Ganesh Chaturthi 2023 हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है जो भारत के साथ-साथ नेपाल और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में उत्साह से मनाया जाता है. इस दिन लोग गणेशजी की मूर्ति की स्थापना करते हैं और 10 दिनों तक उनकी पूजा करते हैं. इस दिन को गणपती जी के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है.
गणेश चतुर्थी एक विशेष त्योहार है (Ganesh Chaturthi 2023) जो हिन्दू धर्म में काफी महत्व रखता है. इस त्योहार के दौरान जगह-जगह पर विशेष पंडाल बनाकर गणेशजी की मूर्ति को स्थापित किया जाता है. आप भी इस बार गणेश जी की स्थापना करेंगे तो आपको गणेश चतुर्थी के शुभ मुहूर्त के बारे में जरूर पता होना चाहिए.
गणेश चतुर्थी कब है? (Ganesh Chaturthi Shubh Muhurta 2023)
Ganesh Chaturthi को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी को प्रतिवर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है.
2023 में, गणेश चतुर्थी मंगलवार, 19 सितंबर को मनाई जाएगी. इस दिन, हिंदू भगवान गणेश की मूर्तियों की स्थापना करते हैं और उन्हें 10 दिनों तक पूजा करते हैं. गणेश चतुर्थी का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन होता है, जो 28 सितंबर को मनाई जाएगी.
गणेश चतुर्थी पर मूर्ति स्थापना कब करें? (Ganesh Chaturthi murti sthapana muhurat)
इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की मूर्ति की स्थापना का शुभ मुहूर्त मंगलवार, 19 सितंबर को सुबह 11 बजकर 07 मिनट से दोपहर 1 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. इस मुहूर्त में आप अपने घर में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना कर सकते हैं.
यहाँ गणेश चतुर्थी मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त की विस्तृत जानकारी दी गई है:
शुभ मुहूर्त: मंगलवार, 19 सितंबर, 2023
समय: सुबह 11 बजकर 07 मिनट से दोपहर 1 बजकर 34 मिनट तक
करण: गर
नक्षत्र: मृगशिरा
योग: धृति
राहुकाल: 12:10 PM से 01:00 PM तक
गणेश चतुर्थी मूर्ति स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का निर्धारण पंचांग के आधार पर किया जाता है. इस मुहूर्त में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करने से आपको विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.
गणेश चतुर्थी पर मूर्ति स्थापना कैसे करें? (Ganesh ji Murti sthapna kaise kare?)
गणेश चतुर्थी पर काफी लोगों को नहीं पता होता है कि विधि विधान से गणेश जी की मूर्ति कैसे स्थापित करें. आप नीचे दी गई जानकारी को पढ़कर अपने घर में गणेशजी की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं.
– गणेश जी की मूर्ति की स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करें.
– मूर्ति स्थापना के लिए एक शांत और एकाग्र स्थान का चयन करें। यह स्थान घर के मुख्य द्वार के सामने या मंदिर में हो सकता है.
– मूर्ति स्थापना के लिए भगवान गणेश की एक सुंदर और अच्छी मूर्ति का चयन करें, जो खंडित न हो.
– मूर्ति को एक आसन या चौकी पर स्थापित किया जाता है. मूर्ति को स्थापित करते समय, ध्यान रखना चाहिए कि मूर्ति का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए.
– मूर्ति को स्थापित करने के बाद, उसकी पूजा की जाती है. पूजा में, भगवान गणेश की मूर्ति को गंगाजल, चंदन, केसर, पुष्प, दूर्वा, धूप, दीप, फल, और मिठाई अर्पित की जाती है.
– गणेश जी को लड्डू और मोदक दोनों ही बेहद पसंद हैं इसलिए मूर्ति स्थापित करते समय उन्हें लड्डुओं का भोग अवश्य लगाएं.
– पूजा के बाद, भगवान गणेश की आरती करें.
– पूजा के बाद, भगवान गणेश से आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है.
गणेश जी की आरती (Ganesh ji ki aarti)
गणेश मंत्र (Ganesh Mantra)
गणेश जी के कई मंत्र हैं, लेकिन उनमें से कुछ सबसे लोकप्रिय मंत्र निम्नलिखित हैं:
1) वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ निर्विघ्नम कुरू मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा
2) ॐ गं गणपतये नमः
3) ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुंडाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्
4) ॐ श्री गणेशाय नमः
इन सभी मंत्रों का जाप आप भगवान गणेश जी की पूजा के समय या फिर एकांत में कर सकते हैं. भगवान गणेश की आराधना करने से वे आपकी सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं. उन्हें एकदंत दयावन्त कहते हैं क्योंकि वे अपने भक्तों पर दया करते हैं और उनकी हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं.
यह भी पढ़ें :
श्रीगणेश करेंगे हर मनोकामना पूरी, जरूर करें संकष्टी चतुर्थी व्रत
गणेश चतुर्थी कथा, गणेश मंत्र एवं गणेश जी की आरती
Famous Ganesh Temple : गणेश जी के 10 सिद्ध मंदिर, जहां होती हैं लोगों की मनोकामना पूरी