Bharat Ratna: ‘भारत रत्न’ भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. यह सम्मान कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल के माध्यम से राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है. भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने इस सम्मान की शुरुआत 2 जनवरी 1954 को की थी. तब से विभिन्न भारतीयों को इस सम्मान से सम्मानित किया गया है. इसमें अब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर भी शामिल होंगे.

कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से किया सम्मानित
केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. 24 जनवरी आज कर्पूरी ठाकुर की जयंती भी है. भारत रत्न की घोषणा की पृष्ठभूमि में कई लोगों के मन में यह सवाल हो सकता है कि जिन लोगों को भारत रत्न पुरस्कार की घोषणा की जाती है उन्हें इस पुरस्कार के साथ और क्या मिलता है? एबीपी ने इस बारे में खबर छापी है.
व्यक्ति को मिलता है एक प्रमाणपत्र और एक पदक
भारत रत्न एक प्रकार का सम्मान है यानी जब किसी व्यक्ति को भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है तो उसे भारत सरकार की ओर से एक प्रमाणपत्र और एक पदक मिलता है. इसके साथ कोई पैसा नहीं आता. इसके बदले सरकार की ओर से कई विशेष सुविधाएं प्रदान की जाती हैं. भारत रत्न प्राप्तकर्ता अपने जीवनकाल में पुरस्कार के साथ-साथ कई विशेष सुविधाओं का भी आनंद लेते हैं. इसमें मुफ्त रेल यात्रा की सुविधा भी शामिल है. इसके अलावा उन्हें कई महत्वपूर्ण सरकारी कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए निमंत्रण भी भेजे जाते हैं. केंद्र सरकार उन्हें ‘वारंट ऑफ प्रेसीडेंसी’ में रखती है.
विजेताओं को प्रोटोकॉल में मिलती है कई सुविधाएं
भारत रत्न पुरस्कार विजेताओं को प्रोटोकॉल में भी कई सुविधाएं मिलती हैं. भारत रत्न प्राप्तकर्ता को प्रोटोकॉल में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति, उप प्रधान मंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व प्रधान मंत्री और नेता के बाद रैंक दिया जाता है. संसद के दोनों सदनों में विपक्ष. भारत रत्न पुरस्कार विजेताओं को राज्य सरकारों की ओर से कई विशेष सुविधाएं भी मिलती हैं.
1955 में भारत रत्न देने के बदल दिये गये नियम
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक और राजनीतिज्ञ के रूप में जाना जाता है. वह बिहार के दूसरे उपमुख्यमंत्री और दो बार मुख्यमंत्री रहे. वह जनता के बीच बहुत लोकप्रिय थे. अब घोषणा की गई है कि उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. यह पहली बार नहीं है कि भारत रत्न मरणोपरांत दिया गया है. 1955 में भारत रत्न देने के नियम बदल दिये गये. किसी व्यक्ति को मरणोपरांत सम्मान देने का नया प्रावधान किया गया. भारत के पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री भारत रत्न के पहले मरणोपरांत प्राप्तकर्ता हैं. 1966 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया. इससे पहले उनकी ताशकंद में मौत हो गई थी. अब तक 16 व्यक्तियों को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है. कर्पूरी ठाकुर भारत रत्न पाने वाले 17वें मरणोपरांत प्राप्तकर्ता हैं.