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Mutual Fund: बड़े के बजाय स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड में करें निवेश, निवेशकों ने मिलेगा फायदा, जानिए वजह

Mutual Fund: आजकल निवेश के कई विकल्प उपलब्ध हैं. लेकिन देखा जा रहा है कि निवेशकों का भरोसा म्यूचुअल फंड पर बढ़ा है. टीवी9 नेटवर्क के ग्लोबल समिट ‘व्हाट इंडिया थिंक्स टुडे’ के दूसरे एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यूचुअल फंड में इन निवेशों के आंकड़े पेश किए. पिछले 10 वर्षों में म्यूचुअल फंड में निवेश की संख्या आसमान छू गई है. इसके पीछे असली कारण यह है कि यह शेयर बाजार की तुलना में कम सुरक्षा और पारंपरिक निवेश की तुलना में अधिक रिटर्न प्रदान करता है.

इतना बढ़ गया है निवेश

2014 में देश में लोगों ने 9 लाख करोड़ रुपये म्यूचुअल फंड में रखे थे. पीएम मोदी ने आंकड़ों के साथ कहा कि आज 2204 में म्यूचुअल फंड में 52 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है, लेकिन निवेश पैटर्न में एक बदलाव जो सामने आ रहा है वह यह है कि निवेशक स्मॉल कैप फंडों की ओर आकर्षित हो रहे हैं. क्या कारण हैं कि उन्होंने बड़ी कंपनियों को दूर रखा है?

यह है कारण

वैल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार के मुताबिक, लार्ज कैप शेयरों की तुलना में स्मॉल कैप स्टॉक अधिक सक्रिय और अस्थिर होते हैं. मिड कैप-स्मॉल कैप फंडों ने 2023 में 40-45 फीसदी रिटर्न दिया था. इस मजबूत प्रदर्शन के दम पर निवेश जिस गति से बढ़ा है वह चिंताजनक है.

हालाँकि, बाजार नियामक सेबी ने चिंता व्यक्त की है क्योंकि आम निवेशक स्मॉलकैप शेयरों और फंडों में उम्मीद से ज्यादा निवेश कर रहे हैं. लेकिन अगर अस्थिरता बढ़ती है, तो निवेशक तेजी से शेयर बेचेंगे, उन्होंने समझाया.

सैमको म्यूचुअल फंड के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2024 में स्मॉल कैप योजनाओं के तहत प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) रिकॉर्ड 2.48 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई. जनवरी में यह आंकड़ा 2.99 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. जबकि लार्ज-कैप स्कीम में लगभग 83% AUM था.

खतरे को पहचानें 

व्हाइट ओक कैपिटल मैनेजमेंट के सीईओ आशीष सौमय्या के मुताबिक, पिछले दो साल में स्मॉल कैप फंडों ने जबरदस्त रिटर्न दिया है. लेकिन इनमें से कई शेयर फिलहाल महंगे हो गए हैं. लेकिन चूंकि एक निश्चित अवधि के बाद उन्हें वही रिटर्न मिल रहा है, इसलिए इसे लेकर संदेह व्यक्त किया जा रहा है.

फिलहाल 250 स्टॉक स्मॉलकैप में हैं. जबकि मिडकैप में 150 स्टॉक हैं. यह आकार सीमित है. यदि निवेशकों की ओर से अतिरिक्त निवेश आता है तो फंड हाउस इस निवेश को कुछ खास शेयरों में ही निवेश करेगा. अब रिटर्न की गणना इस बात पर निर्भर करेगी कि ये स्टॉक बाजार में क्या करते हैं.

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