11 अक्टूबर 1942 को जन्में बॉलीवुड के महानायक और महाकवि हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन के बड़े बेटे अमिताभ बच्चन 75 साल से ज्यादा के हो चुके हैं. पद्मश्री, पद्मभूषण सहित दर्जनों अवॉर्ड से नवाजे जा चुके अमिताभ ने बॉलीवुड में अपना करियर 1970 में सात हिंदुस्तानी से फ़िल्म से किया था. लेकिन शुरुआती दौर में उनके हिस्से में केवल असफलता आई और वह भी लगातार. कई लोगों ने उन्हें अपने पिता की तरह कवि बनने तक की राय दे दी और कहा कि बॉलीवुड उनके बस का नहीं.
अमिताभ बच्चन की जीवनी (Amitabh bachchan life story)
बहरहाल, अमिताभ बच्चन की किस्मत में असफलताओं के बाद सफलता थी. फिल्म जंजीर एक बड़ी हिट के रूप में उनके करियर का माइलस्टोन बनी. और असफलता की तमाम जंजीरे उनकी आग में पिघल गई. इसके बाद बिग बी अमिताभ बच्चन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. तकरीब 5000 की पहली तनख्वाह पाने वाले अमिताभ बच्चन आज 1 सेकंड के ढाई करोड़ ले रहे हैं.
एक दौर था जब अमिताभ बच्चन का शुरुआती जीवन मुफलिसी में बीता. मुंबई में बिस्किट खाकर भी मुंबई में अपना जीवन बिताया. आज अमिताभ बच्चन को तीन राष्ट्रीय 14 फिल्म फेयर सहित पद्म भूषण, पद्म विभूषण सहित सैकड़ों अवॉर्ड मिले हैं. उनकी अवॉर्ड गैलरी में उनके घर में शीशों के पीछे ऐसे तमाम अवॉर्ड उनकी कामयाबी की कहानी खुद कह रहे हैं.
अमिताभ बच्चन का पहला नाम इंकलाब था लेकिन उनके पिता हरिवंश राय बच्चन के कवि मित्र सुमित्रानंदन पंत ने उनका नाम बदलकर अमिताभ रखा. बच्चन सरनेम भी उनके पिता को कविता की दुनिया से मिला.
अमिताभ की शादी 1973 फिल्म अभिनेत्री जया भादुड़ी के साथ हुई. उनके बेटे अभिषेक बच्चन बॉलीवुड के बड़े स्टार हैं, जिनकी शादी बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन के साथ हुई. अभिषेक और ऐश्वर्या एक बेटी आराध्या अमिताभ की पोती है. अमिताभ की बेटी श्वेता समय-समय पर अपने पिता के साथ सोशल मीडिया पर सक्रिय नजर आती हैं.
अमिताभ बच्चन का परिवार (Amitabh bachchan and ajitabh bachchan relation)
अमिताभ के छोटे भाई हैं जिनका नाम अजिताभ हैं. अमिताभ बच्चन ने शेरवुड कॉलेज नैनीताल और फिर किरोड़ीमल कॉलेज दिल्ली से पढ़ाई की. अमिताभ पढ़ाई में शुरू से ही अच्छे थे और वह हमेशा अव्वल दर्जे से पास होते थे. फिल्मी दुनिया की बात करें तो अमिताभ बच्चन का करियर बेदाग और साफ सुथरा कहा जा सकता हैं. लेकिन रेखा, परवीन बाबी, जीनत अमान से उनके अफेयर के चर्चे आज तक जिंदा हैं.
वे शुद्ध शाकाहारी हैं और 2012 में ‘पेटा’ इंडिया ने उन्हें ‘हॉटेस्ट वेजिटेरियन’ का ख़िताब दिया था. पेटा एशिया ने उन्हें एशिया के सेक्सियस्ट वेजिटेरियन के खिताब से भी नवाजा है.
70 और 80 के दशक को सिर्फ अमिताभ ने जिया है. एक फ्रेंच डायरेक्टर फ़्राँस्वा त्रुफ़ो ने उन्हें उस समय ‘वन मैन इंडस्ट्री’ का ख़िताब दिया था. अमिताभ ने फिल्म दर फिल्म खुद को एक ऐसे मुकाम पर पंहुचा लिया है कि फैन्स के दिलों में उनके प्रति दीवानगी पिछली आधी सदी से लगातार बढ़ रही है. 1982 में फिल्म कुली की शूटिंग के दौरान अमिताभ को चोट लगी उसके बाद पूरे देश ने उनके ठीक हो जाने की दुआएं की.
अमिताभ की फिल्मों के नाम
सात हिंदुस्तानी, आनंद, जंजीर, अभिमान, सौदागर, चुपके चुपके, दीवार, शोले, कभी कभी, अमर अकबर एंथनी, त्रिशूल, डॉन, मुकद्दर का सिकंदर, मि. नटवरलाल, लावारिस, सिलसिला, कालिया, सत्ते पे सत्ता, नमक हलाल, शक्ति, कुली, शराबी, मर्द, शहंशाह, जैसी फिल्मों ने उन्हें पहले ही अमर बना दिया है वहीँ अग्निपथ, खुदा गवाह, मोहब्बतें, बागबान, ब्लैक, वक्त, सरकार, चीनी कम, भूतनाथ, पा, सत्याग्रह, सदी के महानायक की दूसरी पारी के बेशकीमती नगीने कहे जा सकते है. वे आज भी टीवी एड और फिल्मों में मौजूदा सभी अभिनेता और अभिनेत्रियों से ज्यादा सक्रीय हैं. साल 2018 में ठग्स ऑफ हिंदुस्तान, 2019 में बदला उनकी तजा तरीन फिल्मे हैं.
