मोटापा न केवल खूबसूरती का दुश्मन है बल्कि यह विभिन्न रोगों को निमंत्राण भी देता है. खान-पान व रहन सहन में लापरवाही और आराम पसंद जिंदगी मोटापे का मुख्य कारण है जिससे शरीर पर चर्बी की परत-दर-परत जमा होती जाती है.
सुंदर व छरहरी काया और सुडौल कमर भला किसे अच्छी नहीं लगती लेकिन इसके लिए कोशिश करना भी जरूरी है. व्यायाम, शारीरिक श्रम व जिह्वा पर नियंत्राण रखकर हम काफी हद तक मोटापे को रोक सकते हैं. मोटापे के संदर्भ में कुछ ध्यान देने योग्य बातें प्रस्तुत हैं.
नियमित व्यायाम, खेल कूद एवं तेज चाल से चलना शरीर को संतुलित रखता है. घरेलू कार्यों जैसे झाड़ू-पोंछा लगाना, कपड़े धोना व घर की सफाई में पर्याप्त श्रम हो जाता है और चर्बी नहीं चढ़ने पाती.

कई लोगों को दिन भर कुछ – न कुछ खाने की आदत होती है. फुर्सत में बैठे हैं तो खाना, टी. वी. देखते-देखते खाना. कुछ लोग अपनी कुंठा दूर करने के लिए भी कुछ -न-कुछ खाते रहते हैं, मोटापा तो बढ़ेगा ही.
आसपास की दूरी पैदल ही तय करें. थोड़ी सी दूरी के लिए वाहनों का प्रयोग न करें.
कई लोगों का मानना है कि एक वक्त भोजन करने से मोटापा कम होता है लेकिन यह गलत धारणा है. मानसिक कार्य करने वाले व्यक्ति या ऑफिसर जिनको पैदल या घूमने का काम कम करना पड़ता है, अक्सर मोटापे का शिकार हो जाते हैं. ऐसे व्यक्ति को खान-पान पर विशेष ध्यान रखना चाहिए और नियमित रूप से व्यायाम व सैर करनी चाहिए. भोजन व नाश्ते में अंकुरित अनाज, सलाद और सूप का समावेश अवश्य करें.
ये चर्बी घटाने के अतिरिक्त एसिडिटी, छाले, कैंसर, कब्ज आदि रोगों की रोकथाम में भी सहायक होते हैं. केक, पेस्ट्री, आइसक्रीम, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों का सेवन कम-से कम करें. पानी ज्यादा-से ज्यादा पिएं. भोजन के पहले व तुरंत बाद पानी पीना हानिकारक है. निश्चित समय पर भोजन करें. अनियमित व मांसाहारी भोजन से दूर रहें. रात का भोजन सोने के तीन घंटे पूर्व अवश्य कर लें. भोजन करने के बाद 10 मिनट तक वज्रासन में अवश्य बैठें
बढ़ती उम्र के साथ पाचन क्रिया शिथिल होती जाती है, अतः तेल, चाय, घी, काफी का सेवन कम करें. फलों का रस, सलाद व सूप आदि को प्राथमिकता दें. आलस्य, लापरवाही, अकर्मण्यता व विलासितापूर्ण जीवन शैली मोटापे का मुख्य कारण है. इनसे परहेज करने की कोशिश करें.