Wed. Oct 9th, 2024

आयुर्वेद के अनुसार यदि किसी व्यक्ति का डायजेशन सिस्टम हमेशा सही रहे तो उसे कोई बीमारी हो नहीं सकती, लेकिन अधिकतर लोगों का डायजेशन सिस्टम सही नहीं रहता. उन्हें रोज शौच की आदत नहीं होती या बड़ी मुश्किल से बहुत कम मल त्याग होता है. इसी स्थिति को कब्ज कहते हैं.

गंभीरता से लीजिए कब्ज को-

लोग कब्ज को लेकर गंभीर नहीं रहते हैंं क्योंकि इससे तुरन्त कोई समस्या पैदा नहीं होती, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम बहुत ही दुखदायी होते हैं. एक बार यदि यह रोग किसी को हो जाए तो उससे छुटकारा पाना बहुत ही कठिन होता है. कब्ज की वजह से ही अनेक बीमारियां जैसे पेट दर्द, सिर दर्द, गैस बनना, मुंह में छाले आदि हो जाते हैं.

अधिकतर लोग कब्ज के मूल कारणों को नहीं खोजते जिसके कारण यह स्थाई रूप से शरीर में बनी रहती है. अगर हम अपने पूरे दिन के रूटीन पर नज़र डाले तो हम पाएंगे कि यह बीमारी हमारी अपनी ही कुछ गलत आदतों की वजह से हमको घेरे है. अगर हम अपनी इन आदतों में चेंज लेकर आये तो इस रोग से छुटकारा पा सकते हैं जिसके लिए हमें किसी मेडिसिन की जरूरत नहीं पड़ेगी.

कब्ज के रोगियों में पाई जाने वाली कुछ मुख्य गलत आदतें

लाइफ स्टाइल को जानिए-

अधिकतर लोग सुबह लेट उठते हैं और फिर समय की कमी के कारण हर काम जल्दी-जल्दी करते हैं और शौच जैसे महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए भी पर्याप्त समय नहीं दे पाते. जिसकी वजह से कब्ज का शिकार हो जाते हैं. अच्छे स्वास्थ्य के लिए सुबह जल्दी उठकर तांबे के लोटे में रखा पानी पी कर थोड़ा टहलना चाहिए. फिर शौच जाना चाहिए.

स्वाभाविक शौच के लिए आवश्यक है कि आप शौच क्रिया जल्दबाजी में न करें तो बेहतर होगा. स्वाभाविक शौच के लिए कम से कम 10 मिनट का समय जरूर देना चाहिए. जहां तक संभव हो, भोजन दिन में दो बार ही करना चाहिए. दिन भर उल्टा-सीधा जैसे आइसक्रीम, चाट, पकौड़ी आदि भी नहीं खाना चाहिए. सही रूप से दोनों टाइम के खाने में कम से कम 5-6 घंटे का अंतर होना आवश्यक है ताकि खाना अच्छे से डायजेस्ट हो सके.

कैसा हो खाने का रूटीन?

प्रायः देखा गया है कि लोग दिन में खाना खाने के तुरंत बाद काम करने लग जाते है. वही रात को 10-11 बजे खाते हैं और तुरंत सोने चले जाते हैं जो हमारी पाचन शक्ति के लिए ठीक नहीं है. दिन में खाना खाने के बाद थोड़ी देर रेस्ट करना चाहिए. रात के समय जल्दी 6-7 बजे के करीब खाना खा लेना चाहिए जिससे सोने से पहले भोजन को पचने के लिए 2-3 घंटे का समय मिल जाए.

टहलने का प्लान करें-

नाइट में खाना खाने के बाद कुछ टाइम के लिए टहलना चाहिए, जिससे खाना अच्छी तरह से डायजेस्ट हो सके.

कुछ उपाय जरूर अपनाएं-

दिन में एक-एक घंटे के अंतर पर कई गिलास पानी पीना चाहिए. इससे पेट हमेशा साफ रहता है. अधिकतर देखा गया है कि लोग दिन में केवल सुबह के वक्त ही शौच जाते हैं, जो गलत है. व्यक्ति को दिन में दो समय, सुबह और शाम को शौच जाना चाहिए.

शौच क्रिया के समय व्यक्ति को इधर-उधर की बातें न सोचकर अपना पूरा ध्यान शौच क्रिया में लगाना चाहिए. 

(नोट : यह लेख आपकी जागरूकतासतर्कता और समझ बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. यदि किसी बीमारी के पेशेंट हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.)

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