माता पार्वती शिवजी की अर्धांगिनी हैं. इन्हें पार्वती, उमा, गौरी और भी कई नामों से जाना जाता है. हिन्दू धर्म में में ये सर्वोच्च देवी हैं. इनकी आराधना करने मात्र से भक्तों के संकट दूर हो जाते हैं और माँ उन्हें सुख-सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं. माँ पार्वती को प्रसन्न करने के लिए आप उनकी पूजा और आराधना कर सकते हैं. इसी के साथ ही आपको पार्वती चालीसा (Parvati Chalisa Hindi) का पाठ भी करना चाहिए.
पार्वती चालीसा के नियम | Parvati Chalisa ke Niyam
माता पार्वती की पूजा यदि विधि-विधान से की जाये तो वे अपने भक्तों के हर दुख को दूर कर देती हैं. उनकी आराधना करने के लिए पूजा करते वक़्त विशेष ध्यान रखें.
– माँ पार्वती की पूजा का दिन सोमवार तथा शुक्रवार होता है.
– इन दोनों दिन सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र जो हल्के रंग के हो उन्हें पहने.
– इसके बाद शिवजी और पार्वती जी की पूजा करें.
– उन्हें कुमकुम, अक्षत से टीका लगाएँ.
– पुष्प अर्पित करें.
– मीठी चीज का भोग लगाएँ.
– शिवजी तथा पार्वती जी का स्मरण करें.
– दीपक और धूप लगाएँ.
– पूजा कर लेने के बाद पार्वती चालीसा का पाठ करें.
– पाठ करते समय जल्दबाज़ी न करें और न ही गलत पढ़ें.
पार्वती चालीसा के फायदे | Parvati Chalisa ke Fayde
– पार्वती चालीसा का पाठ करने से मन को शांति मिलती है.
– नियमित रूप से पाठ करने से दुखों का अंत हो जाता है.
– पार्वती चालीसा पढ़ने से घर में सुख-शांति का वास रहता है.
– माता पार्वती से यदि आप कोई मनोकामना मांगते हैं तो वे उसे भी पूरा करती हैं.
– माता पार्वती अपने भक्तों के सभी दुख हर लेती हैं.
– विवाह में आ रही रुकावट दूर होती है.
– संतान प्राप्ति का योग बनता है.
पार्वती चालीसा | Parvati chalisa in Hindi
