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Dussehra Puja : दशहरा पूजन कैसे करें, दशहरे पर शस्त्र पूजा का महत्व?

दशहरा (dussehra) बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. इस दिन हम हर साल रावण के पुतले के दहन करते हैं और अगले दिन अपने रिशतेदारों से मिलने जाते हैं. वैसे दशहरा का मतलब (about dessehra) इतना सा नहीं है की रावण के पुतले का दहन किया और हो गया. दशहरा पूरे दस दिन का त्योहार है और इन दस दिनों का काफी ज्यादा महत्व हिन्दू धर्म में माना जाता है.

दशहरा क्यों मनाया जाता है? (dussehra in hindi)

दशहरा क्यों मनाया जाता है (why celebrate dussehra) इस बात को हम स्कूल के समय से पढ़ते आ रहे हैं और हमारे बुजुर्ग हमे बचपन से बताते आ रहे हैं की भगवान राम ने दशहरे के दिन रावण का वध करके माता सीता को मुक्त कराया था. इस खुशी में हम सब हर साल रावण के पुतले का दहन करते हैं. लेकिन इसके पीछे एक और कहानी है.

जब आप रावण का दहन करते हैं उससे पहले आप 9 दिन मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा भी करते हैं. माना जाता है की मां दुर्गा और महिषासुर के बीच नवरात्रि के शुरू होने पर शुरू हुआ था. ये 9 दिन चला था और दसवें दिन यानि दशहरे के दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर का वध करके स्वर्गलोक और पृथ्वी को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी.

दशहरा पूजन कैसे करें? (how to worship dussehra)

दशहरा यानि विजयदशमी के दिन पूजा करने के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है लेकिन इस दिन भगवान राम की पूजा करनी चाहिए कई लोग इस दिन अपने शास्त्रों का पूजन भी करते हैं. अगर आप दशहरे के दिन पूजा करना चाहते हैं तो इस प्रकार कर सकते हैं.

– सबसे पहले आपको जहां पर दशहरे की पूजा करनी है वहाँ पर रंगोली बनाएँ.
– पूजा वाली जगह पर अपनी कॉपी, किताबें और बही खाते रखें.
– अब साफ-सुथरे कागज पर कुमकुम से श्रीरामचंद्रायै नम: श्रीराम भद्राय नम: लिखें.
– अब रावण के दस सिरों के प्रतीक के रूप में गोबर के कंडे या फिर दस बताशे रखें.
– अब सुंदरकांड की पाँचवी चौपाई “प्रबिसी नगर कीजे सब काजा… का गान करें.
– भगवान श्री राम की स्तुति का पाठ करें.
– अगर घर में कोई भाई है तो बहने उसका तिलक करें.
– आप इस मौके पर सुंदरकांड का पाठ भी कर सकते हैं.
– इसके अलावा आप अपने अनुसार सरल पूजन करें जैसे तिलक लगाना, फूल चड़ाना, दीप प्रज्वाललित करना ये सारी चीजें करें.

दशहरे पर शस्त्र पूजन (dussehra shastra puja)

दशरे के दिन क्षत्रिय शस्त्र पूजन करते हैं. कई लोग अपने घर में मौजूद वाहनों का पूजन करते हैं, कई लोग अपने काम के औजारों का पूजन करते हैं. एसी मान्यता है की इस दिन जो भी काम किया जाता है उसमें उसे जीवनभर निराशा नहीं मिलती है. यानि उसका कर्म उसे जीवनभर फल देता है.

दशहरे पर शास्त्र और शस्त्र पूजन का महत्व

दशहरे पर शास्त्र पूजन का महत्व ये है की पहले ब्राह्मण दशहरे के दिन ही अपने घर से विधा ग्रहण करने के लिए निकलता था. प्राचीन काल में क्षत्रिय युद्ध लड़ने के लिए भी इस दिन का चुनाव करते थे. उनका मानना था की इस दिन उनकी विजय निश्चित होगी. इसलिए आज के जमाने में शास्त्र और शस्त्र पूजन दोनों ही दशहरा या विजयदशमी को किए जाते हैं. दशहरे के दिन शमी के वृक्ष की पूजा करें. इसके पूजन से आपको आरोग्य और धन की प्राप्ति होती है. ये भी माना जाता है की भगवान राम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले शमी के वृक्ष के सम्मुख सिर झुका कर अपनी जीत की प्रार्थना की थी.

By विजय काशिव

ज्योतिषी

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