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Hartalika Teej Puja Vidhi : हरतालिका तीज कथा और पूजा विधि: व्रत का महत्व और सही तरीका

हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2023) हिंदुओं का एक विशेष त्योहार है जो सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता है. ये व्रत काफी कठिन होता है और इसे बेहद सावधानी से रखना होता है. इसलिए Hartalika Teej Vrat में कुछ खास बातों का ध्यान रखना होता है.

हरतालिका तीज का व्रत रखने से पहले आपको हरतालिका तीज व्रत की विधि (Hartalika Teej Vrat Vidhi), उसकी कथा, (Hartalika Teej Vrat Katha) पूजन सामग्री आदि के बारे में पता होना चाहिए. साथ ही ये भी पता होना चाहिए कि हरतालिका तीज कब है और शुभ मुहूर्त कब है?

हरतालिका तीज कब है? (Hartalika Teej Kab Hai?)

हरतालिका तीज का व्रत प्रतिवर्ष भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है. ये व्रत इस वर्ष 18 सितंबर 2023, सोमवार को आ रहा है. इसके शुभ मुहूर्त की बात करें तो हरतालिका तीज के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं:

सुबह का शुभ मुहूर्त: सुबह 6:07 बजे से 8:34 बजे तक
शाम का शुभ मुहूर्त: शाम 6:33 बजे से रात 8:51 बजे तक

सुबह का शुभ मुहूर्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करने और व्रत रखने के लिए है. शाम का शुभ मुहूर्त पूजा और प्रार्थना करने के लिए है.

हरतालिका तीज पूजन सामग्री (Hartalika Teej Puja Samagri)

हरतालिका तीज पूजन के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

  • पूजा के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या प्रतिमा की आवश्यकता होती है. यदि आपके पास मूर्तियाँ नहीं हैं, तो आप फोटोग्राफ भी उपयोग कर सकते हैं.
  • पूजा करने के लिए साफ जल एक बर्तन में अवश्य भरकर रखें.
    देवता का निवेदन करने के लिए फूल, धूप, दीपक, गंध, अक्षत (चावल के दाने), बिल्व पत्र, पचरंगी धागा, कुश घास (दूर्वा), और सिन्दूर.
  • व्रत का भोग के रूप में फल और मिश्री
  • तुलसी की पत्तियां
  • पूजा करने के लिए दीपक और धूप
  • पूजा सामग्री को रखने और भोग के रूप में प्रस्तुत करने के लिए कटोरी या थाली
  • भगवान शिव और पार्वती के प्रति अर्पण करने के लिए सिन्दूर और कुमकुम
  • व्रत के दौरान पूजा सामग्री को रखने के लिए एक पूजा की थाली और साफ कपड़े
  • आरती करने के लिए अगरबत्ती, कपूर, दीपक और तेल या घी अवश्य रखें.
  • व्रत के बाद, व्रत समाप्त करने के लिए फल, दही, दूध, घी, आटा, और मिश्री.

इन सभी सामग्री को आप व्रत वाले दिन तैयार करके रखें.

हरतालिका तीज पूजा विधि (Hartalika Teej Puja Vidhi)

हरतालिका तीज की पूजा प्रदोष काल में की जाती है इसलिए इसकी पूजा काफी अहम है. हरतालिका तीज का व्रत काफी सावधानी के साथ रखना चाहिए. इस दिन शिव-पार्वती की पूजा की जाती है और पूरे दिन बिना अन्न-जल ग्रहण किये व्रत रखना पड़ता है.

हरतालिका तीज की पूजा आप नीचे दिए गए अनुसार कर सकते हैं.

1) व्रत का संकल्प लें
सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करके व्रत करने का संकल्प लें.

2) भगवान को स्थापित करें
सशाम के समय स्नान करें और नए वस्त्र धारण करें. इसके बाद गीली मिट्टी से भगवान शिव और माता पार्वती और उनके बेटे भगवान गणेश की प्रतिमा बनाए. इस प्रतिमा को केले के पत्ते पर विराजमान करें.

3) भगवान की पूजा करें
एक कलश स्थापित करें और उसका पूजन करें. इसके बाद दूध, दही, शक्कर, शहद और घी से पंचामृत बनाएँ. आपके द्वारा खरीदी गई सुहाग की सामाग्री को अच्छी तरह सजाकर माँ पार्वती को अर्पित करें. शिवजी को भी वस्त्र अर्पित करें.

4) व्रत कथा सुने
पूजा करने के बाद हरतालिका तीज व्रत कथा को सुने. हरतालिका तीज की कथा सुनने के बाद सबसे पहले गणेश जी और फिर शिवजी और फिर माँ पार्वती की आरती उतारें. अब भगवान की परिक्रमा करें.

5) रात्रि जागरण करें
रात में जागरण करें और सुबह स्नान करें. स्नान करने के बाद माँ पार्वती का पूजन करें उन्हें सिंदूर चढ़ाएं. फिर ककड़ी और हल्‍वे का भोग लगाएं. भोग लगाने के बाद ककड़ी खाकर व्रत का पारण करें. सभी पूजन सामग्री को एकत्र कर किसी सुहागिन महिला को दान दें.

नोट : आमतौर पर हरतालिका तीज की 5 पूजा हरतालिका तीज की शाम से अगले दिन की सुबह सूरज निकलने से पहले की जाती है. लेकिन अलग-अलग क्षेत्रों में पूजा का अलग-अलग विधान है. इसलिए आप अपनी मान्यताओं के अनुसार पूजा कर सकते हैं.

हरतालिका तीज की आरती (Hartalika Teej Aarti in Hindi)

hartalika teej ki aarti

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By पंडित नितिन कुमार व्यास

ज्योतिषाचार्य पंडित नितिन कुमार व्यास मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में रहते हैं. वे पिछले 35 सालों से ज्योतिष संबंधी परामर्श और सेवाएं दे रहे हैं.

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