Aparajita Flower Benefits: अस्वीकरण अपराजिता फूल महादेव को बहुत प्रिय है. यह दुर्लभ फूल हर किसी के पिछवाड़े में पाया जा सकता है. यह पेड़ चारों ओर रेंगता है. अपराजिता को किसी बात की चिंता नहीं है. यह अपने आप बढ़ता है. इसी तरह अपराजिता के फायदे जानकर आप हैरान रह जाएंगे.

अपराजिता के फूल जितने खूबसूरत होते हैं उतने ही उपयोगी भी होते हैं. अपराजिता में कई औषधीय गुण होते हैं. तो आइए जानते हैं अपराजिता फूल के अनोखे गुणों के बारे में कुछ खास बातें…
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है ये फूल
अपराजिता के फूल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है. पी-कौमरिक एसिड, डेल्फिनिडिन-3, कपूर, 5-ग्लूकोसाइड जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर इस फूल के कई स्वास्थ्य लाभ हैं.
अपराजिता के फूल के फायदे
- बैक्टीरियल गुणों के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए फायदेमंद है. यह संक्रमण को रोकने में मदद करता है. अपराजिता का फूल वजन घटाने में भी मदद करता है.
- इस फूल से बनी चाय शरीर में मेटाबॉलिज्म को तेज करती है, जिससे शरीर में फैट नहीं बनता है.
- अपराजिता के फूलों में ऐसे यौगिक होते हैं जो रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. इससे हार्ट अटैक का खतरा भी कम हो जाता है.
- अपराजिता के फूल खाने से कैंसर का खतरा कम हो जाता है. इस फूल में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद करते हैं.
- अपराजिता के फूलों से बनी चाय एंटी-डायबिटिक गुणों से भरपूर होती है, जो शरीर में इंसुलिन का संतुलन बनाए रखने में मदद करती है, जिससे ब्लड शुगर की समस्या नहीं होती है. अपराजिता की पत्तियों में पाया जाने वाला एक विशेष प्रकार का फ्लेवोनोइड्स बालों को मजबूत बनाने में मदद करता है.
- अगर आप व्यस्त दिन के बाद थकान महसूस कर रहे हैं तो अपराजिता फूल की चाय पिएं. यह फूल देखने में जितना खूबसूरत है, इसके औषधीय फायदे भी उतने ही हैं. इस फूल से बनी चाय न सिर्फ थकान दूर करती है बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याओं को भी ठीक करने में मदद करती है. इसे तैयार करने के लिए एक गिलास पानी को अच्छी तरह उबाल लें.
- इसमें चीनी, शहद और अपराजिता के फूल डालकर 1 कप होने तक गर्म करें. पानी का रंग नीला हो जाने पर इसे धीरे-धीरे पियें. यह चाय ग्रीन टी को भी मात दे सकती है. अ
- अगर आप इस चाय को रोज सुबह या शाम पीते हैं तो यह संक्रमण और त्वचा रोगों के लिए अच्छा है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं. इतना ही नहीं, इस फूल को सुखाकर इसका पेस्ट भी बनाया जाता है. आप इस पाउडर को शुद्ध रूप में चीनी और पानी के साथ मिलाकर भी पी सकते हैं.
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