सेल्फ डिफेंस में किसी की जान ले लेते हैं तो आपको जेल जाने से तो कोई नहीं बचा सकता. लेकिन आपको जो सजा मिलेगी उसमें आपको रियायत मिल सकती है. सेल्फ डिफेंस का ये बिलकुल भी मतलब नहीं है कि आप किसी व्यक्ति की जान खुद को बचाने के लिए ले लें.

सेल्फ डिफेंस कब कर सकते हैं? | Conditions for self defense?

सेल्फ डिफेंस कब कर सकते हैं? ये काफी बड़ा सवाल है और इसका जवाब जानना बेहद जरूरी है. क्योंकि किसी भी व्यक्ति के साथ कोई भी घटना हो सकती है जिसमें उसे सेल्फ डिफेंस करना पड़ सकता है.

– किसी व्यक्ति पर यदि कोई हमला होता है तो उस हमले को रोकने के लिए सेल्फ डिफेंस किया जा सकता है. लेकिन इस स्थिति में भी जान लेने की कोशिश न की जाए. सिर्फ उतनी ही चोट पहुंचाई जाये जितनी हमले को रोकने के लिए जरूरी है.

– कोई व्यक्ति अपने घर पर होने वाली चोरी या डकैती को रोकने के लिए सेल्फ डिफेंस का उपयोग कर सकता है.

– किसी महिला से छेड़छाड़ होने की स्थिति में महिला सेल्फ डिफेंस का उपयोग कर सकती है.

– महिला पर बलात्कार की कोशिश की जाए तब भी वह सेल्फ डिफेंस का उपयोग कर सकती है.

– किसी व्यक्ति की संपत्ति पर यदि कोई व्यक्ति कब्जा कर रहा है तो संपत्ति का मालिक अपनी संपत्ति को बचाने के लिए सेल्फ डिफेंस का उपयोग कर सकता है.

क्या सेल्फ डिफेंस में गोली चला सकते हैं? | Can use gun in self defense?

फिल्मों में अक्सर बताया जाता है कि सेल्फ डिफेंस में कोई व्यक्ति गोली चलाता है और दूसरे व्यक्ति की जान ले लेता है. आप सेल्फ डिफेंस में गोली चला सकते हैं लेकिन इसके लिए कुछ नियम है. सेल्फ डिफेंस में किसी पर गोली चलाने पर यह साबित करना होता है कि गोली चलाये बिना आपकी जान नहीं बच सकती थी. इसलिए आपने गोली चलाई है. जैसे आपके घर में हथियारों के साथ कुछ चोर घुस गए. ऐसी स्थिति में आप बचाव के लिए गोली चला सकते हैं. लेकिन चलाने वाले हथियार का लाइसेन्स आपके पास होना चाहिए.

यदि चोर बिना हथियार के घर में घुसते हैं और आप उन पर गोली चला देते हैं तो वो सेल्फ डिफेंस में नहीं आएगा. ऐसी स्थिति में आप चोर को किसी अन्य चीज से चोट पहुंचा सकते थे. जैसे आप चोर को डंडे से पीटकर भगा सकते थे. इस स्थिति में आपका गोली चलाना गलत होगा और आपके ऊपर मर्डर के चार्जेस लग जाएंगे.

सेल्फ डिफेंस कैसे साबित होता है? | How to prove self defense?

किसी व्यक्ति ने सेल्फ डिफेंस में किसी को पीटा हो या उसकी जान ले ली हो. लगेगा तो उस पर मर्डर का ही चार्ज लेकिन ये वकील की ज़िम्मेदारी होती है कि वो कोर्ट में उसे सेल्फ डिफेंस साबित करे. यदि वकील कोर्ट में सेल्फ डिफेंस साबित कर देता है तो आप बच जाते हैं. यदि वकील सेल्फ डिफेंस को साबित नहीं कर पाता है तो आपको सजा हो सकती है.

सेल्फ डिफेंस खुद को बचाने का एक उपाय है लेकिन कई लोग इसका गलत फायदा भी उठाते हैं. वे किसी की हत्या कर देते हैं और उसे सेल्फ डिफेंस साबित करके बच जाते हैं.

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