ब्रांड जिनकी पहचान है अमिताभ (Amitabh bachchan brand Ambassador)
दिखेगा तो बिकेगा के जमाने में अमिताभ गुजरात टूरिज्म, सरकार के पल्स पोलियो अभियान के साथ साथ आईसीआईसीआई बैंक, जस्ट डाईल, कैडबरी, तनिष्क ज्वेलर्स, कल्याण ज्वेलरस्, मारुती सुजुकी कार जैसे सैकड़ों कंपनियों के प्रोडक्ट को रिप्रेजेंट कर रहे है. फिल्मों सहित इन सब से आज अमिताभ की कुल कमाई एक हजार करोड़ सालाना से ज्यादा की बताई जाती हैं. गुजरात टूरिज्म, सरकार के पल्स पोलियो अभियान के लिए अमिताभ ने मेहताना नहीं लिया था. उनके पास दर्जनी कारें है जिनमे दुनिया के हर ब्रांड की कारें शामिल हैं. देश के कई बड़े शारो में उनकी प्रॉपर्टी और कृषि भूमि हैं.
बुरा दौर ,सियासत, शानदार वापसी और बिग बी (Turning point of amitabh bachchan)
अमिताभ बच्चन बॉलीवुड के कामयाबी के शिखर पर पहुंचने के बाद आठवीं लोकसभा में चुनाव भी लड़े. इलाहाबाद से उन्होंने अमर सिंह के साथ अपनी दोस्ती को निभाते हुए चुनाव लड़ा और जीता. इसके बाद उन्होंने जल्द ही सियासत छोड़ भी दी. अमिताभ ने एबीसीएल नाम की एक कंपनी खोली यहां से अमिताभ का बुरा दौर शुरू हुआ.
एबीसीएल के आर्थिक संकट ने अमिताभ को चारों ओर से घेर लिया और ऐसे में बॉलीवुड में उनकी साख भी काम ना आई. लेकिन वक्त पलटा कौन बनेगा करोड़पति नाम के एक टीवी शो से इस टीवी शो में अमिताभ की बुलंदियों को फिर से ऊंचाई पर पहुंचा दिया. जहां हम आज उन्हें देखते हैं उसमे इस सीरियल को अमिताभ बच्चन की लाइफ लाइन के रूप में देखा जाता हैं.
अमिताभ बच्चन की लाइफ स्टोरी (Amitabh bachchan social work and politics)
सामाजिक कार्यों में भी अमिताभ बच्चन बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. समय-समय पर चैरिटी कार्यो में वे योगदान देते रहते हैं. उनके सम्मान में लंदन के मैडम तुसाद म्यूजियम में सन् 2000 में उनकी मोम की मूर्ति स्थापित की गई. मैडम तुसाद म्यूजियम में विश्व की बड़ी हस्तियों की मूर्तियां मॉम की बनाई गई यह सम्मान पाने वाले अमिताभ बच्चन भारत के चुनिंदा लोगों में से एक हैं.
अमिताभ के ऊपर कई किताबें लिखी गई है. आज के सोशल मीडिया के दौर में अमिताभ बच्चन सबसे सक्रीय सितारों के रूप में फेसबुक और ट्विटर पर लगातार अपने चाहने वालों से जुड़े हुई हैं और अपने फ्रेंड से लगातार रूबरू होते रहते हैं.
वैसे अपने मुंबई स्थित बंगले की बालकनी से हर सप्ताह में एक बार अपने फैंस के लिए अभिवादन करने आने की उनकी दशकों पुरानी परंपरा आज भी कायम हैं. लोग आज भी उनके हाथ हिला कर अभिवादन का रास्ता उनकी बालकनी के नीचे देखते हैं.
अमिताभ बच्चन की लाइफ के बारे में
अमिताभ बच्चन बॉलीवुड और फिल्मी जगत का बड़ा नाम हैं जो परिचय का मोहताज नहीं हैं. शहंशाह ने खुद को मेहनत, लगन और जुनून के दम पर उस सिंहासन पर पहुंचा लिया है जहां आज के सितारे शायद कभी ना पहुंच पाए. 75 साल से ज्यादा की उम्र के हो चुके अमिताभ आज भी हीरो हीरोइन के साथ इतनी सक्रियता से इतनी शिद्दत से और दिलचस्पी से किरदार में नजर आते हैं देखने वाले उनकी उम्र का अंदाजा लगाना ही भूल जाते हैं.
सदी के महानायक ने जिंदगी में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. बुरे वक्त से लेकर अच्छे वक्त और अपने आज तक अमिताभ बच्चन सदा सरल और शालीन बना रहे यही उनकी खूबी भी है.
खुद के अंदर सीने जगत की एक दो नई कई पीढ़ियों की जीते हुए अमिताभ ने हर दौर के कलाकारों के साथ काम किया और आज वे खुद फिल्म की दुनिया की एक महान और विशालतम हस्ती ही नहीं वरन रुपहले परदे की एक यूनिवर्सिटी बन गए है. लेकिन इतना सब होने के बाद भी अमिताभ के स्वभाव में आप कभी इस कामयाबी का गुमान नहीं देखेंगे. समाचार पत्रों, विभिन्न लेखों, उनके इंटरव्यू, और उनके करीबियों से उन्हें हम जितना भी जानते हैं वे सदा सरल ही नजर आते हैं.
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