Sun. Apr 28th, 2024

Income Tax Return: अगर आप जून 2023 की समय सीमा तक अपने पैन कार्ड को आधार से लिंक नहीं कर पाए हैं और आपका पैन कार्ड निष्क्रिय हो गया है, तो चिंता न करें. आप अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकेंगे. इस बात की जानकारी आयकर विभाग पहले ही दे चुका है. इन करदाताओं को ऑडिट की आवश्यकता नहीं है, उनके लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई, 2024 है.

विशेषज्ञ क्या सोचते हैं?

टैक्स2विन के सीईओ और सह-संस्थापक अभिषेक सोनी ने मीडिया को यह जानकारी दी. इसके मुताबिक, अगर करदाता ने जून 2023 तक पैन को आधार से लिंक नहीं किया है और पैन निष्क्रिय हो गया है, तब भी आप आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. सोनी के मुताबिक, वेरिफिकेशन प्रक्रिया में आधार का ओटीपी शामिल नहीं होगा. इसके बजाय, इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (ईवीसी) उत्पन्न किया जाएगा और नेट बैंकिंग, एटीएम या अन्य उपयुक्त माध्यमों के आधार पर उपयोग किया जाएगा.

ऐसे दाखिल करें आईटीआर 

डेलॉइट हास्किन्स एंड सेल्स एलएलपी के निदेशक विजय भारेच ने इसकी जानकारी दी. पैन निष्क्रिय होने के बाद भी करदाता कर का भुगतान कर सकते हैं. वे आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया वही है, भले ही आपका पैन निष्क्रिय हो जाए, तब भी प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं होगा.

करदाता को आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपने खाते में लॉग-इन करना होगा. इसके बाद आपको ई-फाइल सेक्शन में दिशानिर्देशों के अनुसार आयकर रिटर्न दाखिल करने का विकल्प चुनना होगा. उसके लिए विस्तृत विवरण और दस्तावेज भी जमा करने होंगे.

यह अंतिम तिथि है

इनकम रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 मार्च है. करदाता इनकम रिटर्न का उपयोग करके प्रासंगिक मूल्यांकन वर्षों से 2 वर्षों तक इन रिटर्न में संशोधन कर सकते हैं. अंतिम तिथि 31 मार्च, 2024 है. यह समय सीमा वित्तीय वर्ष 2020-21 के आकलन वर्ष 2021-22 के लिए इनकम आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए पात्र है.

आखिरी मौका छोड़ना होगा नुकसानदायक

अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की सुविधा 1 अप्रैल 2022 से शुरू हो गई है. यह करदाताओं के लिए एक उत्तम अवसर है. अगर पुराने आईटीआर में भरने के लिए कुछ जानकारी रह गई है या आयकर नियमों के मुताबिक रिटर्न दाखिल करना है, लेकिन दाखिल नहीं किया जा सका है तो यह मौका है. यह आखिरी मौका छोड़ना नुकसानदायक होगा. अगर इसके बाद आप आयकर विभाग के चंगुल में फंस जाते हैं तो आपसे कर योग्य राशि का 200 फीसदी जुर्माना वसूला जाता है.

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