सर्दी शुरू होते ही तरह तरह की परेशानियां शुरू हो जाती हैं. किसी को स्किन प्रॉब्लम है तो कोई अपने झड़ते बालों से परेशान है. रोज-रोज की सर्दी जुकाम से जूझते हुए कोई इस मौसम का लुत्फ उठाना भी चाहे तो मन उसका साथ नहीं देता. इस गुलाबी सर्दी में तन-मन भी खिला-खिला रहे, इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
क्यों जरूरी है स्कीन केयर
यूं तो विंटर सीजन में होल बॉडी केयर जरूरी है लेकिन स्किन केयर अधिक जरूरी है. स्किन केयर करने से पहले यह जानना जरूरी हो जाता है कि आपकी स्किन की टाइप क्या है? स्किन पांच तरह की होती है यथा नार्मल स्किन, ऑयली स्किन, ड्राई स्किन, कॉम्बिनेशन स्किन, सेंसिटिव स्किन. अपनी स्किन की टाइप जानने के लिए निम्नांकित टिप्स को अपनाकर देखें.
ऐसे पहचानें अपनी स्कीन
टिशू पेपर टेस्ट द्वारा त्वचा को आसानी से पहचाना जा सकता है. जब सुबह सोकर उठें तो सबसे पहले टिशू पेपर टेस्ट करें. इस टेस्ट के लिए टिशू पेपर के कुछ टुकड़े ले लें. एक-एक टुकड़ा बारी-बारी से लेकर माथा, गाल, नाक, ठोडी आदि पर दबाएं. पेपर को स्किन पर हल्के से दबाएं, रगड़ंे नहीं. अगर टिशू पेपर पर तेल दिखाई दे तो समझिए कि आपकी स्किन ऑयली है.
जानिए स्कीन के इन लक्षणों
अगर नाक, ठोडी और माथे के टिशू पेपर पर तेल दिखता है लेकिन गालों वाले टिशू पेपर पर बिलकुल भी ऑयल टच नहीं मिलता है तो आपकी स्किन कॉम्बिनेशन स्किन है. यदि किसी पेपर पर तेल नहीं दिखता और आपकी त्वचा खिंचा खिंचा सा एहसास दे रही है तो आपकी स्किन ड्राई स्किन है. पेपर पर तेल नहीं है लेकिन त्वचा मुलायम व लचीली है तो आपकी स्किन नार्मल है और यदि आप कील, मुंहासों की समस्या से परेशान हैं तो आपकी स्किन सिंसेटिव व आयली है.
नार्मल स्किन: नार्मल स्किन में नमी और तेल का सही संतुलन होता है, इसलिए सर्दी का मौसम इस स्किन के लिए परेशानी का सबब नहीं बनता लेकिन लापरवाही से विंटर सीजन में नार्मल स्किन ड्राई होने लगती है और तब परेशानियां सामने आने लगती हैं. इसलिए नार्मल स्किन का विंटर केयर जरूरी हो जाता है. इसके लिए किसी अच्छी क्लींजिंग लोशन से सुबह शाम स्किन की सफाई करें. स्नान से पहले हल्का मसाज करें. इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है जिससे स्किन सुंदर व चमकदार बनती है.
ये उपाय करेंगे मदद: रात में सोने से पहले मेकअप अच्छी तरह साफ कर लें. पंद्रह दिन में एक बार त्वचा पर स्टीम लें. सप्ताह में एक बार घरेलू उबटन लगाएं. एक अंडे को दो चम्मच दूध में मिलाकर अच्छी तरह फेंटें. इसे गरदन व चेहरे पर लगा कर 10-15 मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें. फिर ठंडे पानी से चेहरे पर छींटे मारें. दो चम्मच गेहूं का आटा लेकर पानी के साथ मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें. इसे गर्म करके इसमें कुछ बूंद शहद मिलाकर त्वचा पर मलें. इसे लगाने से त्वचा के डेड सेल्स हटते हैं और ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है.
ऑयली स्किन: इस स्किन में तैलीय ग्रंथियां बहुत अधिक सक्रिय होती हैं, इसलिए इसे बहुत ज्यादा विंटर केयर की आवश्यकता नहीं होती किन्तु फिर भी कुछ बातों का ख्याल रखना आवश्यक होता है. चेहरे को दो तीन बार पानी से साफ करें. सोने से पहले मेकअप उतारना न भूलें. ऑयल फ्री मॉश्चराइजर जरूर लगाएं. इस मौसम में एस्ट्रिंजेंट का प्रयोग जम कर करें.
ड्राई स्किन: इस प्रकार की त्वचा में तेल एवं नमी की कमी होती है. विंटर सीजन में स्किन की ड्राइनेस बहुत अधिक बढ़ जाती है, इसलिए इस सीजन में स्किन का बहुत ख्याल रखना चाहिए. इस स्किन को आटे या बेसन से दिन में दो-तीन बार साफ करें. साबुन न लगाएं. दो चम्मच चुकन्दर का पेस्ट तथा दो चम्मच सेब का पेस्ट अच्छी तरह मिलाकर 15-20 मिनट तक चेहरे पर लगाने के बाद ठंडे पानी से धो लें. इससे ड्राई स्किन नियंत्रित रहती है.
मिश्रित त्वचाः इस प्रकार की त्वचा में चेहरे के टी जोन अर्थात माथा, नाक, ठोड़ी आदि तैलीय और सी जोन अर्थात् गाल शुष्क होते हैं. इस स्थिति में टी जोन पर ऑयल फ्री माश्चराइजर तथा सी जोन पर माश्चराजर लगाएं. अंडे के पीले वाले भाग में एक चम्मच दही तथा एक चम्मच शहद मिलाकर लगाना लाभदायक होता है.
सेंसेटिव स्किनः इस तरह की त्वचा अत्यंत संवेदनशील होती है. ठंडी हवाओं का असर इस त्वचा पर अधिक पड़ता है. गुलाबजल, ग्लिसरीन एवं नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर लगाएं. धूप में निकलने से पहले हाथ-पैर व शरीर पर सनस्क्रीन लगाकर ही निकलें. रात में सोने से पहले त्वचा पर तिल का तेल एवं गुलाब जल मिलाकर अवश्य लगा लें.