junk food का अधिक सेवन करना हमारे स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है, लेकिन फिर भी आज के युवा बेखोफ junk food का अत्यधिक सेवन कर रहे है. युवाओ के बेहतर स्वास्थ्य को देखते हुये विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश देते हुये परिसरों में junk food की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध का निर्देश दिया है.
विश्वविद्यालयों को UGC ने पत्र लिखते हुये कहा है, की छात्रों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सभी college में junk food पर bain लगाना छात्रो के लिए नए मानदंड स्थापित करेगा. इससे छात्रो की सीखने की प्रक्रिया बेहतर होने के साथ उनके मोटापे को भी कम करेगा.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने UGC को शिक्षण संस्थानों के परिसर में junk food की बिक्री पर bain लगाने का सख्त निर्देश देते हुये कहा है, युवा पीढ़ी के मध्य जागरुकता लाये.
पहले भी इस तरह के निर्देश जारी किए जा चुके है। Central board of secondary education ने सभी Schools को निर्देश देते हुये अपनी Canteen menu से junk food को हटाने का निर्देश जारी किया था.
आज के युवा जंक फ़ूड खाने के शोकीन होते जा रहे. पौष्टिक आहार को कम अहमियत देते हुये वह जंक फ़ूड की टीआरएफ़ अधिक आकर्षित होते है. बच्चों से लेकर बूढ़ो हर किसी को जंक फूड खाने का महज एक बहाना चाहिए. जंक फूड खाने से कई तरह के नुकसान होने के बावजूद भी व्यक्ति इसके सेवन में कभी कमी नहीं आने देते हैं.
फास्ट-फूड या जंक फूड में मौजूद कैलोरी से शरीर के लिए नुकसान दायक होती हैं. यह मोटापे का मुख्य कारण हो सकता है. जंक फूड का सेवन अस्थमा के अलावा सांस लेने में तकलीफ की बीमारी सहित, श्वसन समस्याओं का भी कारण बनता है. शरीर मे अतिरिक्त वजन व्यक्ति के दिल पर दबाव डालता है, जिससे चलने, सीढ़ियों पर चढ़ने एवं कसरत करने में व्यक्ति को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.