Wed. Apr 24th, 2024
कई बार मन से दवाइयां लेना आपके लिए खतरनाक हो सकता है। कोई भी दवाई बिना डॉक्टरी सलाह के ना लें.कई बार मन से दवाइयां लेना आपके लिए खतरनाक हो सकता है। कोई भी दवाई बिना डॉक्टरी सलाह के ना लें.

बदलती लाइफ स्टाइल और भागदौड़ भरी जिंदगी में हार्ट, किडनी, लीवर, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है लेकिन ब्रेन स्ट्रोक जैसी ज्यादा खतरनाक बीमारी को लेकर सोसायटी में उतनी अवेयरनेस नहीं है. ना तो लोग ब्रेन स्ट्रोक के बारे में कुछ जानते हैं और ना ही उसके लक्षणों पर अलर्ट रहे हैं. ब्रेन स्ट्रोक ऐसी बीमारी है जिसके कारण लाखों लोग अकाल मृत्यु के शिकार हो जाते हैं या विकलांग हो जाते हैं.

ब्रेन स्ट्रोक के बारे में पता ही नहीं चलता

ब्रेन स्ट्रोक ऐसी बीमारी है जो बताकर नहीं आती. हालांकि शरीर कई तरह के लक्षणों के जरिये संकेत देता रहता है कि ब्रेन में कुछ समस्या है, लेकिन सामान्य रूप में इसे सिर दर्द या थकान के कारण चक्कर आना समझकर लोग मेडिकल स्टोर्स और अपने फैमिली डॉक्टर्स से दवाइयां लिखवाते रहते हैं. जब ब्रेन झटका देता है तब तक बहुत समय निकल चुका होता है.

एक अनुमान के अनुसार इस समय देश में 50 लाख लोग इस रोग के शिकार हैं और हर साल लगभग 5 लाख लोगों की मृत्यु इस बीमारी के कारण हो जाती है. यह बीमारी दिमाग को खून ले जाने वाली नसों में ब्लॉकेज के कारण होती है. इसके कारण पेशेंट पैरेलेसिस शिकार भी हो सकता है.

क्या होता है ब्रेन स्ट्रोक में

जी.बी.पन्त अस्पताल के प्रोफेसर एम.एम. मेंहदीरता के अनुसार ब्रेन स्ट्रोक के दौरान नसें काफी कमज़ोर हो जाती हैं जिसके कारण मिर्गी के दौरे या मरीज़ के अचानक बेहोश हो जाने जैसी समस्याएं हो सकती हैं. दिमाग को मिलने वाली ऑक्सीजन की मात्रा में भी कमी हो जाती है. डॉक्टर्स के मुताबिक ब्रेन स्ट्रोक से पहले बॉडी कई तरह के संकेत देती है, लेकिन हम उसे नजरअंदाज करते हैं. हार्ट अटैक आने से पहले जो पेशेंट शरीर के संकेतों को समझते नहीं हैं, ठीक वैसा ही ब्रेन स्ट्रोक के पहले शरीर संकेत देता है.

 

Image source: Pixabay.com
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क्या होते हैं ब्रेन स्ट्रोक से पहले के लक्षण

ब्रेन स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों में बोलने-समझने में दिक्कत, आवाज में लड़खड़ाहट और किसी की बात को समझने में दिक्कत जैसे संकेत शरीर देता है. इसके अलावा चेहरे, हाथ या पैर में कमजोरी होना या फिर इनका सुन्न होना भी होता है. विशेष रूप से इसमें शरीर के एक तरफ के चेहरे, हाथ या पैर में अचानक सुन्नपन या कमजोरी महसूस होती है.

इसके अलावा एक या दोनों आंखों से देखने में भी पेशेंट को तकलीफ होती है. कई बार तो अचानक एक या दोनों आंखों से धुंधला या काला दिखने लगता है. इसे टालना आपके लिए खतरनाक हो सकता है. इसके अलावा सामान्य लक्षणों में अचानक तेज सिर दर्द होना उल्टी, चक्कर आना या बेहोशी भी सबसे अहम लक्षण हैं.

कई बार इन लक्षणों को डॉक्टर भी पहचान नहीं पाते हैं, क्योंकि यह अक्सर शरीर के सामान्य रूप से बीमार पड़ जाने के लक्षण होते हैं. बुखार, थकान और डिहाइड्रेशन से मिलते-जुलते लक्षणों में कई लोग कुछ और हर इलाज करवाते रहते हैं और एक दिन झटका खा जाते हैं.

क्या कहते हैं जानकार

प्रोफेसर मेंहदीरत्ता के अनुसार यदि स्ट्रोक के तीन से छः घंटे के भीतर इलाज हो जाए तो रोगी को मृत्यु और विकलांगता से बचाया जा सकता है. इस रोग के रोगियों को खून पतला करने की दवाई दी जाती है और खून की कमी के कारण सिकुड़ चुकी नसों को सर्जरी और स्टेंट डालकर उपचार किया जाता है.

हार्ट पेशेंट्स को ब्रेन स्ट्रोक होने की संभावना अधिक होती है, अतः उन्हें नियमित समय पर अपनी जांच करवानी चाहिए और अपने कोलेस्ट्रोल को काबू में रखने का प्रयास रखना चाहिए. इसके अतिरिक्त मधुमेह या नशा सेवन की प्रवृत्ति भी ऐसे लोगों के लिए घातक हो सकती है?

(नोट : यह लेख आपकी जागरूकतासतर्कता और समझ बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. यदि किसी बीमारी के पेशेंट हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.)

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