नमक हर खाने का स्वाद है. यदि किसी चीज में नमक नहीं है तो वह खाना किसी ने भी बनाया हो उसमें स्वाद नहीं रहता. नमक जितना खाने के लिए जरूरी है उतना ही शरीर के लिए भी. हमारी बॉडी को रोजाना न्यून मात्रा में 5 ग्राम नमक की जरूरत रहती है. गर्मी यह मात्रा बढ़कर 5 से 8 ग्राम तक हो जाती है लेकिन यदि यही नमक की मात्रा डेली खाने में बढ़ तो वह नुकसान पहुंचाती है. यह कई बीमारियों को जन्म देता है. बॉडी में जो भी पानी है नमक ही इसे कंट्रोल करता है.
क्यों जरूरी है नमक?
शरीर को एक्टिव और स्कीन को चमकीला और भोजन को पाचक नमक ही बनाता है. बॉडी में शूगर की अधिकता जख्म भरने में देर करती है जबकि नमक की ज्यादा मात्रा तेजी से घावों को ठीक करता है. हालांकि खानपान में नमक की ज्यादा मात्रा नुकसानदेह ही है.
क्या काम करता है नमक?
नमक हमारे भोजन को पचाने में सहायक है. यह नाड़ीतंत्र को संचालित एवं मांसपेशियों के आवेगों को नियंत्रित रखता है. पोषक तत्वों का सामंजस्य शरीर में बनाए रखता है. कोशिका एवं रक्त में पानी की मात्रा निर्धारित बनाए रखता है. डाइजेशन सिस्टम में पाचक अम्ल ‘हाइड्रो क्लोरिक’ अम्ल बनता है जो भोजन पचाने में सहायक है. यही नहीं खाने में टेस्ट की वजह नमक ही है. यहां तक कि यही नमक कई खाद्य पदार्थों को टिकाऊ भी बनाता है. ब्रेड को यही नमक अच्छा बनाता है. अचार को यही गलाता एवं सुरक्षित रखता है. पैकेट बंद, डिब्बाबंद, प्रोसेस्ड फूड में यही जरूरी है. अचार, पापड़, बड़ी, बिजौरी, सासेजेस को सुरक्षित रखने में यह मददगार है.
कितना नमक, कब जरूरी
सामान्य दिनों में मात्रा 5 ग्राम नमक की दैनिक आवश्यकता रहती है. यह केवल एक-चम्मच के माप में मिल जाता है. गर्मियों और बारिश में उमस के कारण बॉडी के तापमान को कंट्रोल करने में पसीना अधिक निकलता है, तब इस पसीने के माध्यम से नमक भी बाहर निकलता है, इसलिए इस मौसम में 5 से बढ़कर 8 ग्राम तक नमक रोजाना जरूरी है. उल्टी, दस्त, डायरिया, आंत्राशोध की मात्रा को देखकर ही इस रोग पर कंट्रोल पाया जा सकता है. लो ब्लड प्रेशर वालों के लिए नमक की ज्यादा मात्रा जरूरी है.
अधिक नमक नुक्सानदेह
निर्धारित मात्रा से अधिक मात्रा में नमक खाने पर बीपी बढ़ जाता है. दिल की बीमारी हो सकती है. किडनी फेल हो जाती है. नमक से खानपान स्वादिष्ट हो जाता है और ऐसी स्थिति में अधिक खाने पर वजन व मोटापा एवं तनाव बढ़ जाता है. यह मोटापा कई बीमारियां देता है. फेफड़े की बीमारी होती है. ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है. हड्डियां कमजोर हो जाती हैं.
सभी चीजों में होता है नमक
हमारे डेली रूटीन में आने वाली सभी खाने की चीजों में नमक है. सभी साग-सब्जी, फलफूल में नमक की मात्रा प्राकृतिक रूप से कम व ज्यादा उपस्थित है. दूध एवं सभी अनाज में भी नमक उपस्थित हैं. मीठे फलों में भी यह मौजूद रहता है. सभी आधुनिक पेय पदार्थों में यह मिल जाता है. प्रोसेस्ड फूड, साफ्ट और हार्ड ड्रिंक्स, अचार, पापड़, ब्रेड आदि में इसकी मात्रा अत्यधिक रहती है.

नमक कम तो रहेंगे फिट
रोजाना खानपान में नमक या उसके उपयोग से बनी वस्तुओं की मात्रा कम कम कर बीमारियों से बचा जा सकता है. स्वाद के लिए इसमें नींबू, काली मिर्च, जीरा, मेथी, दही मिलाया जा सकता है. बिना नमक या कम नमक के इन वस्तुओं को खाने पर प्रारंभ में अटपटा सा लगेगा किन्तु बाद में आदत पड़ जाएगी.
कौन सा नमक खाना चाहिए
बाजार में कई तरह का नमक मिलता है. सभी में सोडियम क्लोराइड मूल रूप से रहता है. आयोडीन, नमक में मिलाया जाता है जो बौनापन व घेंघा रोग रोकने एवं दिमाग के लिए जरूरी है. कुछ नमक से एसिड या हाई बीपी को रोकने का भ्रामक दावा किया जाता है. नमक में सोडियम क्लोराइड के साथ दोगुणा पोटेशियम क्लोराइड भी मिला होता है जो हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल और किडनी को बचाने में सहायक है.
इन चीजों में पहले से ही मौजूद है नमक
जैसा की पहले कहा नमक प्राकृतिक रूप से कई सब्जियों और पदार्थों में पहले से ही जरूरी है. जिनमें प्राकृतिक रूप से नमक अधिक मात्रा में मौजूद है उनमें नमक मिलाने की जरूरत नहीं होती है. चना दाल, पालक, टमाटर, मसूर दाल, केला, गाजर, मूली, मटन, अंडा, मूंग गेहूं, सेब, दूध आदि के एक सौ ग्राम मात्रा में 20 मि.ग्राम से अधिक नमक रहता है.
डॉक्टर से सलाह लेकर प्रयोग करें नमक
यदि आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं. या हाईबीपी या लो बीपी के पेशेंट हैं तो आपके लिए नमक का सेवन सोच-समझकर करना चाहिए. बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें. विशेष रूप से यदि आप हार्ट पेशेंट हैं या आपको किडनी की बीमारी है या फिर किसी और बीमारी से जूझ रहे हैं तो नमक की मात्रा के में अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.