Wed. Apr 24th, 2024

शादी की चमक-धमक किसे पसंद नहीं. हर व्यक्ति अपनी लाइफ में किसी न किसी की शादी में शामिल होता है. फिर शादी चाहे किसी दोस्त की हो या रिलेटिव की की. कुछ लोग शादी में जाने की पूरे मन से तैयारियां करते हैं और मेजबान या रिलेटिव को संतुष्ट भी करते हैं.

कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो शादियों में ऐसे शामिल होते हैं, जैसे वे मेजबान या वर-वधू पर बहुत बड़ा अहसान कर रहे हों. दरअसल, ये वे लोग होते हैं जो यह नहीं सोचते कि शादी में वे अकेले ही नहीं, और भी बहुत-से मेहमान होते हैं व मेजबान को उन सबका ख्याल रखना होता है.

Image source: pexels.com
Image source: pexels.com

आसान नहीं शादी के मेहमान बनना-

शादियों में सफल गेस्ट बनना भी भी हर किसी के बस की बात नहीं. क्या आप भी ऐसे ही लोगों में से हैं? कई बार शादियों में जाकर लोग अजनबी सा महसूस करते हैं या फिर कुछ लोग ऐसे होते हैं जो शादियों में मेजबान से चिपक-चिपकर उनकी मुसीबत बन जाते हैं और उन्हें पता ही नहीं होता कि शादी में बिहेव कैसा होना चाहिए.

दरअसल, शादी में अन्य मेहमानों के साथ घुलना-मिलना कर रहें तो आपको कुछ ऐसे गेस्ट ऐसे मिल सकते हैं जो आपके लिए अजनबी हों तो ऐसे लोगों के साथ अजनबी ही न बने रहें बल्कि उनसे भी घुलमिल जाएं. यदि आप अपना परिचय देने की पहल करेंगे तो इसमें कोई बुराई नहीं.

बातचीत करना सीखें और संपर्क बढ़ाएं-

शादी में एक खूसट या खामोश गेस्ट बनकर नहीं रहें यदि आप अपने ही ईगों में रहेंगे और किसी के साथ बातचीत नहीं करेंगे तो ध्यान रखें आपके लिए शादी का वातावरण ही बोझिल हो सकता है, इसलिए माहौल को सहज बनाए रखने के लिए अन्य सभी मेहमानों के साथ घुलमिल कर रहें.

उनसे बातचीत कर पारस्परिक रुचियों के बारे में जानें. उनके शहर व परिवार इत्यादि  के बारे में जानकारी प्राप्त करें व अपने बारे में उन्हें जानकारी दें. आपके ऐसा करने से मेजबान को भी सुविधा रहेगी, साथ ही माहौल भी अच्छा बना रहेगा.

Image source: pexels.com
Image source: pexels.com

परम्पराओं का मजाक न उड़ाएं-

हर परिवार की अपनी कुछ परम्पराएं होती हैं, कुछ रीति-रिवाज होते हैं. हो सकता है आपको शादी में कोई परम्परा अच्छी न लगे और उन पर आपको हंसी भी आए परंतु इसका मतलब यह नहीं कि आप सबके समक्ष उन परम्पराओं का मजाक उड़ाएं और अपनी परम्पराओं की प्रशंसा करें.

असहमति हो तो भी खामोश रहें-

यदि किसी चीज से असहमत हैं तो मन में ही रखें तो बेहतर है. यदि आप वहां के रीति-रिवाज की प्रशंसा नहीं कर सकते तो मजाक भी न उड़ाएं व न ही बुराई करें. यदि आप ऐसा करेंगे तो विवाह में सम्मिलित व्यक्तियों के दिलों में आपके लिए सम्मान कम होगा.

हर कार्यक्रम में शामिल हों-

विवाह की हर छोटी-बड़ी रस्म में शामिल होने का प्रयत्न करें और परम्परा के अनुसार ही व्यवहार करें. यदि आपको किसी परम्परा के बारे में जानकारी न हो और आप उसके मुताबिक व्यवहार न कर पाएं तो भी सहज होकर सब देखते रहें व जैसा अन्य लोग करें, वैसा ही आप भी करें. यदि ऐसा भी न कर पाएं तो आराम से बैठे रहें. हर परम्परा का दिल से सम्मान करें.

कामकाज में दिलचस्पी लें-

वैसे तो आज के दौर में हर व्यक्ति के पास समय का अभाव है. इसी कारण शादी जैसे समारोह में मेहमान शादी वाले दिन या फिर शादी के मंडप में ही पहुंचते हैं, इसीलिए शादी के घर में काम की  अधिकता नहीं होती. फिर आजकल अधिकांश काम बाहर से ही करवा लिए जाते हैं परंतु फिर भी विवाह वाले घर में कुछ न कुछ काम तो होता ही है.

सहयोग और मदद करें-

कामकाज में हाथ बंटाने से संकोच न करें बल्कि स्वयं उसमें दिलचस्पी दिखाएं व मेजबान से पूछकर या फिर स्वयं ही देख लें कि कौन-सा कार्य ऐसा है, जो आप बखूबी कर सकते हैं. उस कार्य को अपने हाथ में लें और उसे पूरा करके ही अन्य कार्य करें. ध्यान रहे, जो भी कार्य करें, उसे पूरी रूचि से करें ताकि किसी को शिकायत का मौका न मिले व न ही किसी प्रकार की हानि की आशंका हो.

आवश्यक चीजें साथ लेकर जाएं-

विवाह पर जाते समय अपनी आवश्यक वस्तुएं तौलिया, कंघी, टूथब्रश, टूथपेस्ट, बाथरूम स्लीपर, शेविंग किट इत्यादि अवश्य साथ लेकर जाएं. अधिकांश मेजबान इस स्थिति में नहीं होते कि वे सभी मेहमानों को ऐसी वस्तुएं अलग-अलग मुहैया करा सकें.

वैसे भी ऐसी वस्तुएं निजी होती हैं. इन वस्तुओं को साथ रखने में जहां मेजबान को सुविधा होगी,वहीं बीमारियों से भी आपका बचाव होगा क्योंकि यदि किसी व्यक्ति को संक्रामक रोग हो तो वह ऐसी वस्तुओं के जरिए आप तक भी पहुंच सकता है अतः उपरोक्त वस्तुओं को साथ ले जाना न भूलें.

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *